प्रोसेस्ड मीट (Processed Meat)
प्रोसेस्ड मीट में शामिल हॉट डॉग, सालमी, बीफ जर्की या बेकन का सेवन नहीं करना चाहिए। वैसे डॉक्टर्स कई स्वास्थ्य समस्याओं में इनका सेवन वर्जित नहीं करते हैं, लेकिन स्पर्म काउंट को लेकर हुए शोध में कहा जाता रहा है कि इन आहारों में बहुत अधिक गर्मी होती है। जो पुरुषों के स्पर्म को नुकसान पहुंचा सकती है।
ट्रांस फैट वाले फूड्स (Trans fat foods)
जंक फूड के अधिक सेवन से शुक्राणु की क्वॉलिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए ट्रांस फूड जैसे केक या पेस्ट्री जैसे अन्य खाद्य पदार्थ जो बेक किए जाते हैं उनके सेवन से बचना चाहिए।
सोया के उत्पाद (Soya Products)
सोया प्रोडक्टस में फाइटोएस्ट्रोजेन-एस्ट्रोजेन जैसे यौगिक होते हैं जो पौधों से आते हैं। एक रिसर्च के अनुसार सोया प्रोडक्ट के अत्यधिक सेवन से स्पर्म काउंट में कमी हो सकती है।
पेस्टीसाइड और बिसफेनॉल-ए (Bisphenol-A)
बिस्फेनॉल-ए अधिकांश पैक्ड फूड में पाए जाते हैं। कीटनाशकों के भीतर BPA और रसायन दोनों ही एक्सिनोएस्ट्रोजेन रसायन के रूप में कार्य करते हैं। एक्सिनोएस्ट्रोजेन स्पर्म काउंट को गिरा सकता है।
उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद (High fat dairy products)
उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, क्रीम, बटर और पनीर शुक्राणु की मोबिलिटी में कमी का एक कारण हैं। इसलिए डेयरी प्रोडक्ट का भी इस्तेमाल संतुलित करना चाहिए।
गर्भधारण से पहले शराब पीना (Drinking alcohol before pregnancy) माता-पिता के साथ ही शिशु को जन्म से ही शरीरिक परेशानी में डाल सकता है। इसलिए हेल्दी प्रेग्नेंसी और हेल्दी बेबी के लिए एल्कोहॉल का सेवन न करें। इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान शराब के सेवन और उससे होने वाले नुकसान के बारे में जानना है तो बेहतर होगा कि एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।