गर्भधारण करने के बाद महिला को कई तरह की शारीरिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है। ये समय ऐसा होता है, जब प्रेग्नेंट महिला को आने वाले बच्चे को लेकर उत्सुकता होने के साथ ही खुद के शरीर में आ रहे बदलाव को लेकर चिंता भी रहती है। गर्भावस्था का यह समय उत्साह के साथ-साथ शारीरिक और हाॅर्मोन बदलाव की वजह से समस्याएं भी लेकर आता है। इस दौरान स्तनों में भी कई तरह के बदलाव आते हैं। इसलिए, गर्भावस्था में निप्पल केयर और ब्रेस्ट की देखभाल जरूरी हो जाती है।
“हैलो स्वास्थ्य’ के इस लेख में हम आपको गर्भावस्था में निप्पल केयर के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इस लेख के जरिए हमारा प्रयास है कि आपको गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट और निप्पल में दर्द के उपचार और इससे संबंधित अन्य जानकारी भी दी जाए।
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गर्भावस्था में निप्पल केयर है जरूर
गर्भावस्था में हो रहे हॉर्मोनल बदलाव खासकर एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन की वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इसके साथ ही गर्भावस्था में स्तन और निप्पल से जुड़ी समस्या भी सामान्य है। ऐसे में कैसे गर्भावस्था में निप्पल केयर करें?
गर्भावस्था में निप्पल या ब्रेस्ट में होने वाली परेशानी के लक्षण क्या हैं?
- ड्राई स्किन होना
- निप्पल से ब्लीडिंग होना
- ब्रेस्ट या निप्पल रेड होना
- निप्पल और आसपास घाव होना
- ब्रेस्ट पर पपड़ी पड़ना
गर्भावस्था में निप्पल केयर कैसे करें?
1. नई ब्रा का चयन करें
ऐसी ब्रा का चयन करें जिसके कप आरामदायक हो, शोल्डर स्ट्रेप्स चौड़े हों और एडजस्ट करने वाले हों। प्रेग्नेंसी में स्तन का आकार बढ़ने की वजह से समय-समय पर आरामदायक ब्रा खरीदते रहें या फिर एडजस्ट करने वाली ब्रा खरीदें। इससे गर्भावस्था में निप्पल केयर करना आसान होगा।
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2. आरामदायक ब्रा पहनें
गर्भावस्था में निप्पल केयर करना बेहद जरूरी है। इसलिए अच्छी क्वालिटी और सॉफ्ट कपड़े की ब्रा पहनें। ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी के दौरान पैडेड ब्रा न पहनें। क्योंकि प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट का साइज भी बढ़ जाता है और पैडेड ब्रा की वजह से परेशानी महसूस हो सकती है। साथ ही टाइट ब्रा की वजह से पसीना आ सकता है और खुजली की समस्या हो सकती है।
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3. निप्पल पर साबुन का प्रयोग न करें
प्रेग्नेंसी के दौरान निप्पल पर साबुन का प्रयोग न करें क्योंकि इससे निप्पल ड्राई हो सकते हैं। गर्भावस्था में निप्पल ड्राई होने पर निप्पल पर दरार पड़ सकती है और ब्लीडिंग भी हो सकती है। निप्पल क्लीन रखने के लिए माइल्ड सोप का इस्तेमाल करना बेहतर होगा।
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4. स्पोर्ट्स ब्रा
गर्भावस्था में निप्पल केयर या ब्रेस्ट केयर करने के लिए स्पोर्ट्स ब्रा सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स भी प्रेग्नेंसी में स्पोर्ट्स ब्रा पहनने की सलाह देते हैं। प्रेग्नेंसी में ऐसी ब्रा पहनने से पीठ और स्तनों को अच्छा सपोर्ट मिलता है।
5. मैटरनिटी स्लीप ब्रा
गर्भावस्था के लिए खास तरह से डिजाइन किया गया मैटरनिटी स्लीप ब्रा ब्रेस्ट या निप्पल में होने वाली समस्या से बचाता है। इससे ब्रेस्ट या निप्पल में होने वाले दर्द से भी छुटकारा मिलता है।
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6. हल्के गर्म पानी से स्नान करें
अपने निपल्स के आसपास के क्षेत्र को साबुन से न धोएं। इससे त्वचा की नमी खत्म हो सकती हैं, जिससे दर्द हो सकता है। गर्भावस्था में निप्पल केयर या ब्रेस्ट केयर के लिए गर्म पानी से स्नान करना सबसे बेहतर होगा। ऐसा करने से निप्पल या ब्रेस्ट में हो रहे दर्द में राहत मिल सकती है। अगर आपको दर्द के साथ खुजली भी हो रही है, तो आप गर्म पानी से नहाने से बचें।
7. आइस पैक
गर्भावस्था में निप्पल केयर करने के लिए टॉवेल में आइस पैक रखकर इससे निप्पल सेकने से भी आराम मिलता है। इसे लेटकर और 20 मिनट तक ही अप्लाई करें।
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8. पानी पिएं
गर्भावस्था में नियमित रूप से 8 गिलास पानी पिएं। बॉडी डिहाइड्रेट होने की वजह से भी त्वचा संबंधी परेशानी हो सकती है। इसलिए डिहाइड्रेट होने से बचें।
9. ब्रेस्ट पैड
प्रेग्नेंसी के दौरान या बाद में निप्पल से मिल्क निकलता है। ऐसी स्थिति में अच्छी क्वालिटी का ब्रेस्ट पैड पहनना चाहिए। इससे निप्पल से होने वाला सिक्रीशन से इंफेक्शन का खतरा कम रहेगा और ब्रेस्ट और निप्पल में परेशानी भी नहीं होगी।
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प्रेग्नेंसी में स्तनों में दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
गर्भधारण करने के बाद स्तनों में होने वाले दर्द को लेकर अक्सर महिलाओं के मन में सवाल उठता है कि उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए या नहीं। ऐसे में डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए हम आपको बता रहे हैं।
- किसी गांठ का बनना
- स्तन में खासकर किसी एक ही जगह पर दर्द होना और उसका बढ़ते जाना
- स्तनों का लाल होना
- त्वचा या निप्पल में बदलाव जैसे गड्ढे पड़ना और अल्सर
- निप्पल से निकलने वाला कोई भी रंगीन पदार्थ (कोलोस्ट्रम के अलावा)
- बगल में गांठ पड़ना
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डिलिवरी के बाद भी स्तनों में रहता है दर्द
अगर आपको लगता है कि प्रसव के बाद स्तन के दर्द से राहत मिल जाएगी, तो ऐसा नहीं है। डिलिवरी के बाद भी ये दर्द बना रहता है, क्योंकि स्तनों में दूध बनता रहता है, जिससे ब्रेस्ट काफी भारी महसूस होते हैं। इसी वजह से दर्द भी हो सकता है। इसके अलावा, अगर आपका शिशु ठीक तरह से स्तनपान न कर रहा हो, तो भी आपके ब्रेस्ट पेन रह सकता है।
प्रेग्नेंसी के बाद महिला को स्तन में सूजन रहने की समस्या भी हो सकती है, जिसे मैस्टाइटिस (Mastitis) भी कहा जाता है। जब तक ब्रेस्ट मिल्क बनता रहता है, तब तक मैस्टाइटिस की समस्या हो सकती है। यह समस्या हर महिला को नहीं होती, लेकिन इसे आम माना जाता है। आप अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से भी बात कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान निप्पल्स और ब्रेस्ट्स में होने वाला दर्द काफी असुविधाजनक होता है, लेकिन यह सामान्य पीड़ा है, जिससे हर प्रेग्नेंट महिला को गुजरना पड़ता है। हम आशा करते हैं कि इस लेख (गर्भावस्था में निप्पल केयर) में बताए गए उपाय से आपको काफी हद तक मदद मिल सकेगी। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता।
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