इसके अलावा, अगर आपके लक्षणों में कुछ दिन में आराम नहीं मिलता है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। क्योंकि, फूड बोर्न डिजीज के लक्षण गंभीर हो सकते हैं और बाद में काफी खतरनाक समस्या का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए, बिना देरी किए डॉक्टर से परामर्श करना काफी जरूरी है।
और पढ़ें: जानिए हेल्दी गट के लिए फूड्स में क्या करें शामिल
दुनिया पर प्रभाव
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में 10 में से एक व्यक्ति संक्रमित खाना खाने से बीमार पड़ता है, जिसकी वजह से 4,20,000 मृत्यु हो जाती हैं। इस समस्या की वजह से अधिकतर लोगों को डायरिया की परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन, फूड बोर्न डिजीज की वजह से किडनी और लिवर फेल होने का डर, ब्रेन और न्यूरल डिसऑर्डर, रिएक्टिव आर्थराइटिस, कैंसर और मृत्यु तक हो सकती है। फूड बोर्न डिजीज की बात करें, तो यह गरीब या मिडिल इनकम कंट्री में ज्यादा देखने को मिलती है।
वहीं फूड बॉर्न डिजीज के कारण करीब 200 बीमारियां हो सकती है। यदि कोई विशाक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करता है, तो उसके जरिए दूषित बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट्स, कैमिकल्स, हेवी मेटल्स शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इस कारण लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है। मौजूदा समय में यह बीमारी किसी भी स्टेज में हो सकती है। फूड प्रोडक्शन से लेकर उसकी डिलीवरी और उसके उपभोग करने के चेन तक फूडबॉर्न डिजीज का खतरा होता है। कई मामलों में पर्यावरण के कारण जैसे पानी, मिट्टी, हवा, खाद्य पदार्थों का स्टोरेज सही से न हो पाने के कारण खाद्य पदार्थ खराब हो सकता है। इसलिए खाने पीने की चीजों की एक्सपायरी आदि देख कर खाएं। वहीं यदि आप स्ट्रीट फूड के शौकीन हैं, तो अच्छी जगह पर ही खाद्य पदार्थ का सेवन करें। अन्यथा आप बीमार पड़ सकते हैं और आपको फूडबॉर्न डिजीज हो सकती है।
उम्मीद है कि, अब आपको फूड बोर्न डिजीज (Food borne disease) और फूड प्वाइजनिंग (Food poisoning) के बीच अंतर स्पष्ट हो गया होगा और इसके साथ ही आपको इसके लक्षण और ट्रीटमेंट के बारे में भी जानकारी हो गई होगी।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।