सर्वाइकल अफेसमेंट (Cervical effacement) से मतलब सर्विक्स के छोटा होने और पतला होने से है। इस प्रक्रिया की सहायता से सर्विक्स वजायनल यानी नॉर्मल डिलिवरी के लिए प्रिपेयर होता है। सर्विक्स यूट्रस के निचले हिस्से को वजायना से जोड़ने का काम करता है। साधारण तौर पर सर्विक्स की लेंथ 2.5 सेमी के आसपास होती है, और ये बंद स्थिति में होता है। सर्वाइकल अफेसमेंट एक प्रक्रिया है जो वजायनल डिलिवरी को आसान बनाने का काम करती है। इस आर्टिकल के माध्यम से सर्वाइकल अफेसमेंट (Cervical effacement) और डायलेशन (Dilation) के बारे में जानिए।
सर्वाइकल अफेसमेंट की प्रक्रिया (Process of Cervical effacement)
बच्चे के जन्म के लिए सर्विक्स का पतला होकर खुलना जरूरी होता है। सर्वाइकल अफेसमेंट के द्वारा गर्भाशय ग्रीवा पतली हो जाती है। ये आकार में बढ़ जाती है ताकि बच्चे का सिर आसानी से बाहर निकल सके। सर्वाइकल अफेसमेंट की माप प्रतिशत में की जाती है। जब गर्भाशय ग्रीवा 100 % अफेस हो जाती है तो इसका मतलब है कि ये पूरी तरह से पतली और छोटी हो गई है।
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सर्वाइकल अफेसमेंट और डायलेशन में क्या संबंध है? (Relation between Cervical effacement and Dilation)
वजायनल डिलिवरी के लिए फुल अफेसमेंट और फुल डायलेशन जरूरी होता है। ये दोनों प्रक्रिया एक साथ ही होती है। जब 100 % अफेसमेंट और डायलेशन होता है तो बच्चा आसानी से बर्थ कैनाल के बाहर आ जाता है। डायलेशन और सर्वाइकल अफेसमेंट की साथ में होने वाले प्रॉसेस को सर्वाइकल राइपनिंग (Cervical ripening) कहते हैं।
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ऐसे समझें सर्वाइकल अफेसमेंट का गणित
लेबर की फर्स्ट स्टेज में सर्विक्स खुलता है और पतला होता है। खुलने को डायलेशन और पतले होने की प्रक्रिया को सर्वाइकल अफेसमेंट कहा जाता है। इस प्रक्रिया से बच्चा बर्थ कैनाल के बाहर आने की कोशिश करता है। पहले सर्विक्स मजबूती के साथ बंद रहता है। फिर सर्विक्स 60 परसेंट अफेस होता है और 1 से 2 सेमी डायलेट होता है। फिर दूसरी बार में सर्विक्स 90 प्रतिशत तक अफेस होता है और 4 से 5 सेमी डायलेट होता है। वजायनल डिलिवरी के समय सर्विक्स का 100 प्रतिशत तक अफेसमेंट और 10 सेमी डायलेट होना जरूरी होता है।
सर्वाइकल अफेसमेंट के लक्षण (Symptoms of Cervical effacement)
सर्वाइकल अफेसमेंट जब शुरू होता है तो उस दौरान कुछ लक्षण भी दिख सकते हैं।
सर्वाइकल अफेसमेंट के दौरान म्यूकस प्लग का पास होना
सर्वाइकल अफेसमेंट के शुरू होने के दौरान म्यूकस प्लग वजायना से निकल सकता है। ऐसा सभी महिलाएं महसूस नहीं करती है। म्यूकस प्लग की वजह से बैक्टीरिया यूट्रस में नहीं जा पाते हैं। सर्वाइकल चेंजेस जिसमें डायलेशन और अफेसमेंट भी शामिल होता है, म्यूकस के निकलने का कारण बनता है।
सर्वाइकल अफेसमेंट के दौरान ब्लीडिंग
सर्वाइकल अफेसमेंट शुरू होने के दौरान हल्का सा रक्त निकल सकता है। इसे ब्लडी शो भी कहते हैं। सर्विक्स के आसपास ब्लड वेसल्स के रप्चर होने से ऐसा होता है। ये म्यूकस प्लग के नुकसान के कारण भी हो सकता है।
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सर्वाइकल अफेसमेंट के दौरान पेल्विक पेन
सर्वाइकल अफेसमेंट के दौरान पेल्विक पेन भी हो सकता है। इस दौरान बच्चे का सिर महिला के पेल्विक लिगामेंट्स पर दबाव डालता है।
सर्वाइकल अफेसमेंट के दौरान संकुचन महसूस होना
लेबर के दौरान संकुचन महसूस होता है। यूट्रस के टाइट होने और रिलेक्स होने से सर्वाइकल अफेसमेंट में हेल्प मिलती है। इस कारण से महिला को संकुचन महसूस होता है। सर्वाइकल अफेसमेंट की प्रॉसेस डिलिवरी के दौरान जरूरी होती है।
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क्या सर्वाइकल अफेसमेंट को मापा जा सकता है?
लेबर के दौरान डॉक्टर महिला के वजायना में हाथ डालकर डायलेशन और अफेसमेंट की जांच कर सकता है। साथ ही डॉक्टर सर्विक्स की जांच भी कर सकता है। अगर महिला को प्रेग्नेंसी के पहले इस बात की जानकारी है तो वो भी अफेसमेंट और डायलेशन को चेक कर सकती है। डॉक्टर ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड के लिए कह सकते हैं। इससे सर्वाइकल थिकनेस और लेंथ के बारे में जानकारी मिलती है।
सर्वाइकल अफेसमेंट में कितना लगता है समय?
अफेसमेंट और डायलेशन में कितना समय लगेगा, यह हर महिला के लिए अलग हो सकता है। एक से दो सेमी तक डायलेशन लेबर के एक हफ्ते पहले से शुरू हो सकता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी में 7,407 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया और इस विषय पर स्टडी की गई।
रिसर्चर ने अफेसमेंट और डायलेशन के समय का पता लगाने के लिए परिणाम निकाले। रिजल्ट में सामने आया कि 8 सेमी डायलेशन के दौरान 95% महिलाओं ने सर्वाइकल अफेसमेंट पूरा कर लिया था।
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डायलेशन (Dilation) क्या होता है?
लेबर के दौरान महिला को संकुचन महसूस होता है। संकुचन से मतलब पेट के निचले हिस्से में तेजी से होने वाले दर्द से है। संकुचन के कारण सर्विक्स को खुलने में सहायता मिलती है। इस दौरान सर्विक्स 0 सेमी से 10 सेमी तक खुलता है। लेबर की पहली स्टेज में संकुचन ज्यादा तेज नहीं होता है। इस दौरान सर्विक्स का डायलेशन भी होता है। डायलेशन के दौरान सर्विक्स 0 सेमी, 1 सेमी, 2 सेमी, 3 सेमी 6 सेमी से लेकर 10 सेमी तक खुलता है। डायलेशन की प्रक्रिया के बढ़ने के साथ ही महिला में संकुचन तेजी से होने लगता है। डायलेशन की प्रक्रिया बढ़ने से लेबर चैलेंजिंग हो जाता है। साथ ही लेबर का समय भी कम होने लगता है।
1 सेमी डायलेशन का मतलब
एक सेमी के डायलेशन के बाद महिला को करीब एक हफ्ते तक इंतजार करना पड़ सकता है। हर पेशेंट का शरीर अलग होता है। कुछ महिलाओं को डायलेशन कम समय में हो जाता है। साथ ही 10 सेमी डायलेशन के बाद महिला बच्चे को जन्म दे देती है। एक सेमी डायलेशन के दौरान महिला को पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द महसूस हो सकता है। इसके बाद महिला के लेबर की अर्ली स्टेज शुरू हो जाती है।
5 सेमी डायलेशन का मतलब
पांच सेमी डायलेशन का मतलब है कि अब महिला लेबर की अर्ली स्टेज में पहुंच चुकी है। इस दौरान महिला को रुक- रुक कर दर्द महसूस हो सकता है। इस दौरान बच्चे के आने की संभावना बढ़ जाती है। संकुचन ऐसे समय में एक मिनट के अंतराल में आ सकता है। महिलाओं को संकुचन के दौरान कुछ समय का रिलैक्स भी मिल जाता है। 5 सेमी डायलेशन का ये भी मतलब है कि महिला का सर्विक्स बड़ा हो चुका है। साथ ही यूट्रस से वजायना में आने के लिए बेबी पूरी तरह से तैयार हो चुका है।
6 सेमी डायलेशन का क्या मतलब है?
जब 6 सेमी तक डायलेशन हो जाएगा तो डॉक्टर इस बारे में डॉक्टर जांच कर सकता है। डॉक्टर चेक करता है कि डायलेशन 5 सेमी से ज्यादा हुआ है या फिर नहीं। 6 सेमी डायलेशन हो जाने के बाद महिला को तेजी से संकुचन आने शुरू हो जाते हैं। 5 सेमी से अधिक डायलेशन के दौरान महिला को पेट के निचले हिस्से में तेजी से दर्द महसूस होना शुरू हो जाता है। ऐसे में महिला को पार्टनर के साथ ही जरूरत सबसे ज्यादा होती है। अगर संकुचन के दौरान पार्टनर महिला के सिर को हल्के से हाथ से सहलाता है तो उसे बहुत रिलैक्स फील होता है। 10 सेमी डायलेशन हो जाने के बाद डॉक्टर महिला को पुश करने के लिए कहता है।
अगर आपके मन में सर्वाइकल अफेसमेंट को लेकर कोई भी प्रश्न हो तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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