डिस्बायोसिस को डायग्नोस कैसे किया जाता है? (Dysbiosis diagnosis)
आपकी मेडिकल हिस्ट्री को देखने और आपके लक्षणों का आकलन करने के बाद, डॉक्टर निम्नलिखित में से एक या कई परीक्षणों का आदेश दे सकता है:
कार्बनिक अम्ल परीक्षण (Organic Acids test)
डॉक्टर यूरिन सैम्पल एकत्र करेगा और उसे एक प्रयोगशाला में भेजेगा। लैब टेक्नीशियन कुछ ऐसे एसिड की जांच करेगा जो बैक्टीरिया पैदा कर सकते हैं। यदि ये एसिड का स्तर असामान्य है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि कुछ बैक्टीरिया संतुलन से बाहर हैं।
कॉम्प्रेहेनसिव डायजेस्टिव स्टूल एनालिसिस (Comprehensive digestive stool analysis)
इस टेस्ट के जरिए स्टूल की जांच की जाती है। डॉक्टर एक स्पेशल इक्विपमेंट देता है जिसमें स्टूल को कलेक्ट किया जाता है। इसके बाद इसे लैब में टेस्टिंग के लिए दिया जाता है। लैब टेक्नीशियन स्टूल का परीक्षण करके देखेंगे कि कौन से बैक्टीरिया, यीस्ट या कवक मौजूद हैं। टेस्ट के रिजल्ट के जरिए डॉक्टर असंतुलन या अतिवृद्धि होने के बारे में पता कर सकते हैं।
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हायड्रोजन ब्रीथ टेस्ट (Hydrogen breath test)
आपका डॉक्टर शुगर सॉल्यूशन पीने और एक विशेष गुब्बारे में सांस लेने के लिए कहेगा। फिर गुब्बारे में व्यक्ति द्वारा छोड़ी गई हवा का बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित गैसों के लिए परीक्षण किया जा सकता है। बहुत अधिक या बहुत कम कुछ गैसें जीवाणु असंतुलन का संकेत दे सकती हैं। यह परीक्षण अक्सर छोटी आंत में जीवाणु अतिवृद्धि (small intestinal bacterial overgrowth) के परीक्षण के लिए किया जाता है।
डिस्बायोसिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Dysbiosis treatment)
अगर कोई दवा डिस्बायोसिस का कारण बन रही है तो डॉक्टर उस दवा को बंद करने की सलाह देंगे। बैक्टीरिया के बैलेंस को ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं लिख सकते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- सिप्रोफ्लोक्सासिन (Ciprofloxacin) एक एंटीबायोटिक जो डिस्बायोसिस के कारण होने वाले आंत के संक्रमण का इलाज करती है।
- रिफक्सिमिन (Rifaximin) एक एंटीबायोटिक है जो इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) के लक्षणों का इलाज करती है जो डिस्बायोसिस से जुड़ी एक सामान्य स्थिति है। ध्यान रखें किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।
क्या डिस्बायोसिस कुछ बीमारियों के लिए रिस्क फैक्टर बन सकता है?
डिस्बायोसिस को कुछ बीमारियों और हेल्थ कंडिशन के साथ जोड़ा गया है, जिनमें शामिल हैं: