बार-बार मिसकैरिज (Repeated Miscarriages) होने का कारण का पता चल सकता है जेनेटिक टेस्टिंग से
क्रोमोसोमल टेस्ट शायद ही कभी मिसकैरिज के टिशू पर किया जाता है, क्योंकि इसे पर्याप्त अध्ययन के लिए प्रिजर्व करना मुश्किल होता है। यदि क्रोमोसोमल टेस्ट की आवश्यकता होती है, तो आपके और आपके पार्टनर का ब्लड टेस्ट (Blood test) यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि जींस का कोई ट्रांस्लोकेशन (ऐसी स्थिति जिसमें जीन की संख्या सामान्य 46 होती है, लेकिन वे असामान्य रूप से एक साथ जुड़ जाते हैं) नहीं है। यह स्थिति बार-बार मिसकैरिज का कारण बन सकती है। इस टेस्ट बार-बार मिसकैरिज होने का कारण (Cause of Repeated Miscarriages) पता चल जाता है।
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बार-बार मिसकैरिज (Repeated Miscarriages) के बाद मेरे सफल गर्भधारण की कितनी संभावना है?
यदि किसी महिला का दो से अधिक बार गर्भपात हो जाता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार बार-बार मिसकैरिज के कारण का पता नहीं चल पाता। ऐसे में महिलाएं अपनी अगली प्रेग्नेंसी को लेकर आशंकित रहती हैं। जहां तक गर्भधारण की बात है तो कई अध्ययनों के मुताबिक, यदि गर्भपात के कारणों का पता नहीं चल पाता है तो बार-बार मिसकैरिज के बाद भी 65% महिलाओं को सफल गर्भधारण हुआ है।
मिसकैरिज महिलाओं को न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर बना देता है। ऐसे में पार्टनर को महिला का पूरा सहयोग करना चाहिए और अगली प्रेग्नेंसी की प्लानिंग डॉक्टर की सलाह और फीमेल पार्टनर के पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही करना चाहिए।
हमें उम्मीद है कि मिसकैरिज होने का कारण (Cause of Repeated Miscarriages) पता लगाने के विषय पर आधारित ये आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। अगर एक से ज्यादा बार मिसकैरिज हो चुका है और बार-बार मिसकैरिज होने का कारण पता नहीं चल पा रहा है तो तुरंत इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें ताकि इसे रोका जा सके।
प्रेग्नेंसी के दौरान छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसे में फोन के इस्तेमाल को लेकर भी ध्यान रखना जरूरी है। नीचे दिए इस क्विज को खेलिए और जानिए आवश्यक बातें।