आपने अक्सर लोगों को खाने में अपच की समस्या के बारे में सुना होगा। कुछ लोगों को खाने के बाद मुंह या गले में खट्टेपन का एहसास होता है। ऐसा एसिड के खाने की नली या मुंह में आने के कारण होता है। इसे एसिड रिफ्लक्स की समस्या कहते हैं। ऐसा तब होता है जब स्टमक में एसिड की अधिक मात्रा बनने लगती है। जिन लोगों को एसिड रिफ्लक्स की समस्या होती है, उनको भूख भी अधिक नहीं लगती है। अगर खाना खा लिया, तो उसके बाद भी समस्या पैदा हो जाती है। वैसे तो समस्या से निपटने के लिए डॉक्टर दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं और साथ ही स्पाइसी चीजों को खाने के लिए मना करते हैं। लेकिन आप एसिड रिफ्लक्स की समस्या से छुटकारे के लिए घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। ऐसे में शहद अहम भूमिका निभाता है। शहद एक नहीं बल्कि कई समस्याओं में अपना असर दिखाता है। आइए जानते हैं कि एसिड रिफ्लक्स में शहद (Use of Honey to Treat Acid Reflux) की क्या भूमिका होती है
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एसिड रिफ्लक्स में शहद (Use of Honey to Treat Acid Reflux)
शहद शरीर के लिए फायदेमंद होता है। यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन किस समस्या में शहद का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, यह जानकारी भी जरूरी होती है। शहद एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यानी कि जो एंटीऑक्सीडेंट फल और सब्जियों से मिलता है, वहीं शहद में भी पाया जाता है। साथ ही शहद में नैचुरल हाइड्रोजन पेरोक्साइड भी होता है। कुछ लोग घाव को ठीक करने के लिए भी शहद का इस्तेमाल करते हैं। वहीं शहद में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी भी होती है। शहद में एक नहीं बल्कि कई फायदे होते हैं। शहद का इस्तेमाल आयुर्वेद में भी किया जाता है। एसिड रिफ्लक्स में शहद (Use of Honey to Treat Acid Reflux) का इस्तेमाल करने से फायदा पहुंचता है। शहद पाचन संबंधी समस्याओं जैसे दस्त और पेप्टिक अल्सर में भी मदद कर सकता है
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जानिए एसिड रिफ्लक्स में शहद के असर को लेकर क्या कहती है रिचर्स?
शहद के फायदे को लेकर समय-समय पर रिसर्च की जाती है। ऐसी ही एक रिसर्च पेट के लिए शहद के फायदे को लेकर की गई। एनसीबीआई में प्रकाशित रिसर्च की मानें ,तो हनी यानी कि शहर एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (the Indian Journal of Medical Research) में प्रकाशित शोध में शहद के फायदों के संबंध में कई बातें कही गई। आइए जानते हैं इनके बारे में।
- एसिड रिफ्लक्स की समस्या फ्री रेडिकल्स के कारण हो सकती है। फ्री रेडिकल्स डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की लाइनिंग के सेल्स को डैमेज करने का काम करते हैं। जिसके कारण एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो जाती है।
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर और फ्री रेडिकल को हटाने की क्षमता वाला शहद एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से बचाने में मदद करता है।
- हनी का टेक्स्चर ऐसा होता है कि यह इसोफेगस में म्यूकस मेंब्रेन को बेहतर तरीके से कोट करता है। शहद का सेवन करने से लंबे समय तक आराम मिलता है। यह ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट के रूप में भी किया जा सकता है।
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एसिड रिफ्लक्स में शहद : एसिड रिफ्लक्स से राहत में कैसे करें शहद का सेवन?
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें, तो हनी का चिपचिपापन एसिड को खाने की नली या मुंह में आने से रोकने का काम करता है। यह हार्टबर्न के लक्षणों से भी राहत देता है। अगर आप रोजाना एक चम्मच शहद को गुनगुने दूध या योगर्ट में मिलाकर खाते हैं, तो आपको एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से राहत मिलती है। अगर आप शहद का सेवन बिना किसी चीज में मिलाएं करना चाहते हैं, तो ऐसा भी संभव है। अगर आपको शहद से किसी प्रकार की समस्या नहीं है, तो आप रोजाना एक चम्मच शहद खा सकते हैं।
वैसे तो रोजाना शहद का सेवन एक स्वस्थ व्यक्ति को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है। लेकिन अगर आप मधुमेह के रोगी हैं, तो यह परेशानी खड़ी कर सकता है। जो लोग लो ब्लड शुगर की दवाइयां ले रहे हैं, अगर वह लोग शहद का सेवन करते हैं, तो उन्हें परेशानी हो सकती है। अगर आप एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम करने के लिए शहद का सेवन करना चाहते हैं, तो आपको एक बार डॉक्टर से जानकारी जरूर लेनी चाहिए। अगर आप कोई दवाई ले रहे हैं या प्रेग्नेंट है या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं, तो ऐसे में भी शहद का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए। छोटे बच्चों को यानी कि 12 महीने से उम्र से कम बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए। वहीं जिन लोगों को शहद से एलर्जी की समस्या है, उन्हें भी शहद का सेवन नहीं करना चाहिए।
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शहद के अलावा मेडिसिंस भी दिखाती हैं अपना असर!
एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन ये घरेलू उपाय के तहत किया जा सकता है। अगर आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या लंबे समय से है, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए। डॉक्टर आपको H2 ब्लॉकर्स, जैसे कि सिमेटिडाइन (टैगामेट) और फैमोटिडाइन (पेप्सिड) देते हैं, जो पेट में पैदा होने वाले एसिड की मात्रा को कम करने का काम करता है। साथ ही में प्रोटॉन पंप इंहिबिटर्स जैसे ओमेप्राजोल आदि का सेवन करने से पेट का एसिड कम होता है। यह ईसोफेगस को बेहतर बनाने में मदद करता है। आप डॉक्टर को समस्या के बारे में जानकारी देंगे, तो डॉक्टर उसी हिसाब से आपको मेडिसिंस देंगे। आप डॉक्टर से खानपान के बारे में भी जानकारी लें, जो पेट में एसिड को बढ़ाने का काम करता है। बेहतर होगा कि ऐसे फूड्स से दूरी बना कर रहे।
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हो सकता है कि आपको इस बात की जानकारी ना हो, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को एसिड रिफ्लक्स की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को खाने में स्पाइसी फूड,अधिक मसाले वाला फूड्स या ऑयली फूड्स ना खाने की सलाह दी जाती है। अगर आपको भी प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसी समस्या हो रही है, तो शहद का सेवन करने के बजाय आपको डॉक्टर को यह जानकारी देनी चाहिए। डॉक्टर आपको कुछ मेडिसिंस या सिरप लेने की सलाह दे सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान शहद का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जानकारी लेना बहुत जरूरी है।
इस आर्टिकल में हमने आपको एसिड रिफ्लक्स में शहद (Use of Honey to Treat Acid Reflux) के बारे में अहम जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको पाचन के संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हैलो हेल्थ की वेबसाइट में आपको अधिक जानकारी मिल जाएगी।
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