गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड का सेवन किया जा सकता है? ( Can Calamari and Sea Food be consumed during pregnancy?)
गर्भावस्था में कालामारी का सेवन किया जा सकता है, तब जब ये पूरी तरह से पकी हुई हो। इसमें कई पोषक तत्वों के साथ ही मरक्यूरी की मात्रा में कम होती है। गर्भावस्था में कालामरी के सेवन को लेकर होने वाले कंफ्यूजन का कारण इसका क्लासिफिकेशन ठीक से ना होना है। कालामारी एक सेल्फिश नहीं है यह एक ऑक्टोपस की तरह एक घोंघा (Mollusk) है। गर्भवती महिलाएं इस बात के लिए जागरुक होती हैं कि उन्हें वे मछलियां खाना चाहिए जो पूरी तरह से पकी और जिनमें लो मरक्युरी हो। कालामारी को भी इसी तरह ट्रीट किया जाना चाहिए क्योंकि ये सेल्फिश नहीं है।
एफडीए (FDA) की रेटिंग के अनुसार यह मरक्युरी का लो सोर्स है। कालामारी में 0.024 भाग प्रति मिलियन (PPM) पारा होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन किया जा सकता है। इसी तरह ऐसे सी फूड्स जिनमें मरक्युरी का लेवल लो है उनका सेवन भी प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित माना जाता है, लेकिन हाय मरक्युरी सी फूड्स को अवॉइड किया जाना चाहिए। जिसमें किंग मैकेरल (King mackerel, शार्क (Shark), टाइलफिश (Tilefish), स्वोर्डफिश (Swordfish), बिगआई टूना (Bigeye tuna) और मार्लिन (Marlin) शामिल हैं।
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गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) के सेवन से पहले ये जानना है जरूरी
हाय मरक्युरी वाले फूड्स का प्रेग्नेंसी के दौरान सेवन जैसे पॉल्यूटेड सेलफिश या मरक्युरी के साथ प्रदूषित अनाजका सेवन भ्रूण के विकास पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है और सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral palsy) का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि एनसीबीआई में छपी एक नई रिसर्च के अनुसार मरक्युरी फूड का सीमित मात्रा में सेवन और भ्रूण के विकास में परिवर्तन के सॉलिड एविडेंस के बारे में पता नहीं चला है। वहीं गर्भावस्था में फिश का सेवन बच्चे के विकास में योगदान देने के साथ ही मेटरनल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। यानी कि गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) का सेवन किया जा सकता है मरक्युरी कंटेंट को ध्यान रखकर।
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड का सेवन किस प्रकार किया जा सकता है? (How to consume Calamari and Sea food during pregnancy?)
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) का सेवन करते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह अथपकी और कच्ची ना हो। इससे बैक्टीरियल कंटामिनेशन (Bacterial contamination) का रिस्क बढ़ सकता है। अच्छी तरह से पकी हुई कालामारी को प्रेग्नेंट महिलाएं आसानी से खा सकती हैं जो कि डीप फ्राय रूप में मौजूद होती है। इसके डीप फ्राय या मीडियम फ्राय होने से इसकी सुरक्षा पर तो असर नहीं पड़ता है, लेकिन इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू प्रभावित होती है। कालामारी में हेल्दी लीन प्रोटीन होता है, लेकिन इसको डीप फ्राय करने और हैवी सॉस में डिप करने से कैलोरीज और फैट इसमें एड हो जाता है।