1. शिशु के जन्म से पहले (Before Babies Birth)
पालतू जानवर और बच्चे का आगमन, दोनों ही आपके लिए आवश्यक है तो शिशु के जन्म से पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि कुत्ते की शिक्षा सही हो और उनपर आपका नियंत्रण हो। अगर आपके पास लम्बे वक्त से डॉग है, तो ऐसे में आप उसे पहले से जान सकते हैं और स्वभाव को भी समझ सकते हैं। अगर आपने कुछ वक्त पहले ही अपने घर में डॉग लाया है, तो उसे प्रशिक्षण दें और बच्चों के साथ उसका बर्ताव कैसा हो वह भी समझाएं।
प्रेग्नेंसी के दौरान या डिलिवरी के कुछ दिनों पहले से ही अपने पेट्स को बच्चों की आवाज सुनाएं जैसे स्पीकर से बच्चों की आवाज प्ले करें। वहीं अगर घर में छोटे बच्चे आते हैं, तो अपने डॉग से उनसे दोस्ती करना सिखाएं। ऐसा करने से डॉग पहले से ही बच्चों के प्रति सेंसेटिव रहेंगे और जब आप अपने बच्चे को घर लेकर आएंगे तो उन्हें भी ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
2. शिशु के जन्म के बाद (After Babies Birth)
पालतू जानवर और बच्चे का आगमन जब घर पर होने वाला है, तो ऐसे में सबसे पहले साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और पेट्स फूड को बेबी प्रॉडक्ट्स दोनों को अलग अपनी-अपनी जगह पर रखें। नवजात शिशु में इंफेक्शन (Infection) का खतरा ज्यादा रहता है, तो हाइजीन का ध्यान रखें।
3. शिशु से पेट्स को परिचय करवाएं (Introduction with Infant)
परिचय… दोस्तों या परिवार के सदस्यों से तो परिचय करना स्वाभाविक है, लेकिन पालतू जानवर और बच्चे का आगमन हो चूका है तो अपने बच्चे को अपने डॉग या कैट से मिलवाएं। इस दौरान यह ध्यान रखें कि डॉग या कैट शिशु को नुकसान ना पहुंचायें। इस दौरान शिशु और पालतू जानवर के बीच एक डिस्टेंस बनाकर रखें। कई बार डॉग शिशु को सूंघना चाहे तो उसे ऐसा करने दें सिर्फ आप इस दौरान निगरानी करते रहें।
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4. अपने पेट्स को इग्नोर ना करें (Don’t ignore your pets)