टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) से राहत कैसे पाएं?
टीथिंग (Teething) के दौरान बच्चों का टीथ ग्राइंडिंग करना सामान्य खासतौर पर अगर वो दर्द में हों। यही नहीं, बच्चे सोते हुए भी टीथ ग्राइंडिंग यानी दांतों को पीसते हैं। अगर आप इस को लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर से बात अवश्य करें। टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) से राहत पाने के तरीके इस प्रकार हैं:
- ठंडा आहार (Cold foods): अपने बच्चे को ठंडा दही या अन्य चीजें दें। इससे उन्हें मसूड़ों में सूजन से राहत मिलेगी।
- टीथिंग रिंग्स (Teething rings): कोल्ड टीथिंग रिंग्स को बच्चे चबा सकते हैं और उन्हें इस दौरान मसूड़ों में होने वाली खुजली और दर्द से राहत मिलती है। यह रिंग्स आपको बाजार में आसानी से मिल जाएंगे।
- मसूड़ों में मालिश (Massage the gums): बच्चे को खिलाने से पहले कोल्ड वॉटर में आप अपनी उंगलियों को डालें और उसके बाद बच्चे के मसूड़ों की मालिश करें।
- मेडिकेशन (Medication): अगर आपका टोडलर दांत आने की समस्या से अनकंफर्टेबल महसूस कर रहा हो, तो पीडियाट्रिक डेंटिस्ट से बात करें। ताकि, वो दर्द और अन्य समस्याओं से राहत पाने के लिए उन्हें कोई दवाई दी जा सके। लेकिन, ध्यान रखें अपने बच्चे को टॉपिकल टीथिंग (Teething) जेल्स या लिक्विड्स इस्तेमाल करने को न दें। ऐसा करना उनके लिए हानिकारक हो सकता है। आइए जानें कि आपको किन परिस्थियों में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए?
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अपने टोडलर को डेंटिस्ट के पास कब ले जाएं?
वैसे तो जब शिशु का पहला दांत आना शुरू कर हो जाता है, तो तुरंत उसे डॉक्टर के पास ले जाना। लेकिन, आप जब आपका बच्चा एक साल का हो जाए, उसे तब डॉक्टर के पास ले जा सकते हैं। अब सवाल यह है कि बच्चे को डॉक्टर के पास इतनी जल्दी क्यों ले जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे ही शिशु का पहले दांत आना शुरू हो जाते हैं, उसमें कैविटी (Cavity) भी डेवलप हो सकती है। इसके साथ ही डॉक्टर आपको और आपके बच्चे को ओरल हाइजीन के बारे में सीखा सकते हैं। जैसे दिन में दो बार ब्रश करना, कुछ भी खाने के बाद कुल्ला करना, किसी अच्छे माउथवॉश का इस्तेमाल आदि। कई डॉक्टर बच्चों को हर छह महीने में एक बार चेकअप की सलाह देते हैं।
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यह तो थी जानकारी टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के बारे में। टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के लक्षणों और टाइमलाइन्स के बारे में जानकारी होने से आप अपने शिशु को कई परेशानियों से राहत पाने में मदद कर सकते हैं। इसके लक्षणों में मसूड़ों और कानों में दर्द शामिल है। इसके साथ ही बच्चे को सॉफ्ट और कोल्ड फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। जब बच्चे के बीस दांत पूरे हो जाए, तो बच्चे को उन्हें हेल्दी और स्ट्रांग बनाने के तरीकों के बारे में बताएं। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से उस बारे में अवश्य पूछें।
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