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GERD diet: गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज में क्या खाना चाहिए, जानिए यहां!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/01/2022

    GERD diet: गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज में क्या खाना चाहिए, जानिए यहां!

    हमारे शरीर में डायजेशन का महत्वपूर्ण रोल होता है। हम जो भी खाते हैं, वह पाचन प्रक्रिया के द्वारा ही ऊर्जा में बदलता है। अगर किसी कारण से डायजेस्टिव सिस्टम में किसी प्रकार की परेशानी आ जाए, तो पाचन में समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसा ही एक डिसऑर्डर है गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज। गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट (Gastroesophageal reflux disease diet) आपको इस बीमारी से काफी हद तक राहत दिलाती है। यह एक डायजेस्टिव डिसऑर्डर है, जिसके कारण पेट में मौजूद एसिड और खाना भोजन नली में वापस आ जाता है। इस कारण से खाने का डाइजेशन सही नहीं हो पाता है। जर्ड या फिर गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज होने पर डायट में फूड्स का चयन करना अहम होता है। आइए जानते हैं जिन लोगों को गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिसऑर्डर हो जाए, उन्हें खाने में क्या शामिल करना चाहिए।

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट (Gastroesophageal reflux disease diet)

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट (Gastroesophageal reflux disease diet)

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट (Gastroesophageal reflux disease diet) के बारे में जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर ये समस्या क्या है। जब स्टमक से एसिड इसोफेगस में वापस पहुंच जाता है तो एसिड रिफ्लक्स की समस्या पैदा हो जाती है। इसे कॉमन समस्या माना जाता है लेकिन इस समस्या पर ध्यान न देने से बड़ी समस्या भी पैदा हो सकती है और साथ ही हार्टबर्न के लक्षण (Symptoms of Heartburn) भी दिख लग सकते हैं। कई बार लोअर एसोफिजिअल स्फिन्कटर (lower esophageal sphincter) के कमजोर या फिर डैमेज हो जाने पर भी इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है। आप जो कुछ भी खाते हैं, वह आपके पेट में पैदा होने वाले एसिड की मात्रा को प्रभावित करता है। एसिड रिफ्लक्स की समस्या को नियंत्रित करने के लिए खाने में ऐसे फूड्स को शामिल नहीं करना चाहिए, जो एसिड की मात्रा को बढ़ाने का काम करें। आपको खाने में ऐसे फूड्स खाने चाहिए, जो ऐसे एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम करने में मदद कर सके।

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    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट: खाने में शामिल करें सब्जियां

    सब्जियों को हेल्दी आहार माना जाता है। भले ही आप नॉन वेजिटेरियन हो लेकिन सब्जियों का सेवन जरूर करें। वेजिटेबल में प्राकृतिक रूप से लो फैट और शुगर पाया जाता है। आप खाने में ग्रीन बीन्स, ब्रोकली, पत्तेदार हरी सब्जियां, आलू, खीरा आदि को शामिल कर सकते हैं। यह जहां एक और आपको पोषण देने का काम करती हैं, वही एसिड की मात्रा को भी बढ़ने से रोकती हैं।

    अदरक का सेवन करें जरूर

    अदरक औषधीय गुणों से भरपूर होता है। अदरक का सेवन भी आपके पेट के लिए अच्छा होता है। अदरक में नैचुरल एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। जिसके कारण हार्टबर्न या फिर पेट संबंधित अन्य समस्याओं में राहत मिलती है। आप अदरक का इस्तेमाल चाय के साथ या फिर खाने में कर सकते हैं। अगर आपको अक्सर हार्टबर्न की समस्या रहती है, तो आप अदरक की चाय बनाकर पी सकते हैं।

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    हेल्दी फैट को कहें हां!

    फैट का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के मन में मोटापे का ख्याल आने लगता है। आपको इस बात की जानकारी जरूर होने चाहिए कि फैट भी दो प्रकार के होते हैं। सैचुरेटेड फैट और अनसैचुरेटेड फैट। सैचुरेटेड फैट शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं जबकि अनसैचुरेटेड फैट आपकी हेल्थ के लिए लाभदायक होते हैं। हेल्दी फैट में आपको अखरोट, फ्लैक्सीड, ऑलिव ऑयल, सनफ्लावर ऑयल आदि को शामिल करना चाहिए और सैचुरेटेड फैट लेने से बचना चाहिए। आप हेल्दी फैट्स के अन्य सोर्स के बारे में डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं।

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट: फलों का चयन करते समय रखें सावधानी!

    चूकिं गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज एसिड की समस्या से संबंधित है, इसलिए आपको ऐसे फलों का चयन नहीं करना चाहिए, जिनमें सिट्रस एसिड हो। फलों का चयन करते समय विशेष सावधानी रखें। आप फलों में केला, तरबूज, नाशपाती (Pear), सेब आदि का चयन कर सकते हैं। नींबू, संतरा आदि के सेवन से बचें।

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    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट: टमाटर का भी बंद कर दें सेवन!

    जैसा कि हमने आपको बताया कि कुछ फलों और सब्जियों में सिट्रिक एसिड होता है, जो आपके लिए ठीक नहीं है। यह एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) की समस्या को अधिक बढ़ाने का काम कर सकता है। आपको इसे खाने से या तो बहुत कम कर देना चाहिए या फिर बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। आपको खाने में ऑरेंज, ग्रेपफ्रूट, नींबू, पाइनएप्पल, टमाटर, पिज्जा या टमैटो सॉस आदि को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।

    ट्रिगर्स की पहचान भी है जरूरी!

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट (Gastroesophageal reflux disease diet) पर ध्यान देकर आप बीमारी के कई लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं। गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होने पर पेट में जलन की समस्या, उल्टी होना, ड्राय कफ, सेंसेशन, गले में खराश, ब्लोटिंग, खाना निगलने में दिक्कत, गले में लम्फ्स का एहसास आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कौन सी डाइट आपको ट्रिगर कर रही है या कौन से फूड्स लेने के बाद आपको गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं, इस बात की जानकारी होना जरूरी है।

    आप जब भी खाना खाए, तो आपने क्या खाया है, कितने समय पर खाया है और खाने के बाद क्या लक्षण महसूस हुए हैं, इन बातों को एक कॉपी में जरूर नोट कर लें। आप को सत्ताह में एक बार डेयरी प्रोडक्ट लेने चाहिए। आपको खाने में हेल्दी चीजों को जरूर खाना चाहिए लेकिन उन चीजों को से दूरी बनानी चाहिए जिनमे सिट्रिक एसिड होता है। आपको खाने में फ्रेंच फ्राइज, प्याज, फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट जैसे कि मक्खन, पनीर, क्रीम, पोर्क, लैम्ब, आइसक्रीम, चिप्स, क्रीम सॉस, ग्रेवी, और क्रीमी सलाद ड्रेसिंग आदि से दूरी बनानी चाहिए।

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    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट के साथ ही करें लाइफस्टाइल में सुधार!

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट के बारे में तो आपको जानकारी मिल गई होगी। आपको खानपान के साथ ही लाइफ स्टाइल में सुधार करना भी बहुत जरूरी है। अगर आप लाइफस्टाइल में सुधार करते हैं, तो गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं। आपको अपने वेट को मेंटेन करना होगा और खाने में ऐसे फूड्स को अवॉइड करना होगा, जिससे तेजी से वजन बढ़ता है।

    अगर एसिड का प्रोडक्शन अधिक हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद दवा का सेवन करना चाहिए, जिससे एसिड की मात्रा अधिक प्रोड्यूस ना हो। अगर आप गम खाना चाहते हैं, तो ऐसे गम का चुनाव करें, जिसमें पिपरमेंट या अन्य फ्लेवर न हो। आपको एल्कोहॉल का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो बेहतर होगा कि धीरे-धीरे इसे छोड़ने का प्रयास करें। तेजी से खाने को मत खाएं। अगर खाना बहुत गर्म है, तो नॉर्मल होने के बाद ही उसे खाएं। आपको टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए। जब भी आप सोने जाने वाले हो, तो करीब 3 से 4 घंटे पहले खाना ना खाएं। ऐसा करने से आप इस बीमारी के लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

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    इस आर्टिकल में हमने आपको गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज डायट (Gastroesophageal reflux disease diet) लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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