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बच्चा करता है 'बेडवेटिंग', इस तरह निपटें इस परेशानी से

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/12/2021

    बच्चा करता है 'बेडवेटिंग', इस तरह निपटें इस परेशानी से

    बेडवेटिंग छोटे बच्चों के लिए एक आम समस्या हो सकती है। बेडवेटिंग (Bedwetting) के कारण आप शर्मिंदगी का शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा बेडवेटिंग करने वाले लोगों को रात भर गीले या गंदे बिस्तर पर लेटने से उनकी त्वचा को नुकसान पहुंचने का खतरा भी रहता है। ऐसे में बेडवेटिंग (Bedwetting) एक ऐसा मुद्दा है जिसे स्वीकार करने के बजाय इससे ठीक से निपटा जाना चाहिए।

    अगर आपके घर में भी बच्चों को बेडवेटिंग (Bedwetting in children) की परेशानी है तो आप इन टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैंः

    फ्लूइड इनटेक को मॉनिटर करें (Monitar Fluid intake)

    एक सलाह माता-पिता अपने बच्चे को देते रहते हैं कि खुब पानी पियो। लेकिन, ज्यादा पानी पीने से भी कुछ परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। हालांकि डिहाइड्रेशन (Dehydration) से बचने के लिए हाइड्रेटेड रहना जरुरी है, जिसकी वजह से मूत्राशय (Bladder) के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। जितना अधिक पानी हम पीते हैं उतना ही हमें बाथरुम जाने की जरूरत होती है। बिस्तर पर जाने से पहले यानि की सोने से कुछ घंटों पहले द्रव का सेवन सीमित करने का प्रयास करें। इसकी वजह से आपका मूत्राशय रात के दौरान बहुत अधिक काम नहीं करेगा, जिसकी वजह से बेडवेटिंग (Bedwetting) से बचा जा सकता है।

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    सोने से पहले बाथरूम का इस्तेमाल करें

    बिस्तर पर जाने से पहले रात के समय होने वाली बेडवेटिंग (Bedwetting) से बचने के लिए अपने ब्लैडर को पूरी तरह से खाली करें। सोने से पहले बाथरूम जरूर जाएं।

    बाथरूम पहुंचने का रास्ता आसान रखें

    बेडवेटिंग (Bedwetting) से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए समय से बाथरूम पहुंचना सबसे बड़ी परेशानी का कारण हो सकता है। यह समस्या विशेष रूप से छोटे बच्चों, विकलांग या मेच्योर के साथ-साथ मानसिक रूप से कमजोर (Mentally week) व्यक्तियों में होने की संभावना है।

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    बेडवेटिंग अलार्म का उपयोग करें (Use of Bedwetting Alarm)

    बेडवेटिंग अलार्म असंयमित बच्चों के साथ-साथ उन बच्चों को भी प्रशिक्षित करने का एक प्रभावी तरीका है, जिनमें प्राथमिक एन्यूरिसिस (बचपन से बेडवेटिंग) की परेशानी है।

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    बेडवेटिंग (Bedwetting)

    सुरक्षित कपड़ों (Cloths) का उपयोग करें

    जब तक आपके प्रियजन को बेडवेटिंग को लेकर ट्रेनिंग नहीं देते है, तब तक आप रात भर उनके पहनने वाले कपड़ों को चुन सकते हैं जैसे कि असंयम पैड (incontinence pads), युवा या वयस्क डायपर (youth or adult diapers ) और सोखने वाले अंडरवियर (absorbent underwear) के साथ उनकी त्वचा और उनके बिस्तरों को आराम से सूखने में मदद कर सकते हैं, जिन्हें पुल-अप भी कहा जाता है।

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    पॉटी ट्रेनिंग करेगा मदद (Potty training is help full)

    अगर बच्चा अभी दो से पांच साल का है तो आप उसे पॉटी ट्रेनिंग दे कर बच्चे की बेडवेटिंग (Bedwetting) की आदत धीरे-धीरे छूट जाएगी। अभी आप सोच रहे होंगे कि पॉटी ट्रेनिंग का बेडवेटिंग से क्या संबंध है। पॉटी ट्रैनिंग (Potty training) एक ऐसी ट्रेनिंग है, जिसमें बच्चा टॉयलेट का इस्तेमाल सीखता है। उसे जब भी सूसू या पॉटी आए तब वो जा कर खुद से कर सके। बेडवेटिंग (Bedwetting) को रोकने के लिए आप इस तरह से बच्चे को ट्रेन कर सकते हैं। 

    • बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग (Potty training) देने से पहले माता-पिता को समझना चाहिए कि बच्चा सीख सकता है या नहीं। इसके लिए लगभग एक महीने तक बच्चे की आदतों और हावभाव पर माता-पिता को गौर करना चाहिए। अगर बच्चा सूसू करने के बाद गीली नैपी को पहने रहने से मना कर रहा है तो आप समझ जाएं कि अब डायपर को बाय-बाय कहने का वक्त आ गया है।
    • बच्चे को प्यार से समझाएं कि अब डायपर या पैंट में सूसू या पॉटी करना सही नहीं है। बच्चे को बताएं कि अगर वह डायपर (Diaper) में सूसू या पॉटी करता रहा तो वह बीमार हो जाएगा। साथ ही उसे अपने साथ लेकर शौचालय जाएं और बच्चे में शौचालय के प्रयोग के लिए दिलचस्पी जगाएं। बच्चे को शौचालय के हर चीज (टॉयलेट सीट पर बैठने से लेकर फ्लश तक) की जानकारी और उसे इस्तेमाल करने का तरीका बताएं। ऐसा करने से बच्चे के मन में शौचालय का इस्तेमाल करने की इच्छा होगी।
    • बच्चे को दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी पॉटी ट्रेनिंग (Potty training) दें। दिन भर वह जागता रहता है लेकिन रात में वह बिस्तर गीला कर दे तो ट्रेनिंग का कोई मतलब नहीं निकलता। इसलिए बच्चे को सोने से पहले सूसू करने को कहें। इसके अलावा उसे समझाएं कि रात में सूसू आने पर वह आपको जगाए। खुद भी रात में तीन से चार घंटे के अंतराल पर बच्चे को उठा कर सूसू कराएं। ऐसा करने से बेडवेटिंग (Bedwetting) की समस्या से निजात मिलेगी।

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    बेडवेटिंग को रोकने के घरेलू उपाय (Tips to Prevent Bedwetting)

    अगर बच्चे की उम्र पांच साल से ऊपर हो गई है और वह आज भी बेडवेटिंग (Bedwetting) करता है तो आप उसके लिए घरेलू उपाय अपना सकते हैं: 

    • मेथी के बीज बेडवेटिंग के घरेलू उपचार में एक अच्छा विकल्प हैं। मेथी (Fenugreek) के इस्तेमाल के लिए इसे अच्छे से भून लें और ठंडा होने पर पीस लें। इस पाउडर को स्टोर कर के रख लें। इस समस्या के दौरान आप आधा चम्मच मेथी पाउडर को पानी के साथ बच्चे को खिला सकते हैं।
    • अनार में काफी मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट (Antioxidant) गुण होते हैं, जो बिस्तर पर पेशाब करना रोकते हैं। इसके लिए अनार का जूस निकालकर बच्चे को पिलाएं। 
    • बच्चे को डिनर (Dinner) के एक या दो घंटे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी (Water) पिला दें। इससे डिनर के वक्त बच्चा कम पानी पिएगा और सोने से पहले सूसू करा दें। ऐसे में उसे रात में सूसू कम होगी और वह बेडवेटिंग नहीं करेगा।
    • आंवले में एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो ब्लैडर के इंफेक्शन को कम करके उसे मजबूत बनाता है। इससे बेडवेटिंग की समस्या (Problem of Bedwetting) कम होती है और उसे कंट्रोल भी किया जा सकता है। आंवले को शहद (Honey) और केले (Banana) के साथ खाने से ये ज्यादा फायदा करता है।

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    अपने डॉक्टर से बात करें

    हालांकि बेडवेटिंग असहज हो सकती है या इसके बारे में बात करने से आप शर्म महसूस कर सकते हैं, फिर भी अपनी समस्या के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि एक डॉक्टर बेडवेटिंग के कारण (Cause of Bedwetting) को खोजने में मदद कर सकता है, जो उपचार को आसान और अधिक प्रभावी बना देगा।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और बच्चों में बेडवेटिंग (Bedwetting in children) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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