2. शिशु के जन्म के बाद (After Babies Birth)
पालतू जानवर और बच्चे का आगमन जब घर पर होने वाला है, तो ऐसे में सबसे पहले साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और पेट्स फूड को बेबी प्रॉडक्ट्स दोनों को अलग अपनी-अपनी जगह पर रखें। नवजात शिशु में इंफेक्शन (Infection) का खतरा ज्यादा रहता है, तो हाइजीन का ध्यान रखें।
3. शिशु से पेट्स को परिचय करवाएं (Introduction with Infant)
परिचय… दोस्तों या परिवार के सदस्यों से तो परिचय करना स्वाभाविक है, लेकिन पालतू जानवर और बच्चे का आगमन हो चूका है तो अपने बच्चे को अपने डॉग या कैट से मिलवाएं। इस दौरान यह ध्यान रखें कि डॉग या कैट शिशु को नुकसान ना पहुंचायें। इस दौरान शिशु और पालतू जानवर के बीच एक डिस्टेंस बनाकर रखें। कई बार डॉग शिशु को सूंघना चाहे तो उसे ऐसा करने दें सिर्फ आप इस दौरान निगरानी करते रहें।
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4. अपने पेट्स को इग्नोर ना करें (Don’t ignore your pets)
अगर आप डॉग या कैट लवर हैं, तो घर में शिशु आने के बाद उन्हें इग्नोर ना करें। ऐसा आप शायद जानकर ना करें, लेकिन घर में बच्चे के आने की वजह से आप ज्यादा वक्त और अटेंशन शिशु को देते हैं। जबकि शिशु की देखभाल के साथ-साथ आपको कुछ वक्त अपने पेट्स को भी देना चाहिए। ऐसा करने से वे बच्चे के प्रति नेगेटिव स्वभाव नहीं रखेंगे।
5. डॉग या कैट की जगह घर में एक जगह तय रखें (Place for pets)
पालतू जानवर और बच्चे का आगमन (Baby’s Arrival and Pets) हो चूका है, तो अपने पेट्स के लिए एक जगह तय कर दें। दरअसल अगर आप अपने पालतू जानवर को घर में हर जगह घूमने देंगे तो बच्चे के पास ज्यादा रह सकता है। जबकि पेट्स को हमेशा ऐसे ट्रेन करें कि वह आपके शिशु से कुछ दूरी पर रहना सीखे।
इन ऊपर बताये 5 बातों का ध्यान विशेष रखें और घर में पालतू जानवर और बच्चे का आगमन, यानी दोनों ही आपके उत्साह को बढ़ाने में सहायक होगा।
नोट: पालतू जानवर और बच्चे का आगमन (Baby’s Arrival and Pets) हो चूका है, तो पेरेंट्स की सबसे पहली प्राथमिक शिशु की देखभाल को दें। अगर इस दौरान आपको लगता है कि दोनों को संभालने में परेशानी हो सकती है, तो कुछ वक्त के लिए कुत्ते को किसी और पेट लवर के पास भेज दें। क्योंकि आपकी छोटी से लापरवाही शिशु के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।