गर्भस्थ शिशु का विकास
मेरे शिशु का विकास कैसा है?
प्रेग्नेंसी वीक 2 (Pregnancy Week 3) में आपका शरीर अपने अंदर बच्चा पलने के संकेत दे सकता है। प्रेग्नेंसी वीक 2 के खत्म होने तक मैच्योर एग आपकी फैलोपियन ट्यूब में फर्टिलाइज होने का इंतजार करने के बाद गर्भाश्य तक पहुंच जाता है। अगर, आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो इस ऑव्युलेशन (Ovulation) पीरियड के दौरान इंटरकोर्स की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाना चाहिए। जिससे आपके पुरुष साथी का स्पर्म (Sperm) और आपके एग (Egg) के फर्टिलाइज (Fertilise) होने की संभावना को बढ़ाया जा सके।
जब आप ऑव्युलेशन पीरियड के आसपास ‘अनप्रोटेक्टेड वजाइनल इंटरकोर्स’ (Unprotected Vaginal Intercourse) करती हैं तो ही फर्टिलाइजेशन की संभावना बनती है। इसलिए, आपको ऑव्युलेशन पीरियड के 6 दिन पहले से इंटरकोर्स करना शुरू कर देना चाहिए। इसी ऑव्युलेशन वीक (Ovulation Week) के दौरान अनप्रोटेक्टेड वजाइनल इंटरकोर्स करने से अनप्लांड प्रेग्नेंसी (Unplanned Pregnancy) होती है।
क्या आपको पता है कि, जितना जल्दी आपका एग फर्टिलाइज (Egg Fertilise) होता है, उसी पर आपके शिशु का लिंग निर्धारित होता है। हालांकि, गर्भधारण के 18 से 22 हफ्तों के बाद ही डॉक्टर बच्चे का लिंग पता कर सकता है। आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे होता है, रुकिए हम आपको बताते हैं।
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प्रेग्नेंसी वीक 2 में बच्चे का जेंडर कैसे निर्धारित होता है?
प्रेग्नेंसी वीक 2: सभी के पास क्रोमोसोस के 23 पेयर (जोड़े) होते हैं, जो उनका जेनेटेक मैटिरियल (Genetic Material) बनाते हैं। इन 23 पेयर में से एक पेयर X क्रोमोसोम और Y क्रोमोसोम (X Chromosome and Y Chromosome) भ्रूण का लिंग निर्धारित करता है। इन्हें सेक्स क्रोमोसोम (Sex Chromosome) कहा जाता है। एग में सिर्फ दो X क्रोमोसोम पेयर के रूप में होता है और पुरुष के स्पर्म में एक X क्रोमोसोम और एक Y क्रोमोसोम पेयर के रूप में होता है। अगर आपके पुरुष साथी के स्पर्म का Y क्रोमोसोम आपके एग के X क्रोमोसोम के साथ मिलकर सेक्स क्रोमोसोम पेयर के रूप में XY क्रोमोसोम बनाता है तो आपका शिशु लड़का होगा। लेकिन, अगर आपके पुरुष साथी के स्पर्म का X क्रोमोसोम आपके एग के X क्रोमोसोम के साथ मिलकर XX क्रोमोसोम बनाता है तो शिशु लड़की होगी।
नोट- भारत में महिला के गर्भ में भ्रूण के लिंग की जांच (Prenatal sex discernment) करना या करवाना गैर-कानूनी कार्य है। जिसके लिए भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के अंतर्गत सजा का प्रावधान है।
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शारीरिक और दैनिक जीवन में बदलाव
प्रेग्नेंसी वीक 2 में मेरे शरीर में क्या बदलाव आएंगे?
प्रेग्नेंसी वीक 2 के आसपास आपका शरीर ऑव्युलेट करने के लिए तैयार हो रहा होता है, जिसका मतलब है कि आपका एग रिलीज होने वाला है और फर्टिलाइज होने के लिए तैयार है। हम पहले भी बता चुके हैं कि, प्रेग्नेंसी वीक 2 के अंत में गर्भधारण करने का सबसे अच्छा समय है। भ्रूण को पोषण मिलते रहने और एक सुरक्षित परत बनाने के लिए आपकी यूटेराइन लाइनिंग (uterine lining) मोटी होने लगती है। आप अपने ओव्यूलेशन दिन को पता करने के लिए ऑव्युलेशन टेस्ट भी चुन सकती हैं। जिसके बाद आप अपने इंटरकोर्स की फ्रीक्वेंसी उसी के अनुसार बढ़ा सके।
इंटरकोर्स के दौरान, आपके पुरुष साथी के सीमन से स्पर्म आपके एग की तरफ जाते हैं। आपके मैच्योर एग को फर्टिलाइज करने के लिए लाखों स्पर्म में से सिर्फ एक स्पर्म की जरूरत होती है। ऐसा होने पर, आपका फर्टिलाइज एग आपकी यूटेराइन लाइनिंग के अंदर दाखिल हो जाता है। हालांकि, आपको अपनी गर्भावस्था के बारे में 3-4 हफ्तों तक पता नहीं लगता।
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प्रेग्नेंसी वीक 2 में किन खास बातों का ख्याल रखना चाहिए?
ऑव्युलेशन टेस्ट के बिना अपने ऑव्युलेशन की डेट को जानना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। आमतौर पर, यह आपके मासिक धर्म (Menstrual Cycle) की अवधि और पीरियड्स की रेगुलेरिटी पर निर्भर करता है। यदि आपका मासिक धर्म चक्र इररेगुलर है, तो आपके ओव्यूलेशन डेट (Ovulation Date) का सही-सही पता लगाना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, ऐसी कई स्मार्टफोन ऐप हैं, जो आपके ऑव्युलेशन को ट्रैक करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है यह हमेशा सटीक पूर्वानुमान करें।
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सर्वाइकल म्यूकस (Cervical Mucus) में बदलाव या शरीर के तापमान में एकदम बढ़ोतरी जैसे कुछ शारीरिक संकेत भी आपके ऑव्युलेशन डेट की तरफ इशारा कर सकते हैं। सामान्यतः मासिक धर्म की शुरुआत से 12वें-16वें दिन के बीच ऑव्युलेशन होता है। गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए आपको इस ऑव्युलेशन पीरियड के कुछ दिन पहले से लेकर कुछ दिन बाद तक अपने पुरुष साथी से इंटरकोर्स की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाना चाहिए।
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डॉक्टरी सलाह
प्रेग्नेंसी वीक 2 में मुझे डॉक्टर को क्या बताना चाहिए?
आपको अपने डॉक्टर को बताना चाहिए कि आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं। जिससे डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री को आंकलन करके एक सामान्य हेल्थ चेकअप कर सके। इस चेकअप के दौरान आपको डॉक्टर को अपने स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी देनी चाहिए, जैसे कि क्या आपको आखिरी बार कब और कौन-सी बीमारी हुई थी या आप कौन-सी ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन कर रही हैं। यह जानकारी देना आपकी स्वस्थ प्रेग्नेंसी के अवसरों को बढ़ाने में डॉक्टर की मदद करेगी।
प्रेग्नेंसी वीक 2 में आपको कौन-से टेस्ट के बारे में पता होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 2 के दौरान आप ऑव्युलेशन टेस्ट अपना सकती हैं। हर महिला का मासिक धर्म चक्र अलग होता है। एक सामान्य मासिक धर्म चक्र 28 से 32 दिनों तक चलता है, जिसमें पीरियड्स की शुरुआत से 12वें से 16वें दिन के बीच ओवरी एग रिलीज करती है।
स्वास्थ्य और सुरक्षा
प्रेग्नेंसी वीक 2 में गर्भधारण की उम्मीद करते हुए मुझे स्वस्थ और सुरक्षित होने के बारे में क्या पता होना चाहिए?
गर्भधारण करने से पहले आपको कुछ फैक्टर्स के बारे में ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह आपकी सेहत पर बुरा असर डालते हुए गर्भधारण की संभावना को भी कम कर सकते हैं।
एनाल्जेसिक (पेन किलर्स)
सोचिए, अगर आपको प्रेग्नेंसी वीक 2 के दौरान माइग्रेन का दर्द हुआ तो आप क्या करेंगी? शायद, पेन किलर्स का सेवन करेंगी। लेकिन रुकिए, प्रेग्नेंसी में या गर्भधारण की कोशिश करने वाली महिलाओं के लिए पेन किलर्स का सेवन सुरक्षित नहीं होता। इन दवाओं में मौजूद तत्व आपके शिशु के विकास को नुकसान पहुंचा सकते हैं और आपकी फर्टिलिटी को घटा सकते हैं।
शराब, दवा और तंबाकू उत्पाद
प्रेग्नेंसी या प्रेग्नेंसी वीक 2 के दौरान आपको शराब, ड्रग्स या तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह चीजें आपकी फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचा सकती हैं और गर्भपात या शिशु को फीटल एल्कोहॉल सिंड्रोम (Fetal alcohol syndrome), सांस संबंधित समस्या या जन्म के समय शिशु का कम वजन जैसी जन्मजात विकृतियों की आशंका बढ़ा सकती हैं
अगले आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी वीक 3 के बारे में बात करेंगे।
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