के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
अपने 18 महीने के बच्चे के शारीरिक विकास में आपको अचानक बदलाव नजर आएं। औसतन 18 महीने के बच्चे की शारीरिक बनावट कुछ ऐसी हो सकती है-
अगर आपका बच्चा इस श्रेणी में नहीं आता है, तो भी चिंता नहीं करें। 18 महीने के बच्चे के लिए यह एक औसतन आंकड़ें हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आपका बच्चा बड़ा हो रहा है और एक्टिव भी रहता है। 18 महीने के बच्चे की देखभाल से जुड़ी अगर कोई भी चिंता है उसके बारे में डॉक्टर से बात करें।
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यह एक ऐसी अवस्था होती है जब बच्चों में लगातार बदलाव होते रहते हैं। कई मामलों में देखा जाता है कि 18 महीने के बच्चे चलना जानते हैं लेकिन, फिर भी वे गोद में रहना चाहते हैं। आपको भी आस-पास के माहौल का भी ध्यान रखना चाहिए। पब्लिक प्लेस में हो सकता है कि बच्चा खुद को सबके सामने छोटा महसूस करता हो और उसे खो जाने का डर होता है। हो सकता है वो भीड़ में जल्दी थक जाएं। अगर आप चाहें, तो उन्हें गोद में लें या अधिक दूर जाना हो, तो स्ट्रॉलर का इस्तेमाल करें। आप उसे अपना हाथ पकड़ कर चलने के लिए भी कहें ताकि उसे सुरक्षित महसूस हो। आप इसे थोड़ा मजेदार बनाने के लिए बच्चे से कहें कि अगले स्टॉप तक पैदल चलते हैं फिर हम स्ट्रॉलर पर या कार से जाएंगे। इस तरह से वो इसमें दिलचस्पी ले सकते हैं।
18 महीने के बच्चे की देखभाल (18 month old baby care) या नवजात शिशुओं की देखभाल के दौरान ध्यान दें कि अक्सर अपनी पसंद-नापसंद भी बताने लगते हैं जैसे जो दूध वो पहले आसानी से पी लेते थे अब उसी को पीने में आनाकानी करते हैं। हालांकि, यह कोई बड़ी बात नहीं है। ये छोटी-छोटी बाते हैं, जिससे वो अपनी आजादी महसूस करते हैं। 18 महीने के बच्चे की देखभाल बात का ख्याल रखें कि उन्हें दूध हमेशा देते रहें लेकिन पीने की जबरदस्ती न करें। इसी तरह से इस बात को भी सुनिश्चित करें कि उन्हें कैल्शियम पूरी मात्रा में मिले। इसके लिए उन्हें डेयरी प्रोडक्ट जैसे चीज, कॉटेज चीज, दही आदि दें। उनकी डायट में मिल्क शेक या डिजर्ट भी शामिल करें।
18 महीने के या देढ़ साल के बच्चे चलने, दौड़ने और भागने की शुरुआत करते हैं। अक्सर उन्हें अपने दोनों हाथों से गेंद पकड़ते हुए और आपकी ओर फेंकते हुए भी देखा जा सकता है। धीरे-धीरे वो चीजों को याद रखने लगते हैं। इस समय वो अपने खिलौनों के साथ सबसे ज्यादा खेलते हैं। 18 महीने के बच्चे की इन्द्रियों को विकसित करने के लिए आप उन्हें रंग या और भी कई चीज दे सकते हैं।
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इस समय बच्चों का नियमित चेकअप किया जाता है। आपका डॉक्टर कुछ ऐसे सवाल कर सकता है-
इन सवालों के जवाब से डॉक्टर को आपके 18 महीने के बच्चे का व्यवहारिक विकास का पता चलेगा। सभी बच्चे अलग-अलग गति से बड़े होते हैं। आपका डॉक्टर बता सकता है कि बच्चा सभी मापदंडों पर सही है या नहीं। डॉक्टर के साथ अपनी सभी चिंताओं को शेयर करें।
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18 महीने के बच्चों को अक्सर सभी महत्वपूर्ण टीके लग जाते हैं। यहां हम कुछ टीकों के बारे में आपको बता रहे हैं, जो अब तक उन्हें लग जाने चाहिए।
डिपथेरिया, टिटनेस, परट्यूसिस (DTaP) वैक्सीन: अगर अभी तक उसे डिप्थीरिया, टिटनेस, परट्यूसिस (DTaP) वैक्सीन ये सभी टीके नहीं लगे हैं तो आपके बच्चे को अब इसका चौथा कॉम्बिनेशन दिया जाएगा जो डिप्थीरिया से बचाता है (एक ऐसी बीमारी जिसमें गले के ऊपर एक परत हो जाती है जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है)।
टिटनेस: टिटनेस एक ऐसी बीमारी है जो मिट्टी, गंदगी या धूल में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होती है।
काली खांसी : काली खांसी को हुपिंग कफ भी कहते हैं, यह एक ऐसी बैक्टिरियल बीमारी है, जो अधिक खांसी होने से होती है।
चिकन पॉक्स वैक्सीन: अगर आपके 18 महीने के बच्चे को यह आखिरी विजिट में नहीं दिया गया था, तो उसे अब यह वैक्सीन दिलवाएं। यह बहुत ही सामान्य है लेकिन, बचपन में होने वाली इस बीमारी से बच्चे को बहुत परेशानी होती है।
पोलियो वैक्सीन: अगर आपके बच्चे को पोलियो वैक्सीन नहीं दिया गया है, तो अब उसे तीसरा या चौथा डोज दिया जाएगा। यह एक वायरल बीमारी होती है जिसमें पायरिलिसिस भी हो सकता है।
हेपेटाइटिस-बी: अगर आपके बच्चे को अभी तक वैक्सीन नहीं दी गई है तो उसे इसके तीन चरणों में वेक्सीन दी जाएगी जो बच्चों को हेपेटाइटिस-बी या लिवर की बीमारियों से बचाता है।
फ्लू: आपके बच्चे को हर साल यह वैक्सीन दिया जाना चाहिए। अगर समय खासकर फ्लू होने का है (अक्टूबर से नवंबर तक) तो उसे अभी टीका दिया जाना जरूरी होता है।
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समय पर टीका देने के अलावा बच्चों से जुड़ी छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है। उदाहरण के तौर पर बच्चों को कड़ी धूप से जरूर बचाकर रखें। शुरुआती दौर में सनबर्न होने की संभावना होती है। सनबर्न होने से त्वचा खराब होती है। उन्हें टोपी और चश्मे के साथ बाहर लेकर जाएं। बच्चों को हर मौसम में खास देखभाल की जरूरत होती है। उनके खान-पान से लेकर स्वास्थ्य तक का मौसम के हिसाब से ख्याल रखें।आप बच्चों के साथ अक्सर होने वाली छोटी-मोटी दुर्घटनाओं के बारे में सोचकर चिंतित होते हैं। 18 महीने का बच्चा बस लड़खड़ाते हुए चलना शुरू ही करता है, तो ऐसे में उसके साथ दुर्घटना होने की आशंका ज्यादा रहती है। अक्सर व्यस्तता के दौरान ये छोटी दुर्घटनाएं हो सकती हैं जैसे-टेबल और कुर्सियों से गिरना, खिड़की में हाथ दबा लेना आदि। ऐसा ज्यादातर ब्रेकफास्ट के दौरान, रात के खाने से पहले या जब घर में मेहमान हों, तब होता है क्योंकि इस दौरान आपका ध्यान कई चीजों पर केंद्रित होता है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको 18 महीने के बच्चे की देखभाल (18 month old baby care) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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