ऊपर दिए गए लक्षणों के समझ आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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एसोफैगल वैरिस का कारण क्या है?
शरीर में मौजूद हर छोटे से छोटे और बड़े अंग खास तरह से काम करते हैं, जिनकी वजह से मनुष्य एक्टिव और हेल्दी रहने में समर्थ रहता है लेकिन, अगर शरीर का कोई भी हिस्सा अगर ठीक तरह से काम न करे तो ऐसी स्थिति में शारीरिक परेशानी शुरू हो जाती है। एसोफैगल वैरिस की समस्या भी कुछ ऐसी ही है। दरअसल जब गले और पेट को जोड़ने वाली नसें सामान्य से बड़ी हो जाती है, तो ऐसे में ब्लड फ्लो नॉर्मल होने की स्थिति में व्यक्ति को परेशानी होती है। एसोफैगल वैरिस की समस्या उन लोगों में ज्यादा होती हैं जिन्हें लिवर से जुड़ी कोई परेशानी हो।
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एसोफैगल वैरिस का खतरा किन लोगों में ज्यादा होता है?
यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए की एसोफैगल वैरिस के सभी पेशेंट को ब्लीडिंग की समस्या नहीं होती है। हालांकि कुछ खास शारीरिक परेशानी होने पर ब्लीडिंग की समस्या शुरू हो सकती है। इन परेशानियों में शामिल है-
हाई ब्लड प्रेशर- ब्लड प्रेशर हाई होने की स्थिति में ब्लीडिंग की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहे और वो एसोफैगल वैरिस के साथ-साथ अन्य बीमारियों से बचे रहें।
लार्ज वैरिस- लार्ज वैरिस होने की स्थिति में ब्लीडिंग का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
लिवर से जुड़ी गंभीर परेशानी- अगर किसी भी व्यक्ति को लिवर से जुड़ी समस्या होने पर एसोफैगल वैरिस की परेशानी हो सकती है।
एल्कोहॉल का सेवन करना- अगर कोई पेशेंट या व्यक्ति एल्कोहॉल का सेवन ज्यादा करता है, तो ऐसी स्थिति में भी ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
इन बीमारियों के साथ-साथ निम्नलिखित शारीरिक परेशानी होने पर भी ब्लीडिंग की समस्या बढ़ सटी है। जैसे-
- पोर्टल हाइपरटेंशन
- सिरोसीस की समस्या
- ज्यादा उल्टी होना
- कब्ज की समस्या
- अत्यधिक कफ की परेशानी