स्तनों में सूजन प्रेग्नेंसी के शुरुआती संकेतों में से एक है। शरीर में हार्मोन्स के बदलाव का असर स्तनों पर होता है। यह बदलाव दूध नालिकाओं को शिशु को स्तनपान कराने के लिए तैयार करने के लिए होता है। जोकि संभवतः पहले ट्राइमेस्टर में शुरू होता है। कई मामलों में महिलाओं के स्तनों का आकार अचानक बढ़ जाता है और उन्हें खुजली का अहसास भी होता है। पहला ट्राइमेस्टर प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए अधिक परेशानी भरा होता है क्योंकि उनके शारिरीक बदलावों के साथ हार्मोनल इंबैलेंस की परेशानी भी होती है।
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पहला ट्राइमेस्टर प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या
खाने को आंत में पहुंचाने के लिए मांसपेशियों में होने वाला संकुचन धीमा हो जाता है क्योंकि शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। वहीं, खाने- पीने में आयरन की मात्रा बढ़ जाने से कब्ज का अहसास होता है। इस दौरान आपको पेट के फूले होने का अहसास भी होता है। ऐसे में प्रचुर मात्रा में फायबर लेने और पानी पीने से इस समस्या का निदान हो सकता है। प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या होना बहुत आम है लेकिन पहला ट्राइमेस्टर प्रेग्नेंसी का सबसे नाजुक दौर होता है। इस दौरान यह समस्या ज्यादातर महिलाओं को परेशान करती है।
इस अवस्था में शारीरिक गतिविधियां भी मददगार हो सकती हैं। यदि आपको कब्ज की समस्या ज्यादा हो तो आपको डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। वह स्टूल को सॉफ्ट करने की दवाइयां दे सकता है।