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प्रेग्नेंसी के दौरान यूज होने वाले मेडिकल टर्म, जान लें इनके बारे में

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Mayank Khandelwal


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/08/2020

    प्रेग्नेंसी के दौरान यूज होने वाले मेडिकल टर्म, जान लें इनके बारे में

    प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर या नर्स एक विशेष शब्दावली का प्रयोग करते हैं। यह शब्दावली कई बार महिला और उसकी देखरेख करने वालों की समझ नहीं आती। इसे प्रेग्नेंसी की मेडिकल टर्मेनोलॉजी कहा जाता है। इसमें कई शब्द हैं। प्रत्येक शब्द महत्वपूर्ण है। यह मेडिकल टर्म प्रेग्नेंसी की स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं। यदि आप भी इन मेडिकल टर्म्स से अंजान हैं, तो हम आपको इनके बारे में बता रहे हैं। यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

    प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्म

    एम्निओटिक फ्लूड (amniotic fluid): गर्भाशय में बच्चे के चारों तरफ रहने वाला तरल।

    एम्निओटिक सेक (amniotic sac): गर्भ में बच्चे के चारों तरफ रहने वाली थैली।

    बेबी ब्लूज (baby blues): डिलिवरी के बाद हार्मोंस में बदलाव के चलते होने वाला हल्का तनाव।

    बर्थ कैनल (Birth canal): बर्थ कैनल में मां के शरीर के कई हिस्से शामिल होते हैं, जिसके माध्यम से एक बच्चे को वेजायना बर्थ के दौरान गुजरना होता है। इसमें गर्भाशय, सर्विक्स, वजायना और वल्वा शामिल हैं।

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    एनेस्थेटिक (anaesthetic): किसी हिस्से को पूरी या आंशिक तौर पर सुन्न करने की दवा। यह भी प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्म में से एक है।

    एनेस्थेटिस्ट (anaesthetist): सुन्न करने वाला चिकित्सक।

    एंटीनेटल (antenatal): जन्म से पहले।

    रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (reproductive technology): गर्भधारण करने में सहायक प्रक्रिया।

    ब्रीच पोजिशन (breech position):  वह स्थिति जब गर्भाशय में बच्चे का सिर पेल्विक की तरफ और पैर बच्चेदानी के मुंह की तरफ होते हैं।

    सिजेरियन (caesarean section): एक सर्जरी (सिजेरियन) जिसमें महिला के पेट और गर्भाशय पर चीरा लगाकर बच्चे को निकाला जाता है।

    सर्विक्स (cervix): बच्चे दानी का निचला सिरा, जो वजायना से जुड़ा होता है।  वेजायना डिलीवरी डिलिवरी के वक्त यह मुलायम होकर खुलता है और बच्चा इसी से होकर निकलता है।

    कंसेप्शन (conception): गर्भधारण करने की प्रक्रिया। यह तब होता है जब एक पुरुष का शुक्राणु महिला के अंडे के साथ जुड़ता है, इसे निषेचित करता है।

    कॉन्ट्रैक्शन (contraction): गर्भाशय को सिकुड़ना, कई बार इस स्थिति में काफी दर्द होता है। यह बच्चे को बर्थ कैनाल के माध्यम से जाने के लिए जगह बनाने में मदद करता है।

    क्राउनिंग (crowning): प्रेग्नेंसी के दौरान वह स्थिति जब बच्चे का सिर वजायना से बाहर दिखने लगता है।

    एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy): फर्टिलाइज अंडे का गर्भाशय के बाहर इम्प्लांट होना।

    एम्ब्रियो (embryo): गर्भधारण के आठ हफ्तों तक फर्टिलाइज अंडों को इस नाम से बुलाया जाता है।

    फैलोपियन ट्यूब्स (fallopian tubes): महिला के पेट में सिकुड़ी हुई ट्यूब्स जो ओवरी से अंड्डे को गर्भाशय तक लाने का काम करती हैं।

    फॉल्स लेबर (false labour): वह स्थिति जब प्रेग्नेंसी टेस्ट पोजिटिव आता है लेकिन, हकीकत में महिला प्रेग्नेंट नहीं होती है।

    फर्टिलिटी (fertility): गर्भधारण करने की योग्यता और प्रेग्नेंसी के अंत तक भ्रूण को रखना।

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    फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (fertility treatment): गर्भधारण के लिए किया जाने वाला उपचार।

    फर्स्ट डिग्री टियर (first-degree tear): डिलिवरी के दौरान पेरेनियम की जगह पर टूट-फूट, जिसमें हमेशा टांके लगानी की जरूरत नहीं होती है।

    फर्स्ट ट्राइमेस्टर (first trimester): प्रेग्नेंसी के पहले 12 हफ्ते को फर्स्ट ट्राइमेस्टर कहते हैं। यह भी बहुत कॉमन प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्म है।

    सेकेंड ट्राइमेस्टर (Second trimester): प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही।

    थर्ड ट्राइमेस्टर (Third trimester): प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीने।

    फीटस (Foetus): गर्भावस्था के 9वें सप्ताह से प्रसव तक गर्भ में रहने वाले बच्चे को कहते हैं।

    जेस्टेशन (Gestation): बच्चे के गर्भाशय में रहने वाले समय की लंबाई (दिनों या हफ्तों में)।

    जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes): गर्भावस्था के दौरान महिला के रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने पर होने वाली स्थिति।

    आईवीएफ (IVF): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर के बाहर से भ्रूण को गर्भ में धारण कराया जाता है।

    एलएमपी (LMP) last menstrual period : अंतिम मासिक धर्म की अवधि।

    मॉर्निंग सिकनेस (Morning Sickness): प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्म में से एक है मॉर्निंग सिकनेस। सुबह के समय आने वाली मतली और उल्टी, जो ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है।

    गर्भपात (Miscarriage): गर्भावस्था में किसी समस्या के कारण भ्रूण के नष्ट हो जाने को गर्भात कहते हैं। कभी-कभी शारीरिक समस्याओं के चलते भी कुछ महिलाएं गर्भपात का शिकार हो जाती हैं।

    एनआईसीयू (NICU): अस्पताल में नवजात शिशु की गहन देखभाल का कमरा।

    प्लेसेंटा (Placenta): मां को बच्चे से जोड़ने वाला ऊतक। यह बच्चे के विकास में अहम रोल निभाता है। इसे भ्रूण की पोषक थैली भी कहते हैं। इसके एक सिरे से गर्भनाल जुड़ी होती है दूसरा सिरा बच्चे की नाभि से जुड़ा होता है।

    प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Praevia): गर्भनाल का बच्चे दानी के मुंह को ढंक लेना।

    पोस्टीरियर (Posterior): डिलिवरी के दौरान बच्चे का चेहरा ऊपर होने की स्थिति को कहते हैं।

    पोस्टपार्टम (Postpartum): प्रसव के बाद की अवधि।

    पोस्ट–टर्म (Post-term): 42 सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाली गर्भावस्था को कहते हैं।

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    प्रीटर्म (Pre-term): 37 सप्ताह से पहले पैदा हुए शिशु।

    स्टिल बर्थ (Still Birth): प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्म में स्टिल बर्थ बहुत कॉमन है। जन्म के दौरान या गर्भावस्था के आखिरी चरणों के दौरान जब भ्रूण नष्ट हो जाता है।

    स्ट्रेच मार्क्स (Stretch marks): त्वचा में लाल, गुलाबी या बैंगनी रंग के निशान जो अक्सर जांघों, नितंबों, पेट पर दिखाई देते हैं। ये निशान त्वचा के खिंचने के कारण होते हैं और आमतौर पर डिलिवरी के बाद दिखते हैं। इन्हें स्ट्रेच मार्क कहा जाता है।

    ट्राइमेस्टर (Trimester): एक सामान्य गर्भावस्था को तीन ट्राइमेस्ट में बांटा गया है। प्रत्येक अवधि में लगभग तीन महीने होते हैं।

    अम्बिकल कॉर्ड (Umbilical Cord): बच्चे में रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को स्थानांतरित करने वाला कॉर्ड।

    अबॉर्शन (Abortion): गर्भपात।

    ब्लड ट्रांसफ्यूजन (Blood transfusion): एक प्रक्रिया जब रक्त चढ़ाया जाता है।

    उम्मीद है प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्म से जुड़ी ये जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। अब पार्टनर को डॉक्टर के पास ले जाते वक्त अगर आप या आपकी वाइफ इस टर्मेनोलॉजी को सुनेंगी तो डॉक्टर क्या कहना चाह रहे हैं समझने में परेशानी नहीं होगी। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्म से जुड़ी हर जरूरी जानकारी दी गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।

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