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खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) का क्या हो सकता है कारण? जानें 9 वजहें

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/09/2023

    खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) का क्या हो सकता है कारण? जानें 9 वजहें

    ड्राय कफ और चेस्ट पेन … इन दोनों परेशानियों में ड्राय कफ की समस्या सामान्य है, लेकिन अगर खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) की समस्या शुरू हो जाए तो टेंशन होना लाजमी है। वैसे कहते हैं कोई भी शारीरिक परेशानी कम हो या गंभीर हो, दोनों ही शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को बढ़ाने का काम करती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करेंगे।      

    सीने में दर्द और सूखी खांसी (Dry Cough and Chest Pain)

    ड्राय कफ को मेडिकल टर्म में अनप्रोडक्टिव कफ (unproductive cough) भी कहा जाता है। ड्राय कफ की समस्या होने पर खांसने के वक्त किसी तरह के कफ या थूक बाहर नहीं निकलता है। कई कारणों को वजह से खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) की समस्या हो सकती है। यहां हम आपके साथ सीने में दर्द और सूखी खांसी के कारण (Dry Cough and Chest Pain) शेयर करने जा रहें हैं, जिससे इस परेशानी से बचने में मदद मिल सके।  

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    खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) का कारण?

    ड्राय कफ और चेस्ट पेन के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

    अस्थमा (Asthma) 

    अस्थमा की समस्या होने पर एयरवेस (Airways) में सूजन की समस्या शुरू होने के साथ-साथ सिकुड़ भी जाती है। ऐसी स्थिति में ड्राय कफ की समस्या सीने में दर्द की समस्या शुरू हो सकती है। 

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease [GERD])

    जब पेट में मौजूद आहार खाने की नली में वापस आ जाता है, तो ऐसी स्थिति में पेट में जलन एवं अन्य तकलीफ शुरू हो जाती है। पेट से जुड़ी इस तकलीफ को GERD (गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज) कहते हैं। GERD की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होने पर एसोफेगस में स्टमक एसिड आने की वजह से सीने में जलन एवं सीने में दर्द की समस्या शुरू हो सकती है।  

    रेस्पायरेटरी इंफेक्शन (Respiratory infection)

    वारयल या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से रेस्पायरेटरी सिस्टम में इन्फेक्शन की समस्या शुरू हो जाती है, जिसकी वजह से खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) की समस्या शुरू हो सकती है। 

    एनवायरनमेंटल इरिटेंट्स  (Environmental irritants)

    स्मोक (Smoke), डस्ट (Dust) एवं पॉलेन (Pollen) भी ड्राय कफ और चेस्ट पेन (Dry Cough and Chest Pain) का कारण बन सकते हैं। 

    कोलैप्स्ड लंग (Collapsed lung)

    कोलैप्स लंग्स की समस्या को मेडिकल टर्म में न्यूमोथोरैक्स (Pneumothorax) कहते हैं। ऐसी स्थिति किसी दुर्घटना या हाई-कॉन्टेक्ट स्पोर्ट्स (High-contact sport) के कारण लंग्स को डैमेज कर सकती जो खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) की समस्या को भी दावत दे सकते हैं।  

    लंग कैंसर (Lung cancer)

    लंग कैंसर की समस्या होने पर भी सीने में दर्द और सूखी खांसी (Dry Cough and Chest Pain) की समस्या हो सकती है। 

    हार्ट फेलियर (Heart failure)

    हार्ट फेलियर की समस्या होने पर हार्ट ब्लड पंप करने में समर्थ नहीं होता है। ऐसी स्थिति हार्ट डिजीज (Heart disease) एवं हार्ट अटैक (Heart attack) का कारण बन सकती है। 

    और पढ़ें : वैलव्युलर हार्ट डिजीज: दिल से जुड़ी इस बीमारी की पूरी जानकारी जानें यहां!

    खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) हो तो क्या करें?

    खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) की समस्या होने पर डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) एवं बीमारी के लक्षणों के बारे में पूछते हैं। इन स्थितियों को समझने के बाद डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट करते हैं। जैसे:

    स्पिरोमेट्री (Spirometry)

    स्पिरोमेट्री टेस्ट से व्यक्ति की सांस लेने की क्षमता को समझने में मदद मिलती है। इसके साथ ही व्यक्ति कितनी तेजी से सांस ले रहा है छोड़ रहा है इसकी भी जानकारी मिलती है। 

    चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)

    चेस्ट एक्स-रे से लंग कैंसर (Lung cancer), डैमेज हुए लंग (Collapsed lung) या लंग्स से जुड़ी किसी भी समस्या (Lung problems) की जानकारी मिल जाती है।  

    ब्लड टेस्ट (Blood tests)

     ब्लड टेस्ट की सहायता से कुछ विशेष प्रकार के इंजाइम्स (Enzymes) या प्रोटीन (Proteins) की जानकारी मिलती है। 

    बैक्टीरियल स्पुटम कल्चर (Bacterial sputum culture)

    इस टेस्ट की मदद से बैड बैक्टीरिया की जानकारी मिलती है, जो सीने में दर्द और सूखी खांसी की समस्या को दावत दे सकते हैं। 

    लैरींगोस्कोपी (Laryngoscopy)

     एक छोटे से कैमरी की सहायता से थ्रोट की जांच की जाती है, जिससे इंफेक्शन या खांसते समय सीने में दर्द के अन्य कारणों का पता चल सकता है। 

    और पढ़ें : Blood pressure and Heart attack: हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर कहीं किसी और गंभीर बीमारी का ना बन जाए कारण!

    खांसते समय सीने में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Chest Pain and Dry cough)

    ड्राय कफ और चेस्ट पेन का इलाज इसके कारणों के आधार पर किया जाता है। जैसे:

     अस्थमा (Asthma)

    अस्थमा की समस्या होने पर इंहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स (Inhaled corticosteroids), ऐन्टिकोलिनर्जिक (Anticholinergics) एवं ब्रोंकोडाईलेटर्स (Bronchodilators) जैसी दवाएं प्रिस्क्राइब की जाती हैं। 

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease [GERD])

     गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होने पर एंटासिड (Antacids), एच2 ब्लॉकर्स (H2 blockers), पीपीआई (Proton pump inhibitors) एवं प्रोकैनेटिक्स (Prokinetics) जैसी दवाएं प्रिस्क्राइब की जाती हैं। 

    रेस्पायरेटरी इंफेक्शन (Respiratory infection)

     सीने में दर्द और सूखी खांसी की समस्या रेस्पायरेटरी इंफेक्शन की वजह से हुई है, तो ऐसी स्थिति में वेपोराइजर या स्टीम लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा गर्म चाय के सेवन की भी सलाह दी जाती है।   

    एनवायरनमेंटल इरिटेंट्स (Environmental irritants)

    अगर ड्राय कफ और चेस्ट पेन की समसयस एनवायरनमेंट फेक्टर्स के कारण हुई है तो ऐसी स्थिति में पेशेंट को घर पर रहने की सलाह दी जाती है और इसके साथ ही एलर्जी की दवा (Allergy medicine) भी प्रिस्क्राइब की जाती है। 

    कोलैप्स्ड लंग (Collapsed lung)

    कोलैप्स लंग की समस्या होने पर डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) को बारीकी से समझते हैं और इलाज करते हैं। 

    लंग कैंसर (Lung cancer)

    लंग कैंसर की समस्या होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं। इस दौरान दवाओं के साथ-साथ पेशेंट को थेरिपी भी दी जाती है। 

    नोट: यहां दवाओं के नाम सिर्फ जानकारी के लिए दी गई हैं। इन दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से ना करें, क्योंकि इनके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।   

    इन्हीं अलग-अलग तरहों से ड्राय कफ और चेस्ट पेन की समस्या का इलाज किया जाता है। 

    कभी-कभी ड्राय कफ और चेस्ट पेन की समस्या सामान्य हो सकती है,  लेकिन पेशेंट को इस समस्या को इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योंकि कुछ स्थितियों में इमरजेंसी की भी स्थिति पैदा हो सकती है।  

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    खांसी और सीने में दर्द के लिए डॉक्टर से कब मिलना चाहिए है?

    डॉक्टर से निम्नलिखित स्थितियों में कंसल्ट करना जरूरी है। जैसे:

    • सांस लेने में तकलीफ या घरघराहट (Shortness of breath or wheezing) की समस्या महसूस होना। 
    • खांसने पर मुंह से खून (Coughing up blood or bloody phlegm) की समस्या होना। 
    • बिना कारण कमजोरी (Weakness) या थकान (Fatigue) महसूस होना। 
    • बिना कारण अत्यधिक पसीना (Sweating) आना। 
    • पैरों में सूजन (Leg swelling) आना। 
    • हल्का सिरदर्द (Lightheadedness) महसूस होना। 

    अगर ऐसी स्थिति बनती है, तो बिना देर किये जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

    ध्यान दें

    खांसते समय सीने में दर्द (Chest pain and dry cough) से जुड़ी हुई परेशानी एवं कई अन्य परेशानियों का इलाज आसानी से किया जाता है, अगर बीमारी के शुरुआती दिनों से ही डॉक्टर से कंसल्ट में रहने पर। वहीं अगर आप सीने में दर्द और सूखी खांसी (Dry Cough and Chest Pain) ​से जुड़े किसी तरह के सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर अपना सवाल पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।

    स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। यहां हम आपके साथ योग के महत्वपूर्ण जानकारी शेयर कर रहें हैं, जिसकी मदद से आप अपने दिनचर्या में योग को शामिल कर सकते हैं। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।

    डिस्क्लेमर

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