प्रेग्नेंसी के दौरान जब बच्चा गर्भ में हलचल करता है तब गर्भनाल या अंबिलिकल कॉर्ड (Umbilical cord) में गांठें पड़ सकती हैं। ज्यादातर गांठें गर्भनाल (Umbilical cord) के लंबा होने की वजह से पड़ती हैं। विशेषकर जुड़वा बच्चों में यह मामले ज्यादा सामने आते हैं, जिनमें एक ही एमिनिओटिक सेक (पानी के बैग के नाम से भी जाना जाता है) है। ऐसे में जुड़वा बच्चों के इसमें फंसने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। यह बैग गर्भाशय के अंदर होता है, जो एमिनिओटिक फ्लूड से भरा होता है। हालांकि, इस प्रकार के मामले 100 में से एक प्रेग्नेंसी में सामने आते हैं। यदि इन गांठों पर तेज खिंचाव आता है, तो बच्चों तक पहुंचने वाली ऑक्सिजन रुक सकती है। इससे मिसकैरिज या गर्भ में मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।
गर्भनाल में सिस्ट (Umbilical cord cysts)
गर्भनाल या अंबिलिकल कॉर्ड (Umbilical cord) में सिस्ट से तात्पर्य है गर्भनाल (Umbilical cord) में तरल पदार्थ के थैली का होना। ऐसा होना सामान्य नहीं है। 100 में से एक से कम प्रेग्नेंसी में ऐसा होता है। आपके चिकित्सक को अल्ट्रासाउंड के दौरान इसके बारे में मालूम हो सकता है। कई मामलों में यह पहली तिमाही तो कुछ मामलों में इसका पता दूसरी तिमाही में चलता है। पहली तिमाही में पाए गए अधिकांश सिस्ट बच्चे को चोट नहीं पहुंचाते हैं।
ध्यान दें
गर्भनाल से जुड़े खतरे जानने के लिए अल्ट्रासाउंड के माध्यम से आपका डॉक्टर इस स्थिति के बारे में पता लगा सकता है। कुछ मामलों में सिजेरियन डिलिवरी करने की जरूरत हो सकती है, जिससे बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सट्रा केयर की जरूरत होती है। साथ ही रेगुलर चेकअप भी करवाना आवश्यक होता है।
हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में गर्भनाल (Umbilical cord) से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी दी गई है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल है तो अप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।