शिशु को संभालना कोई आसान काम नहीं होता है। जब तक वह मां की गोद में हंसता और खेलता है तब तक आपके कंट्रोल में रहता है। लेकिन जैसे ही बच्चे ने चलना शुरू कर दिया, मां के लिए उसे संभालना जंग जीतने जैसा काम हो जाता है। 3 साल का बच्चा, जब शैशवकाल में कदम रखता है तब उसमें सब कुछ जानने की इच्छा बहुत बढ़ जाती है। वह अपने छोटे-छोटे कदम से सब कुछ एक ही पल में जानने की कोशिश करने लगता है। इसलिए एक पल में वह यहां है तो दूसरे पल में न जाने कहां चला जाता है। यहां तक कि इसी उम्र में उसका मेंटल ग्रोथ भी तेजी से होने लगता है। वह रंग, आकार जैसे चीजों को अच्छी तरह से समझने लगता है। इसलिए इस उम्र के बच्चे को बहुत ही समझदारी से संभालने की जरूरत होती है। 3 साल के बच्चे को कुछ इस तरह से बिजी रखने की जरूरत है कि उसका बॉडी और मेंटल ग्रोथ दोनों एक साथ हो।