प्रेग्नेंसी के दौरान 3डी और 4डी अल्ट्रासाउंड की जरूरत कई कारणों में पड़ सकती है। वैसे पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान एक बार तो इसकी जरूरत पड़ ही जाती है, यानि कि जिन प्रेग्नेंट महिलाओं मे किसी प्रकार का रिस्क नहीं दिख रहा है, उनमें आमतौर पर कम से कम एक अल्ट्रासाउंड होता है, लेकिन जिनमें किसी प्रकार का रिस्क देखा जा रहा है या अधिक उम्र में कंसीव करने वाली महिलाओं में इस अल्ट्रासाउंड आवश्यक होने के कई कारण हाे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- शिशु के सही विकास के बारे में पता लगाने के लिए।
- डिलिवरी की अनुमानित तारीख की पुष्टि के लिए।
- बच्चे के दिल की धड़कन का पता लगाने के लिए।
- यह सुनिश्चित करना कि गर्भावस्था एक्टोपिक नहीं है,यानी फैलोपियन ट्यूब में तो नहीं है।
- जुड़वा बच्चे की आशंका को दूर करने या उसकी जांच के लिए।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि बच्चे का ठीक से और उचित गति से विकसित हो रहा है।
- बच्चे के प्रमुख अंगों की जांच के लिए।
- अपने बच्चे के आकार को मापना
- एमनियोटिक द्रव के स्तर की जांच के लिए।
- बच्चे में किसी प्रकार जेनेटिक समस्या का शिकार तो नहीं है।
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क्या गर्भावस्था के दौरान 3डी और 4डी अल्ट्रासाउंड सुरक्षित हैं (Are 3D and 4D Ultrasounds Safe During Pregnancy?)?
प्रेग्नेंसी के दौरान 3डी और 4डी अल्ट्रासाउंड सुरक्षित है या नहीं, इस तरह के कई सवाल भी लोगों के मन में होते हैं। इस पर, अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) का कहना है कि प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड के कोई ज्ञात जोखिम नहीं देखे गए हैं, उनका उपयोग सावधानीपूर्वक और केवल चिकित्सा उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए। इस अल्ट्रासाउंड का उपयोग केवल चिकित्सा के तौर पर किया जाना चाहिए, वो भी तब, जब आपका चिकित्सक उन्हें चिकित्सा कारणों से आवश्यक समझे। प्रेग्नेंट महिलाओं को गर्भावस्था के 18 से 22 सप्ताह के बीच कम से कम एक 2D अल्ट्रासाउंड होना चाहिए, यह देखते हुए कि कुछ महिलाओं का पहली तिमाही में 3 डी या 4 डी अल्ट्रासाउंड की भी जरूरत पड़ सकती है। हो सक है। यदि आप मेडिकल सेटिंग के बाहर किसी भी प्रकार का अल्ट्रासाउंड कराने पर विचार कर रहे हैं, तो पहले अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
3डी अल्ट्रासाउंड इमेजिंग से जुड़े कई फायदे हैं। इसमें भ्रूण के विकास और हृदय संरचनाओं के बेहतर दृश्य को प्राप्त करने में मदद मिलती है, जो अन्यथा 2डी इमेजिंग द्वारा प्राप्त नहीं हों पाते हैं। इसके अलावा, तंत्रिका ट्यूब दोषों के निदान के लिए 3 डी अल्ट्रासाउंड को सहायक माना जाता है। एक साथ ही, 3 डी अल्ट्रासाउंड अनुसूचित 18-20 सप्ताह के स्कैन के दौरान भ्रूण की संरचनात्मक जन्मजात विसंगतियों की पहचान करने में मदद कर सकता है। 4डी अल्ट्रासाउंड में 3डी इमेजिंग भ्रूण संरचनाओं और आंतरिक शरीर रचना को स्थिर 3डी छवियों के रूप में देखने को मिलता है। तुलनात्मक रूप से, 4डी अल्ट्रासाउंड छवियों के लाइव-स्ट्रीमिंग वीडियो प्राप्त होता है, जो भ्रूण के हृदय की वॉल या वाल्व की गति के साथ-साथ विभिन्न वाहिकाओं को दिखाता है। संक्षेप में, 4डी अल्ट्रासाउंड इमेजिंग लाइव मोशन में एक 3डी अल्ट्रासाउंड है। इसके अलावा इनके अन्य जोखिम और लाभों के बारे में आपको डॉक्टर से जानना चाहिए। इसे डाॅक्टर द्वारा सलाह देने पर ही कराया जाना चाहिए।