गर्भावस्था के दौरान महिलाएं रात में सोते वक्त कई बार पोजीशन बदलती हैं। ऐसा वे इसलिए करती हैं ताकि सोते वक्त आरामदायक महसूस हो । वजायनल बर्थ पोजीशन भी आजकल महिलाओं के अंदर डिलिवरी से पहले एक जरूरी सवाल है। लेकिन, क्या आपको पता है कि डिलिवरी के वक्त भी कई बर्थ पोजीशन को अपनाया जा सकता है। ऐसा करने से न सिर्फ दर्द का अहसास कम होगा बल्कि आरामदेह भी महसूस होगा। हालांकि, इन बर्थ पोजीशन के कुछ नुकसान भी हैं। आज हम आपको कुछ वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) के बारे में बता रहे हैं।
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वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions)
स्कॉटिंग पुजिशन
वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) में बहुत सी पुजिशन हैं। स्कॉटिंग दूसरे चरण की बर्थिंग पुजिशन है, जिसमें सबसे ज्यादा ग्रेविटी का इस्तेमाल होता है। इसमें टांगों को फैला लिया जाता है। डिलिवरी में बच्चे को गर्भ से बाहर लाने की एक अच्छी तकनीक के रूप में इसे जाना जाता है। स्कॉटिंग इंडियन वॉशरूम में स्टूल पास करते वक्त इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक के ही समान है। दूसरे चरण में यह सबसे ज्यादा असरदार हो सकती है। जिसमें कुछ ही बार दबाव बनाकर शिशु को जन्म दिया जा सकता है। वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) में स्कॉटिंग पुजिशन इसलिए भी सही है क्योंकि इसकी प्रेक्टिस लगभग सभी को होती है।
इसके फायदों के साथ कुछ नुकसान भी हैं। डिलिवरी के वक्त पेरेनियम को देखने के लिए यह एक विधि बेहतर साबित नहीं होती है। डिलिवरी के आखिरी चरण के लिए में सेमि-रिक्लाइनिंग या साइड लेइंग पुजिशन बेहतर साबित होती हैं।
नुकसान
वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) में स्कॉटिंग पुजिशन में गलत तरीके से पुशिंग और स्कॉटिंग करने से खिंचाव बढ़ सकता है। संभवतः बच्चे की स्थिति स्कॉटिंग करने के लिए सही न हो। इससे महिला के घुटनों, टखनों और हिप्स पर दबाव महसूस हो सकता है।
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सिटिंग पुजिशन
वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) में दूसरी पुजिशन है जो सिटिंग पुजिशिन सेमि-रिक्लाइनिंग का मोडिफिकेशन है लेकिन, इसमें कमर को सबसे ज्यादा आराम मिलता है। वजायनल बर्थ पोजीशन के सिटिंग पुजिशन में कुछ महिलाओं को इस पुजिशन में लोअर बैक में आराम मिलाता है। विशेषकर, शरीर के पिछले हिस्से की हड्डियों में सबसे ज्यादा आरामदायक महसूस होता है। इस पुजिशन में ग्रेविटी का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। हाल ही में आई बर्थिंग चेयर की वजह से इस पुजिशन का प्रयोग बढ़ गया है, जिसे अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। इस पुजिशन में डिलिवरी कराने से बेहतर तरीके से पेरेनियम को देखा जा सकता है। वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) में सिंटिंग पुजिशन महिलाओं की पहली पसंद होती है।
नुकसान
वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) की इस पुजिशन में ज्यादा देर तक रहने से पेरेनियम में सूजन आ सकती है।
साइड लेइंग पुजिशन
वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) में यह बर्थ पुजिशन यूरोप के युनाइटेड किंग्डम में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। ज्यादातर डॉक्टरों के लिए यह एक अपरंपरागत तकनीक है। शिशु को जन्म देने के तरीकों में डिलिवरी कराने वाले और गर्भवती महिला दोनों के लिए यह सबसे बेहतर विधि है। साइड लेइंग को पहले और दूसरे दोनों ही चरणों में इस्तेमाल किया जा सकता है। फेटल डिसट्रेस के मामलों में यह सबसे ज्यादा कारगर साबित होती है। इसे स्कॉटिंग के साथ अल्टरनेट करके किया जा सकता है।
वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) की साइड लेइंग पुजिशन में शिशु को बाहर निकालने के लिए महिला के एक पैर को ऊपर की तरफ फैला लिया जाता है। इस दौरान डिलिवरी कराने वाले डॉक्टर या नर्स का सहायक महिला के उठे हुए पैर को संभालता है। महिला इसमें अपने घुटने और पीठ को पकड़ सकती है। जोर लगाने के बाद वह अपनी बाजू और पैरों को आराम भी दे सकती है। इस पुजिशन में डिलिवरी कराने वाला बेड के एक तरफ होता है। जिसमें वह पेरेनियम को बेहतर तरीके से देख सकता है साथ ही मसाज भी दे सकता है। डिलिवरी कराने वाला यह सुनिश्चित भी कर सकता है कि बच्चे का सिर जितना हो सके उतना बिना किसी समस्या के आसानी से बाहर आ जाए। इस पोजिशन के लिए किसी विशेष बेड या इक्विपमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। वजायनल बर्थ पोजीशन की साइड लेइंग पोजीशन में बिना कुछ एक्सट्रा अरेंजमेंट के डिलीवरी आसानी से की जा सकती है।
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नुकसान
इस पुजिशन में आपको ग्रेविटी का फायदा नहीं मिलता है। इसकी वजह से कई बार परेशानी हो सकती है।
रिक्लाइनिंग बर्थ पुजिशन
वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) की रिक्लाइनिंग बर्थ पुजिशन उनके लिए हैं जिनकी डिलिवरी में ज्यादा समय लगता है। डिलिवरी की प्रक्रिया कई बार लंबी चलती है। ऐसी स्थिति में गर्भवती महिला को बीच-बीच में आराम की जरूरत पड़ती है। ऐसे में रिक्लाइनिंग बर्थ पुजिशन काफी बेहतर साबित होती है। इस पुजिशन को करने के अनेकों तरीके हैं। आप बेड पर लेट सकती हैं। दीवार, कुर्सी या किसी अन्य व्यक्ति की पीठ का सहारा ले सकती हैं। यहां तक कि आप अपने पति को डिलिवरी के वक्त एक सहारे को तौर पर अपने साथ रहने दे सकती हैं। इस पोजीशन की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे दबाव कम महसूस होता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह पुजिशन उस वक्त भी बेहतर साबित हो सकती है जब महिला पूरी तरह से थक चुकी हो। वजायनल बर्थ पोजीशन में रिक्लाइनिंग बर्थ पुजिशन का डिलिवरी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
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नुकसान
यह गुरुत्वाकर्षण के विपरीत काम करती है। जिससे कई बार डिलिवरी प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है। कमर को पीछे से सहारा मिलने से यूट्रस प्रमुख रक्त वाहिकाओं को कंप्रेस कर सकता है, जिसमें संभावित रूप से शिशु को ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
इस आर्टिकल से आपको वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। किसी भी तरह की अन्य जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। आजकल की महिलाएं डिलिवरी से पहले अपनी तरफ से हर तरह की रिसर्च करके तैयार रहती हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि वह किस तरह से डिलिवरी करवाने वाली है। यूट्यूब और दूसरे माध्यम से वह हर तरह की प्रक्रिया के बारे में सारी रिसर्च करके तैयार रहती है। वजायनल बर्थ पोजीशन (Vaginal Birth Positions) के लिए भी वह पहले से तैयार रहती हैं और उनके पास इससे जुड़ी सारी जानकारी होती है।
हम आशा करते हैं कि वजायनल बर्थ पोजिशन के फायदे और नुकसान समझने में इस आर्टिकल ने मदद की होगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट की सलाह लें।
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