जब भी किसी महिला की सी-सेक्शन डिलिवरी होती है, तो उनके दिमाग में कुछ सवाल आना सामान्य है। जैसे सिजेरियन सेक्शन के बाद शरीर में क्या बदलाव आ सकता है या इसके बाद उसे रिकवर होने में कितना समय लगेगा आदि? आमतौर पर सी-सेक्शन की चॉइस मां और शिशु के स्वास्थ्य, शिशु की गर्भ में स्थिति या गर्भ में एक या एक से अधिक बेबीज होना जैसे कारणों पर निर्भर करती है। ऐसा माना जाता है कि ऐसे में एक्सरसाइज करने से जल्दी रिकवरी होने में मदद मिलती है। आज हम सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) के बारे में बात करने वाले हैं। सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) के बारे में जानने से पहले जान लेते हैं कि आप सी-सेक्शन के बाद कब एक्सरसाइज करना शुरू कर सकती हैं?
सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) की कब की जा सकती है शुरुआत?
सी सेक्शन के बाद जब आप जल्दी रिकवर होने के बारे में सोचती हैं, तो एक्सरसाइज की सलाह सबसे पहले दी जाती है। लेकिन, इस बारे में यह भी पता होना चाहिए कि आपको सी-सेक्शन एक्सरसाइजेज की शुरुआत कब करनी चाहिए? सबसे पहले डॉक्टर से इस बारे में बात करें। जब आपके डॉक्टर आपको अनुमति दें, उसके बाद आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं। आमतौर पर सी-सेक्शन के बाद डॉक्टर रोगी को छह से आठ हफ्तों के बाद एक्सरसाइज करने के लिए कह सकते हैं। अगर आपको इसकी सलाह दी भी गयी हो, लेकिन उसके बाद भी एब्डोमिनल एक्सरसाइज (Abdominal exercise) को करने से बचना चाहिए। प्रेग्नेंसी में उन पेल्विक मसल्स पर बहुत अधिक स्ट्रेन और प्रेशर पड़ता है जो ब्लैडर, बॉवेल्स और यूट्रस को सपोर्ट करती हैं।
सर्जरी के दौरान, ब्लैडर को बच्चे को सुरक्षित रूप से डिलीवर के लिए मूव किया जाता है। यह इन अंगों और मांसपेशियों के लिए बहुत अधिक ट्रॉमा पैदा करता है, इसलिए उन्हें धीरे-धीरे मजबूत करने पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। ऐसे में ऐसी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइजेज करें जिसमें कोर एंगेज हों। लेकिन, क्रंचेज, सीट-आपस, फुल पुश-अप्स आदि को भी नजरअंदाज करें। अधिकतर डॉक्टर सी-सेक्शन के बाद पहले चार से छह महीने रोगी को लो-इम्पैक्ट कार्डियो की सलाह देते हैं जैसे वॉक, स्विमिंग, साइकिलिंग आदि। आइए अब जानते हैं सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) के बारे में।
सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) कौन सी हैं?
सी-सेक्शन से रिकवर होने से नार्मल डिलीवरी की तुलना में अधिक समय लगता है। इस दौरान नयी बनी मां के लिए अपना ख्याल रखना बेहद जरूरी है ताकि वो जल्दी रिकवर हो सकें। इसके लिए कुछ एक्सरसाइजेज की सलाह भी दी जा सकती है। लेकिन, हम यही सलाह देंगे कि व्यायाम की शुरुआत करने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य पूछें। सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) इस प्रकार हैं:
बेली ब्रीदिंग (Belly breathing)
यह व्यायाम एक बेहतरीन रिलैक्सेशन तकनीक है। इस डेली एक्टिविटी के दौरान कोर मसल्स को एक साथ काम करने में भी मदद मिलती है। इसे आप इस तरह से कर सकते हैं:
- एक आरामदायक बिस्तर या सोफे पर अपनी पीठ के बल लेटें।
- अपने हाथों को अपने पेट पर रखें और अपने शरीर को रिलैक्स कर दें।
- अपने नाक के माध्यम से डीप ब्रीद लें और अभी आप ऐसे महसूस करेंगे जैसे आपके हाथों में आपका पेट एक्सपैंड हो रहा है ।
- अब अपने मुंह के माध्यम से सांस छोड़ें। जब आप एक्सहेल करेंगे, तो अपने पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए, अपने बेलीबटन को अपनी रीढ़ की ओर खींचें। इसी स्थिति में तीन सेकंड तक रहें। इस प्रक्रिया को
- दिन में तीन बार पांच से दस बार दोहराएं।
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सीटेड कीगल (Seated kegal)
सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) में यह व्यायाम पेल्विक फ्लोर को एक्टिवेट करने और मजबूत करने के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है। ऐसा भी पाया गया है कि बच्चे के जन्म के बाद स्ट्रेस इनकॉन्टीनेंस (Stress incontinence) को इस एक्सरसाइज से कम किया जा सकता है। इस एक्सरसाइज को इस प्रकार किया जा सकता है:
- फर्श पर अपने पैरों के सहारे एक कुर्सी के किनारे पर बैठें।
- पेल्विक फ्लोर के मसल्स को कॉन्ट्रैक्ट करें। इसमें आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आप अपने यूरिन के फ्लो को रोक रहे हैं।
- कल्पना कीजिए कि आप अपनी वजाइना, एनस और मूत्रमार्ग की सभी ओपनिंग को बंद कर रहे हैं।
- इस कॉन्ट्रैक्शन में जितनी देर हो सके, उतनी देर तक रहें। इसकी शुरुआत पांच सेकंड से करें और उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार अवधि बढ़ाएं।
- एक गहरी सांस अंदर लें और फिर कॉन्ट्रैक्शन को आराम देते हुए पूरी तरह से सांस छोड़ें।
- कीगल एक्सरसाइज को विभिन्न पोजिशंस में ट्राय करें जैसे खड़े होकर और अपनी एक साइड पर लेट कर आदि।
- कॉन्ट्रैक्शन के बीच 2 मिनट के आराम के साथ 8 से 12 बार करें। प्रतिदिन 2 बार दोहराएं।
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सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) : वॉल सीट (Wall sit)
यह एक फुल बॉडी एक्सरसाइज है जिससे आपकी सभी मसल ग्रुप्स को एक साथ काम करने में मदद मिलती है। इस आसान व्यायाम को आप इस तरह से कर सकते हैं:
- एक दीवार से एक या दो फीट दूर खड़े हो जाएं।
- अब अपनी पीठ को धीरे से पीछे दीवार की तरफ ले जाएं और सिटींग पोजीशन में आएं। अपने हिप्स और घुटने एक दूसरे से 90-डिग्रीज में होने चाहिए।
- अपने कोर को एंगेज करें। एक डीप ब्रीद अंदर लें जाएं और जब आप सांस छोड़ें, तो ऐसा महसूस करें कि आप अपनी नाभि यानी बेलीबटन को दीवार की तरफ खींच रहे हैं।
- इसके अलावा आप कीगल एक्सरसाइज करते हुए भी इस पोजीशन को होल्ड कर के अपने पेल्विक फ्लोर को कॉन्ट्रैक्ट कर सकते हैं।
- जितनी देर तक आप इस पोजीशन में रह सकते हैं,रहें और इसे रिपीट करें।
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सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises): लेग स्लाइड्स (Leg slides)
जैसा कि आपको पहले भी बताया गया है कि सर्जरी के छह से आठ हफ्ते के बाद ही एक्सरसाइज करना शुरू करना चाहिए। लो इम्पैक्ट एक्सरसाइजेज जैसे योग, स्विमिंग, सैर आदि शुरुआत के लिए बेहतरीन है। यह बिगिनर कोर एक्सरसाइजेज जेंटल लेकिन इफेक्टिव तरीके से सभी कोर मसल्स को एंगेज रखने में मदद करती हैं। इस एक्सरसाइज को करने का तरीका इस प्रकार है:
- लेग स्लाइड्स को करने के लिए सबसे पहले फ्लोर पर पीठ कर सीधा लेट जाएं। अब अपने घुटनों को मोड़ लें। मोजे पहनें या अपने पैरों के नीचे एक तौलिया रखें ताकि आपके पैर फर्श पर आसानी से स्लाइड कर सकें।
- अब डीप ब्रीद लें। जैसे ही आप सांस छोड़ें, अपने बेलीबटन को अपनी रीढ़ की ओर खींचकर अपनी पेट की मांसपेशियों को इस तरह से कॉन्ट्रैक्ट करें, ताकि आपकी पीठ के निचले हिस्से का कर्व न बनें।
- इस कॉन्ट्रैक्शन को मैंटेन रखते हुए, धीरे-धीरे अपने पैर को अपने शरीर से दूर तब तक फैलाएं, जब तक कि पैर पूरी तरह से एक्सटेंड न हो जाए।
- अब इन्हें अपनी पहले ही शुरुआती पोजीशन में ले आएं।
- इस व्यायाम को बार-बार दोहराएं।
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यह तो थी सी-सेक्शन रिकवरी एक्सरसाइजेज (C Section recovery exercises) के बारे में जानकारी। सी-सेक्शन से जल्दी रिकवर होने में आपके लिए सही डायट, एक्सरसाइज और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करना जरूरी है। इस दौरान आपको एक्सरसाइज की शुरुआत धीरे-धीरे और लो इंटेंसिटी एक्सरसाइजेज से करनी चाहिए। एब्डोमिनल और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज को सी-सेक्शन डिलीवरी में फायदेमंद माना जाता है। कोर मसल्स की स्ट्रेंथ और स्टेबिलिटी को बढ़ाने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज को ट्राय करें। अगर आपको एक्सरसाइज करने में समस्या हो रही है, तो इसकी शुरुआत आप सैर से भी कर सकते हैं। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टरों से इस बारे में अवश्य जानें।
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