बाजार में मौजूद एक नहीं बल्कि कई प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की मदद से प्रेग्नेंसी की जानकारी आसानी से मिल जाती है। यही नहीं पीरियड्स नहीं आने की एक वजह महिला का गर्भवती होना भी दर्शाता है, लेकिन पीरियड (मासिकधर्म) मिस होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे हॉर्मोनल बदलाव या पीसीओडी (PCOD) की समस्या शामिल है। कपल्स कई बार पीरियड मिस होने का कारण प्रेग्नेंसी समझ लेते हैं, लेकिन हम आपको पीरियड्स मिस होने के पहले ही प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं? वह बताने जा रहे हैं।
और पढ़ेंः पीरियड डेट ट्रैक करने का आसान तरीका, इसे ऐसे समझें
पीरियड मिस होने के पहले,जानिए प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण
निम्नलिखित लक्षण प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। जैसे-
1. ब्रेस्ट में बदलाव (Breast change)
गर्भधारण के तकरीबन दो सप्ताह पहले स्तन में बदलाव महसूस होना सबसे शुरुआती लक्षणों में से एक है। ऐसे में ब्रेस्ट में भारीपन, दर्द या कसाव महसूस किया जा सकता है। ऐसा हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से होता है। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान हॉर्मोनल बदलाव मेलेनोसाइटस (melanocytes) पर असर डालती है। इसी कारण ब्रेस्ट में बदलाव होने के साथ-साथ निप्पल भी गहरा हो जाता है। वैसे कई महिलाओं को गर्भावस्था के पहले हफ्तों में ही स्तनों में बदलाव का अनुभव होने लगता है। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में ब्रेस्ट सॉफ्ट, भारीपन या फिर स्तन में झनझनाहट भी महसूस करती हैं।
2. गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण में मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness)
मॉर्निग सिकनेस गर्भधारण करने के 2-4 सप्ताह के बाद शुरू होने लगती है। मॉर्निंग सिकनेस प्रेग्नेंसी के सामान्य लक्षणों में से एक है। दरअसल मॉर्निंग सिकनेस, मतली और उल्टी यह वास्तव में एक मिथ भी माना जा सकता है क्योंकि गर्भावस्था के शुरुआत से मतली या उल्टी दिन के किसी भी समय हो सकती है। कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस का कभी अनुभव नहीं भी होता है। जबकि कुछ गर्भवती महिलाओं को गंभीर मतली की समस्या होती है। इसकी सबसे विशिष्ट शुरुआत गर्भावस्था के दूसरे हफ्ते से आठवें वें सप्ताह के बीच होती है। अधिकांश गर्भवती महिलाएं 13वें हफ्ते या 14वें सप्ताह के आसपास लक्षणों से राहत का अनुभव कर सकती हैं लेकिन, कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मतली की समस्या लगातार बनी रह सकती है।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से मिले नतीजे कितने सही या गलत?
3. स्पॉटिंग (ब्लीडिंग होना)
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में स्पॉटिंग भी हो सकती है। प्रेग्नेंट होने के पहले 3 महीने स्पॉटिंग (ब्लीडिंग) होना भी प्रेग्नेंसी के लक्षण होते हैं। कई बार महिला इसे पीरियड्स समझ लेती हैं। कई बार हल्की ब्लीडिंग एग फर्टिलाइज्ड होने के तकरीबन 6 से 12 दिनों बाद भी हो सकती है। अगर विजायनल ब्लीडिंग की समस्या ज्यादा हो रही है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
4.बार-बार यूरिन आना
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में बार-बार यूरिन आना सामान्य है। गर्भवती महिलाओं का मानना है कि यह सबसे ज्यादा परेशान करने वाले लक्षणों में से एक है बार-बार टॉयलेट जाने की परेशानी। बार-बार यूरिन की समस्या प्रेग्नेंसी के शुरुआत से डिलिवरी तक बनी रहती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार बार-बार यूरिन आने की समस्या हॉर्मोनल बदलाव की वजह से होता है। हालांकि अगर इस दौरान अन्य लक्षण जैसे यूरिन के दौरान जलन महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें। क्योंकि हो सकता है की आप यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन (UTI) से पीड़ित हों। अगर समय पर UTI का इलाज नहीं करवाया गया तो तो इंफेक्शन फैलने की संभावना बढ़ सकती है।
और पढ़ें: सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए बेस्ट 5 घरेलू उपाय
5. गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण में कब्ज (constipation)
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में कब्ज की समस्या भी हो सकती है। गर्भवती महिला पेट से जुड़ी परेशानी जैसे पेट में अकड़ या कब्ज की समस्या भी महसूस कर सकती हैं। ऐसा हॉर्मोन में हो रहे बदलाव के कारण हो सकता है।
6. भूख नहीं लगना (No appetite)
प्रेग्नेंसी के शुरूआती लक्षण में एक लक्षण ये भी है की आपको खाने-पीने की इच्छा न हो। ऐसा प्रोजेस्ट्रॉन लेवल (हॉर्मोन) में बदलाव के कारण होता है। वैसे कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भूख नहीं लगती है तो कई महिलाओं को अत्यधिक खाने की इच्छा होती है। दोनों ही स्थिति हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से होते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान खाने-पीने का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि यह गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए जरूरी है।
7. चक्कर आना (Dizziness)
सिर्फ चक्कर आना गर्भावस्था का प्रारंभिक लक्षण नहीं माना जा सकता है। गर्भावस्था के किसी भी अन्य लक्षण के साथ चक्कर आना प्रेग्नेंसी की ओर दर्शाता है। चक्कर आने की यह समस्या सेकंड ट्राइमेस्टर तक होती है लेकिन, इसके बाद धीरे-धीरे यह परेशानी कम होने लगती है।
8. सुस्त होना (Being lazy)
शरीर में जब प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर बढ़ जाता है, तो थकान महसूस होने लगती है। हालांकि कुछ महिलाओं को यह सब महसूस नहीं होता है, जबकि कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के सिर्फ एक सप्ताह के बाद ही थकान महसूस होने लगती है।
और पढ़ें: गर्भ संस्कार से प्रेग्नेंट महिला और शिशु दोनों को ही होते हैं ये अद्भुत फायदे
9. स्वभाव में बदलाव (मूड स्विंग्स)
यही नहीं स्वभाव में बदलाव (मूड स्विंग्स) भी तेजी से होता है। गर्भवती महिला को कब क्या पसंद आ जाए या कौन सी चीज अच्छी न लगे? यह निश्चित नहीं होता है।
10. गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण में अधिक बॉडी टेम्प्रेचर
प्रेग्नेंसी की शुरुआत के साथ-साथ बॉडी टेम्प्रेचर में भी बदलाव आता है। इस दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है। शरीर के तापमान का बढ़ना प्रेग्नेंसी की शुरुआती लक्षण है। अगर आपको सिर्फ शरीर के तापमान में ही वृद्धि महसूस हो रही है तो ये जरूरी नहीं है कि आप प्रेग्नेंट हो। बेहतर होगा कि आप एक बार प्रेग्नेंसी टेस्ट कराएं।
11. सिरदर्द होना (Having a headache)
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में सिरदर्द भी शामिल है। दरअसल गर्भावस्था के साथ ही ब्लड वॉल्यूम भी बढ़ने लगता है। इसी कारण सिरदर्द की परेशानी शुरू हो जाती है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षणों में शुरू हुई सिरदर्द की समस्या अपने आप कुछ दिनों में ठीक हो जाती है।
12. सांस लेने में परेशानी होना
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में सांस लेने में समस्या हो सकती है। दरअसल शरीर द्वारा ऑक्सिजन की बढ़ती मांग कुछ महिलाओं को सांस लेने में कमी महसूस कर सकती है। क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु को आहार और पोषण के साथ-साथ ऑक्सिजन भी मां से ही मिलता है। हालांकि गर्भावस्था के बाद के चरणों में यह लक्षण अधिक सामान्य है।
उपरोक्त दिए गए लक्षणों में हो सकता है कि आपको एक या दो लक्षण ही नजर आएं या फिर सारे लक्षण नजर आएं। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान उल्टी का एहसास नहीं होता है। ऐसे में महिला को पीरियड मिस होने के बाद ही प्रेग्नेंसी के बारे में पता चलता है। कई बार हार्मोन में कुछ बदलाव के कारण भी पीरियड मिस हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर से जांच के बाद आपकी शंका दूर हो सकती है।
इन लक्षणों पर ध्यान देने से प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण की जानकारी पीरियड्स रुकने के पहले ही समझी जा सकती है। ऐसे लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें और खुद का और गर्भ में पल रहे शिशु का ध्यान रखें। लाइफ पार्टनर और परिवार के अन्य सदस्यों को भी गर्भवती महिला का ध्यान रखना चाहिए। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
[embed-health-tool-due-date]