प्रेग्नेंसी में योग को लेकर महिलाओं के दिमाग में अनेक सवाल उठते हैं। इसमें सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि क्या प्रेग्नेंसी के दौरान योग सुरक्षित है? इसमें कोई दो राय नहीं है कि योग ना सिर्फ मान को शांत करता है बल्कि कई प्रकार से लाभकारी होता है। प्रेग्नेंसी में यह बॉडी को लचीला, मजबूत और अच्छे शेप में भी रखता है। इस बात की पुष्टि कई अध्ययनों में की जा चुकी है। शुरूआती प्रेग्नेंसी में योग के बहुत से फायदे हैं जिसको नकारा नहीं जा सकता।
अध्ययनों में पाया गया है कि प्रेग्नेंसी में योग नींद में सुधार करने के साथ, तनाव को भी कम करता है। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान कुछ महिलाओं को कमर में दर्द और उल्टी आती है जिसके लिए योग का इस्तेमाल किया जा सकता है। महिलाओं की बदलते शरीर और हॉर्मोन को ठीक करने के लिए प्रेग्नेंसी में योग बहुत जरूरी है। कुछ महिलाएं शुरूआत से प्रेग्नेंसी में योग करती है जिसका फायदा उनके शरीर से लेकर उनके मन और उनकी सोच में भी होता है।
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प्रेग्नेंसी में योग के फायदे (Benefits of Yoga in Pregnancy)
- प्रेग्नेंसी में योग करने से यह बॉडी को मजबूत करने के साथ ही लचीलापन और एंड्योरेंस को बढ़ाता है।
- कमर के दर्द को कम करता है।
- प्रेग्नेंसी में योग से उल्टी की संभावना घटती है।
- कार्पल टनल सिंड्रोम को कम करता है
- प्रेग्नेंसी में योग सिरदर्द को कम करता है
- प्रीटर्म लेबर के खतरे को कम करता है। यह वह स्थिति है जब महिला तय ड्यू डेट से पहले शिशु को जन्म देती है।
- इंट्रायुट्राइन के विकास में आने वाली बाधाओं को कम करता है। यह वह स्थिति है जब शिशु का गर्भ में विकास धीमा हो जाता है।
इस पर दिल्ली के मालवीय नगर की योग आचार्य चारू फुटेला ने कहा, ‘प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की बॉडी में हार्मोन से लेकर शारीरिक स्तर पर कई बदलाव आते हैं। इस उतार-चढ़ाव की स्थिति में कुछ महिलाओं के मन में कई प्रकार के डर रहते हैं। योग उन्हें मानसिक रूप स्वस्थ और मजबूत बनाता है। चारू के मुताबिक, ‘कई बार यह बदलाव महिला की मनोस्थिति को अस्थिर भी कर देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें तनाव, घबराहट जैसी परेशानियां हो सकतीं हैं। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान यदि महिला योग करती है तो वह इन समस्याओं से निपटने में सक्षम हो सकती है।’
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प्रेग्नेंसी में योग (Yoga in Pregnancy) में आप क्या कर सकती हैं?
सांस लेने की तकनीक (Breathing techniques): प्रेग्नेंसी में योग करते वक्त आपको सांस लेने के तरीके पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इसमें आप नाक से गहरी सांस लेतीं हैं और धीरे-धीरे इसे बाहर छोड़तीं हैं। योग क्लासेज में सिखाए जाने वाले प्रीनेटल योग में सांस लेने की तकनीक गर्भावास्था के दौरान और डिलिवरी के वक्त कॉन्ट्रैक्शन होने पर बेहद मददगार साबित होती है।
स्ट्रेचिंग और पॉश्चर (Stretching and posture): प्रेग्नेंसी में योग करते वक्त आपको अलग-अलग तरीके से बॉडी को घुमाना सिखाया जाएगा। स्ट्रेचिंग के अलावा इसमें आपको अलग-अलग तरह के पॉश्चर भी सिखाए जाते हैं। खड़े होकर, बैठे हुए या जमीन पर लेटे हुए बॉडी को अलग-अलग पोजिशन में रखना सिखाया जाएगा। इसका उद्देश्य बॉडी में स्ट्रेंथ (ताकत), लचीलापन और संतुलन को विकसित करना होता है। पॉश्चर सीखते वक्त आपको सपोर्ट के लिए चटाई, तकिए और बैल्ट का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह बॉडी को सहज बनाए रखेंगे। प्रेग्नेंसी में योग करने के फायदे डॉक्टर भी बताते हैं और इसकी सलाह वो भी देते हैं।
कूल डाउन और रिलैक्सेशन (Cool Down and Relaxation): प्रीनेटल योग क्लास के आखिर में मांसपेशियों को आराम देने सिखाया जाएगा। इससे हार्ट बीट सामान्य अवस्था में आ जाती है। इस वक्त आपको सांसों की आवाज सुनने और भावनाओं पर ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे आपको मानसिक शांति और सुकून का अहसास हो सकता है। प्रेग्नेंसी में योग करने से गर्भवती महिलाएं कूल डाउन और रिलैक्सड रहती हैं।
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प्रेग्नेंसी में योग कब करना चाहिए? (When should I do yoga in pregnancy?)
खास बातचीत में योग आचार्य चारू फुटेला ने कहा, ‘प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में योग नहीं करना चाहिए। इस अवधि में गर्भाशय में पल रहा भ्रूण काफी संवदेनशील होता है। जरा सी गलती उसे नुकसान पहुंचा सकती है। यहां तक महिला का गर्भपात भी हो सकता है। लेकिन दूसरी ट्राइमेस्टर में प्रेग्नेंसी में योग करना हमेशा अच्छा होता है।
चारू के मुताबिक, ‘प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महिनों के बाद योग क्लास ज्वॉइन की जा सकती है लेकिन, इससे पहले डॉक्टर की मंजूरी अनिवार्य है। क्योंकि कुछ मामले संवेदनशील होते हैं जिसमें शायद डॉक्टर योग करने की मंजूरी नहीं देते।’
हर ट्राइमेस्टर के लिए अलग-अलग होता है योग (Yoga is different for every trimester)
चारू के मुताबिक, दूसरे ट्राइमेस्टर के मुकाबले तीसरे ट्राइमेस्टर का योग और एक्सरसाइज अलग-अलग हो सकती हैं। जैसे-जैसे डिलिवरी नजदीक आती है वैसे-वैसे योग और एक्सरसाइज में परिवर्तन किया जाता है। ड्यू डेट नजदीक होने पर महिला को योग और एक्सरसाइज के माध्यम से तैयार किया जाता है, जिससे वह आसानी से शिशु को जन्म दे सके।
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प्रेग्नेंसी में योग (Yoga in Pregnancy) है फायदेमंद अध्ययनों ने की पुष्टि
2015 में एनसीबीआई में प्रकाशित इफेक्ट्स ऑफ प्रीनेटल योग के नाम से प्रकाशित एक अध्ययन में 10 स्टडीज का विश्लेषण किया गया। विश्लेषण में यह पाया गया कि योग करने से पेल्विक में होने वाला दर्द कम होता है। इसके साथ ही योग मानसिक स्थिति (स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जायटी), शारीरिक स्थिति (दर्द और डिलिवरी के वक्त महसूस होने वाले दर्द) में सुधार करता है। योग डिलिवरी में आने वाली परेशानियां और इसकी अवधि को भी प्रभावित करता है। हालांकि, इस पर अभी और अध्ययन होना बाकी है। प्रेग्नेंसी में योग करना महिलाओं को रिफ्रेश तो करता ही साथ ही वह उनको दिमागी शांति भी देता है।
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इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि प्रेग्नेंसी में योग कितना लाभकारी है। इससे मां और शिशु को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं लेकिन किसी प्रकार के योगासन को करने से पहले एक बार योग एक्सपर्ट से जरूर संपर्क करें। प्रेग्नेंसी में योग के लिए योग एक्सपर्ट से मिलें और अपने प्रेग्नेंसी ट्राइमेस्टर के हिसाब से योगा मूव्स पर काम करें। योग हर उम्र के लिए बेहतर और प्रेग्नेंसी में योग मानों सोने पर सुहागा हो।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में गर्भावस्था में योग के फायदों के बारे में बताया है। यदि आपको इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी चाहिए तो बेहतर होगा इसके लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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