कंसेप्शन (conception): गर्भधारण करने की प्रक्रिया। यह तब होता है जब एक पुरुष का शुक्राणु महिला के अंडे के साथ जुड़ता है, इसे निषेचित करता है।
कॉन्ट्रैक्शन (contraction): गर्भाशय को सिकुड़ना, कई बार इस स्थिति में काफी दर्द होता है। यह बच्चे को बर्थ कैनाल के माध्यम से जाने के लिए जगह बनाने में मदद करता है।
क्राउनिंग (crowning): प्रेग्नेंसी के दौरान वह स्थिति जब बच्चे का सिर वजायना से बाहर दिखने लगता है।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy): फर्टिलाइज अंडे का गर्भाशय के बाहर इम्प्लांट होना।
एम्ब्रियो (embryo): गर्भधारण के आठ हफ्तों तक फर्टिलाइज अंडों को इस नाम से बुलाया जाता है।
फैलोपियन ट्यूब्स (fallopian tubes): महिला के पेट में सिकुड़ी हुई ट्यूब्स जो ओवरी से अंड्डे को गर्भाशय तक लाने का काम करती हैं।
फॉल्स लेबर (false labour): वह स्थिति जब प्रेग्नेंसी टेस्ट पोजिटिव आता है लेकिन, हकीकत में महिला प्रेग्नेंट नहीं होती है।
फर्टिलिटी (fertility): गर्भधारण करने की योग्यता और प्रेग्नेंसी के अंत तक भ्रूण को रखना।
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फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (fertility treatment): गर्भधारण के लिए किया जाने वाला उपचार।
फर्स्ट डिग्री टियर (first-degree tear): डिलिवरी के दौरान पेरेनियम की जगह पर टूट-फूट, जिसमें हमेशा टांके लगानी की जरूरत नहीं होती है।
फर्स्ट ट्राइमेस्टर (first trimester): प्रेग्नेंसी के पहले 12 हफ्ते को फर्स्ट ट्राइमेस्टर कहते हैं। यह भी बहुत कॉमन प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्म है।
सेकेंड ट्राइमेस्टर (Second trimester): प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही।
थर्ड ट्राइमेस्टर (Third trimester): प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीने।