12 से 36 महीने के उम्र के बच्चे को टोडलर कहा जाता है। इस दौरान बच्चे का कॉग्निटिव, इमोशनल और सोशल विकास होता है। टोडलर को “टू टोडल (to toddle)” शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है बिना रुके चलना। इस उम्र के बच्चे बिना रुके ही चलते और भागते हैं। इस उम्र में दांत आना बच्चे और उनके पेरेंट्स के लिए दर्दभरा एक्सपीरियंस होता है। क्योंकि, इस दौरान निकलने वाली दाढ़ यानी मोलर्स (molars) न केवल साइज में बड़े होते हैं बल्कि उनके एजेज (Edges) भी डबल होते हैं। आज हम बात करने वाले हैं टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के बारे में। टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) में सबसे पहले जान लेते हैं टोडलर को टीथिंग (Teething) कब होना शुरू होती है?
टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) कब होना शुरू होती है?
टोडलर टीथ आमतौर पर पहले साल के दौरान नजर आने शुरू हो जाते हैं। शिशु का पहला दांत उसके छह महीने के होने पर निकलता है, जबकि लास्ट टीथ बच्चे के तीन साल के होने पर नजर आना चाहिए। हालांकि, आप यह अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि 1 या 2 साल की उम्र तक आपके बच्चे के कितने दांत निकलेंगे? लेकिन, टीथिंग (Teething) टोडलर इस टाइमलाइन को फॉलो कर सकता है:
6 से 15 महीने: मुंह के मिडिल हिस्से के ऊपरी और निचले हिस्से में दांत बच्चे के छह से बारह महीने के होने पर नजर आते हैं। ऐसा माना जाता है कि उनमें सबसे पहले नीचे वाला दांत आता है। उनके नौ महीने के होने तक उनके आसपास और दांत आने शुरू हो जाते हैं। इस दौरान उनकी दाढ़ निकलनी भी शुरू हो सकती है, जो थोड़ी दर्दभरी हो सकती हैं।
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16 से 23 महीने: इस समय में टोडलर के पॉइंटेड टीथ आने शुरू होते हैं। यह कैनिन्स (canines) लेटरल, इन्साइजर्स और फर्स्ट टोडलर मोलर्स के बीच में स्थित होते हैं। आमतौर पर अपर कैनिन्स, निचले वाले से कुछ महीने पहले बदल जाते हैं।
23 से 33 महीने: इस दौरान ऊपर और नीचे वाली तरफ के दूसरी और पीछे वाली दाढ़ें यानी मोलर्स पॉप होना शुरू हो जाती हैं। टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) में मोलर्स का लास्ट सेट उसके 33 महीने में निकल सकता है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह उसके तीन महीने के होने तक दिखना शुरू हो जाते हैं। उसके तीन साल के होने तक बच्चे के पूरे बीस दांत निकल आते हैं। हालांकि, हर बच्चा अलग होता है। ऐसे में टीथिंग एज भी हर बच्चे के लिए अलग हो सकती है। अब जान लेते हैं टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के लक्षणों के बारे में।
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टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के क्या हैं लक्षण
हो सकता है कि आपके टोडलर को दाढ़ निकलते हुए कम दर्द या बिलकुल भी दर्द न हो। अगर ऐसा है तो आपका बच्चा बहुत लकी है। क्योंकि, अधिकतर बच्चों के लिए यह एक्सपीरियंस पेनफुल होता है। हालांकि, दाढ़ें उस तरह से ही निकलती हैं जैसे बचपन में अन्य दांत निकलते हैं। इसके लक्षण भी उन्हीं के जैसे होते हैं। टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- चिड़चिड़ापन (Irritability): दाढ़ के निकलने पर आपका बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है। क्योंकि, इसके कारण मसूड़ों में सूजन हो सकती है और यह सेंसिटिव हो सकते हैं।
- कानों को खींचना और गालों को रब करना (Ear pulling and Cheek rub): अगर आपका बच्चा अपने मसूढ़ों, कानों और गालों को खिंच या रब कर रहा हो, तो ऐसा इसलिए हो सकता है कि उनके कान और गालों में दर्द महसूस हो रहा है।
- चबाना (Chewing):अगर आप यह नोटिस करें कि आपका बच्चा हर चीज को चबा रहा है, तो यह भी टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के लक्षण हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चबाने से उनके मसूड़ों पर प्रेशर से राहत मिलती है।
- ड्रोलिंग (Drooling):अधिक ड्रोलिंग यानी मुंह से अत्यधिक लार निकलना भी टीथिंग (Teething) की निशानी है।
- नींद न आना (Sleep Problem): दर्द की वजह से शिशु सो नहीं पाता है। टोडलर आमतौर पर इस दौरान दर्द के कारण रात भर जागता है।
- खाने की इच्छा न होना (Lack of desire to eat): टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) का एक लक्षण यह भी है कि बच्चे इस दौरान कुछ भी खाने में दिलचस्पी नहीं दिखाता है। अगर आपका बच्चा भी ऐसा कर रहा है, तो यह टीथिंग (Teething) की निशानी हो सकती है। अब जानते हैं इस समस्या से राहत पाने के लिए कुछ टिप्स।
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टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) से राहत कैसे पाएं?
टीथिंग (Teething) के दौरान बच्चों का टीथ ग्राइंडिंग करना सामान्य खासतौर पर अगर वो दर्द में हों। यही नहीं, बच्चे सोते हुए भी टीथ ग्राइंडिंग यानी दांतों को पीसते हैं। अगर आप इस को लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर से बात अवश्य करें। टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) से राहत पाने के तरीके इस प्रकार हैं:
- ठंडा आहार (Cold foods): अपने बच्चे को ठंडा दही या अन्य चीजें दें। इससे उन्हें मसूड़ों में सूजन से राहत मिलेगी।
- टीथिंग रिंग्स (Teething rings): कोल्ड टीथिंग रिंग्स को बच्चे चबा सकते हैं और उन्हें इस दौरान मसूड़ों में होने वाली खुजली और दर्द से राहत मिलती है। यह रिंग्स आपको बाजार में आसानी से मिल जाएंगे।
- मसूड़ों में मालिश (Massage the gums): बच्चे को खिलाने से पहले कोल्ड वॉटर में आप अपनी उंगलियों को डालें और उसके बाद बच्चे के मसूड़ों की मालिश करें।
- मेडिकेशन (Medication): अगर आपका टोडलर दांत आने की समस्या से अनकंफर्टेबल महसूस कर रहा हो, तो पीडियाट्रिक डेंटिस्ट से बात करें। ताकि, वो दर्द और अन्य समस्याओं से राहत पाने के लिए उन्हें कोई दवाई दी जा सके। लेकिन, ध्यान रखें अपने बच्चे को टॉपिकल टीथिंग (Teething) जेल्स या लिक्विड्स इस्तेमाल करने को न दें। ऐसा करना उनके लिए हानिकारक हो सकता है। आइए जानें कि आपको किन परिस्थियों में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए?
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अपने टोडलर को डेंटिस्ट के पास कब ले जाएं?
वैसे तो जब शिशु का पहला दांत आना शुरू कर हो जाता है, तो तुरंत उसे डॉक्टर के पास ले जाना। लेकिन, आप जब आपका बच्चा एक साल का हो जाए, उसे तब डॉक्टर के पास ले जा सकते हैं। अब सवाल यह है कि बच्चे को डॉक्टर के पास इतनी जल्दी क्यों ले जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे ही शिशु का पहले दांत आना शुरू हो जाते हैं, उसमें कैविटी (Cavity) भी डेवलप हो सकती है। इसके साथ ही डॉक्टर आपको और आपके बच्चे को ओरल हाइजीन के बारे में सीखा सकते हैं। जैसे दिन में दो बार ब्रश करना, कुछ भी खाने के बाद कुल्ला करना, किसी अच्छे माउथवॉश का इस्तेमाल आदि। कई डॉक्टर बच्चों को हर छह महीने में एक बार चेकअप की सलाह देते हैं।
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यह तो थी जानकारी टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के बारे में। टोडलर टीथिंग (Toddler Teething) के लक्षणों और टाइमलाइन्स के बारे में जानकारी होने से आप अपने शिशु को कई परेशानियों से राहत पाने में मदद कर सकते हैं। इसके लक्षणों में मसूड़ों और कानों में दर्द शामिल है। इसके साथ ही बच्चे को सॉफ्ट और कोल्ड फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। जब बच्चे के बीस दांत पूरे हो जाए, तो बच्चे को उन्हें हेल्दी और स्ट्रांग बनाने के तरीकों के बारे में बताएं। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से उस बारे में अवश्य पूछें।
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