गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट (Gastroesophageal reflux disease diet) पर ध्यान देकर आप बीमारी के कई लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं। गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होने पर पेट में जलन की समस्या, उल्टी होना, ड्राय कफ, सेंसेशन, गले में खराश, ब्लोटिंग, खाना निगलने में दिक्कत, गले में लम्फ्स का एहसास आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कौन सी डाइट आपको ट्रिगर कर रही है या कौन से फूड्स लेने के बाद आपको गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं, इस बात की जानकारी होना जरूरी है।
आप जब भी खाना खाए, तो आपने क्या खाया है, कितने समय पर खाया है और खाने के बाद क्या लक्षण महसूस हुए हैं, इन बातों को एक कॉपी में जरूर नोट कर लें। आप को सत्ताह में एक बार डेयरी प्रोडक्ट लेने चाहिए। आपको खाने में हेल्दी चीजों को जरूर खाना चाहिए लेकिन उन चीजों को से दूरी बनानी चाहिए जिनमे सिट्रिक एसिड होता है। आपको खाने में फ्रेंच फ्राइज, प्याज, फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट जैसे कि मक्खन, पनीर, क्रीम, पोर्क, लैम्ब, आइसक्रीम, चिप्स, क्रीम सॉस, ग्रेवी, और क्रीमी सलाद ड्रेसिंग आदि से दूरी बनानी चाहिए।
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गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट के साथ ही करें लाइफस्टाइल में सुधार!
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट के बारे में तो आपको जानकारी मिल गई होगी। आपको खानपान के साथ ही लाइफ स्टाइल में सुधार करना भी बहुत जरूरी है। अगर आप लाइफस्टाइल में सुधार करते हैं, तो गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं। आपको अपने वेट को मेंटेन करना होगा और खाने में ऐसे फूड्स को अवॉइड करना होगा, जिससे तेजी से वजन बढ़ता है।
अगर एसिड का प्रोडक्शन अधिक हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद दवा का सेवन करना चाहिए, जिससे एसिड की मात्रा अधिक प्रोड्यूस ना हो। अगर आप गम खाना चाहते हैं, तो ऐसे गम का चुनाव करें, जिसमें पिपरमेंट या अन्य फ्लेवर न हो। आपको एल्कोहॉल का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो बेहतर होगा कि धीरे-धीरे इसे छोड़ने का प्रयास करें। तेजी से खाने को मत खाएं। अगर खाना बहुत गर्म है, तो नॉर्मल होने के बाद ही उसे खाएं। आपको टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए। जब भी आप सोने जाने वाले हो, तो करीब 3 से 4 घंटे पहले खाना ना खाएं। ऐसा करने से आप इस बीमारी के लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
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इस आर्टिकल में हमने आपको गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट (Gastroesophageal reflux disease diet) लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।