गर्भावस्था में धूम्रपान की वजह से प्लेसेंटा प्रेविया की स्थिति पैदा ही सकती है। इसमें नाल गर्भाशय के निचले हिस्से में विकसित होता है जो शिशु के जन्म से पहले अलग हो सकता है। प्लेसेंटा प्रेविया (Placenta Previa) के कारण अत्यधिक ब्लीडिंग और मिसकैरिज (Miscarriage) की स्थिति की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही शिशु का जन्म (Babies birth) समय से पहले ही हो सकता है। इस सिचुएशन में ज्यादातर शिशु का जन्म सी-सेक्शन (c-section) द्वारा होता है।
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एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy)
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग करने की वजह से एक्टोपिक गर्भावस्था हो सकती है। दरअसल, निकोटीन फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tube) में संकुचन की वजह बन सकता है जिससे निषेचित अंडे को गर्भाशय में पहुंचने से रोका जाता है। नतीजन, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) यानी अस्थानिक गर्भावस्था होती है।
पेसिव स्मोकिंग (Passive smoking) हो सकती है जानलेवा
स्मोकिंग से गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरे के साथ ही महिला या पुरुष की फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है। अमेरिकन सोसायटी फॉर रिपोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान होने वाली मां या फिर पिता स्मोकिंग (Smoking) करते हैं तो बच्चे पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। सेकेंड हैंड स्मोक फीटस के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसके अलावा शिशु को अस्थमा और फेफड़े से संबंधित बीमारी गर्भ में ही हो सकती हैं।
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स्लो हो जाता है फीटल डेवलपमेंट (Fetal development)
स्मोकिंग के कारण फीटस का डेवलपमेंट धीमा हो जाता है। यू एस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, स्मोकिंग के कारण अर्ली मिसकैरिज और स्टिलबर्थ (Still birth) के केस में इजाफा हुआ है। प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने के दौरान मिसकैरिज (Miscarriage) की संभावना अधिक रहती है, वहीं कुछ केस में ये 20 सप्ताह बाद भी हो सकता है। इसे स्टिलबर्थ कहते हैं।
प्लेसेंटा एबॉर्शन (Placental Abruption)
गर्भावस्था में धूम्रपान प्लेसेंटा से संबंधित जटिलताओं के लिए एक रिस्क फैक्टर जो है। इस जटिल स्थिति में नाल शिशु के जन्म से पहले गर्भाशय से अलग हो जाती है। इसकी वजह से आपातकालीन प्रसव की जरूरत भी पड़ सकती है।
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प्लासेंटा (Placenta) का खराब हो जाना
प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा फीटस को पोषण देने का काम करता है। प्लेसेंटा को फीटस की लाइफलाइन कहा जाता है। न्यूट्रिएंट्स के साथ ही प्लेसेंटा फीटस को ऑक्सिजन भी पहुंचाने का काम करता है। स्मोकिंग के कारण प्लेसेंटा यूट्रस से अलग हो सकता है जिसके कारण ब्लीडिंग अधिक होने की संभावना रहती है। कई बार मेडिकल अटेंशन न मिल पाने के कारण होने वाले बच्चे को खतरा हो सकता है। ये स्टिलबर्थ का कारण भी बन सकता है।