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लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के रिस्क फैक्टर्स (Risk factors of Left Atrial Enlargement)
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के रिस्क फैक्टर्स में हायपरटेंशन या अन्य हार्ट डिजीज के अलावा भी कई अन्य स्थितियां शामिल हो सकती हैं। इनके बारे में जानकारी होना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं इन रिस्क फैक्टर्स के बारे में।
- उम्र (Age): लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट की समस्या बुजुर्गों में अधिक सामान्य है।
- वजन(Weight): वजन के अधिक होने से हायपरटेंशन की समस्या बढ़ती है, जो लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट का एक कारण है।
- फैमिली हिस्ट्री (Family history): कई बार परिवार में यह रोग होने से भी इस समस्या का रिस्क बढ़ सकता है।
- अन्य हेल्थ स्थितियां (Other health conditions): कुछ अन्य हेल्थ कंडिशंस इस समस्या के लिए रिस्क फैक्टर्स हो सकती हैं जिनमें डायबिटीज भी एक है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अब जानिए इस रोग की जटिलताओं के बारे में।
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट की जटिलताएं (Left Atrial Enlargement Complications)
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) निम्नलिखित हृदय स्थितियों के लिए खराब परिणामों से जुडी हुई है:
- एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation): एट्रियल फिब्रिलेशन सामान्य और अक्सर हार्ट रेट के बढ़ने को कहा जाता है और इसे लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के कारण और जटिलता दोनों के रूप में जाना जाता है।
- स्ट्रोक (Stroke): ऐसा माना जाता है कि स्ट्रोक की स्थिति में भी इस समस्या का जोखिम बढ़ जाता है।
- कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure): कंजेस्टिव हार्ट फेलियर से पीड़ित लोगों में भी यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है। इस रोग की जटिलताओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें। जानिए किस तरह से होता है इस रोग का निदान।

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लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के निदान (Diagnosis of Left Atrial Enlargement)
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट(Left Atrial Enlargement) के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर रोगी से उसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही रोगी की मेडिकल हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री के बारे में जान जाएगा। यही नहीं, डॉक्टर कई टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं। जैसे हार्ट की जांच के लिए इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) का प्रयोग करना। इस टेस्ट में हार्ट की तस्वीर लेने के लिए अल्ट्रासाउंड का प्रयोग किया जाता है। इस टेस्ट में रोगी की छाती में मेटल इलेक्ट्रोड्स (Metal Electrodes) को अटैच किया जाता है। उसके बाद इसमें स्मॉल साउंड वेव्स (Small Sound Waves) को पास कराया जाता है। यह साउंड वेव्स हार्ट से बाउंस ऑफ करती है और इमेज बनाती हैं। यह पूरी तरह से सुरक्षित तरीका है। इसमें कोई भी दर्द नहीं होता और न ही इसके कोई साइड इफेक्ट्स हैं।
इसके साथ ही डॉक्टर लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के निदान के लिए अन्य कुछ टेस्ट भी करा सकते हैं, जैसे मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging) और कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन्स (Computed tomography scans) आदि। यह टेस्ट लेफ्ट एट्रियम के साइज को मापने के लिए उपयोगी माने जाते हैं। इस समस्या के निदान के बाद डॉक्टर इसके उपचार के बारे में जानते हैं। जानिए किस तरह से संभव है इसका उपचार?
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लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट का उपचार (Treatment of Left Atrial Enlargement)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के लिए कोई खास उपचार नहीं है। लेकिन डॉक्टर का फोकस इसके अंडरलायिंग कारणों को पहचानने को उनके उपचार करना होता है। इन अंडरलायिंग कारणों के उपचार के कई तरीके हैं। इन तरीकों में दवाईयां, सर्जरी और जीवनशैली में बदलाव आदि शामिल है। इसके उपचार के लिए इन दवाईयों का प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से:
हायपरटेंशन का उपचार
अगर रोगी में लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) का कारण हायपरटेंशन हो तो इस समस्या का उपचार इस तरह से संभव है:
- दवाईयां (Medicines), जिनमें बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers), डाययुरेटिक्स (Diuretics), ACE इन्हिबिटर्स (ACE inhibitors) और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers) शामिल हैं ।
- कम नमक वाले हेल्दी आहार का सेवन
- एल्कोहॉल को सीमित मात्रा में लें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- स्ट्रेस लेवल को कम रखें
- हेल्दी वजन को बनाए रखें
- स्मोकिंग से बचें
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माइट्रल स्टेनोसिस का उपचार (Treatment of Mitral stenosis)
माइट्रल स्टेनोसिस (Mitral stenosis) एक गंभीर समस्या है और यह लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) का कारण बन सकती है। इसका उपचार इस तरह से संभव है:
- हेल्दी डायट हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए लाभदायक है।
- फ्लूइड बिल्डअप.से बचें के लिए ब्लड थिनर्स दिए जा सकते हैं।
- असामान्य हार्टबीट के लिए एंटी- अरिथमिक ड्रग्स (Anti-arrhythmic drugs) का प्रयोग किया जाता है।
- माइट्रल वॉल्व को रिप्लेस या रिपेयर करने के लिए सर्जरी कराई जा सकती है।
माइट्रल रिगर्जेटेशन का उपचार (Treatment of Mitral regurgitation)
माइट्रल रिगर्जेटेशन (Mitral regurgitation) का उपचार इस तरह से किया जा सकता है:
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लेफ्ट वेंट्रिकल डिस्फंक्शन का उपचार (Treatment of Dysfunction of left ventricle)
लेफ्ट वेंट्रिकल डिस्फंक्शन के कारण भी लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) का जोखिम बढ़ सकता है। इसका उपचार इस तरह से किया जाता है:
- एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin Converting Enzyme Inhibitors) का प्रयोग
- बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers) का प्रयोग
- इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर्स(Implantable cardioverter defibrillator) का प्रयोग
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) से जुडी अन्य डेवलपिंग कंडिशंस का रिस्क लाइफस्टाइल में बदलाव से भी कम किया जा सकता है। यह तरीके इस प्रकार हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर और हाय कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करें
- हेल्दी डायट का सेवन करके जिसमें फल और सब्जियां शामिल करें
- एल्कोहॉल की मात्रा को सीमित करें
- स्मोकिंग को पूरी तरह से छोड़ दें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- अगर आपका वजन अधिक है तो वजन कम करने के तरीकों के बारे में जानें
- तनाव से दूर रहें
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यह तो थी लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के बारे में पूरी जानकारी। लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) से पीड़ित अधिकतर लोगों को इसका कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर दवाईयों या सर्जरी के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव के लिए भी कहा जाता है। लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के रोगी को अन्य हार्ट डिजीज होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में रोगी के लिए अपना ब्लड प्रेशर और हार्ट रिदम्स को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। अगर आपको हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री है, तो आप अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं।
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