प्रेग्नेंसी की शुरुआत फर्टिलाइजेशन (Fertilization) से होती है यह तो सभी जानते होंगे, लेकिन यह प्रॉसेस कैसे होती है, फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? इसके बारे में शायद सबको पता ना हो। कई लोगों को यह साइंस का सवाल लग सकता है, लेकिन प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहे कपल के साथ ही दूसरे लोगों को भी इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी होनी चाहिए। इस आर्टिकल में हम फर्टिलाइजेशन से जुड़ी जरूरी जानकारी देने जा रहे है। फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? (How Fertilization happens) है, कब होता, कहां होता है ऐसी सभी जानकारी आपको यहां मिल जाएगी।
फर्टिलाइजेशन क्या है और यह कहां होता है? (What is fertilization and where does it happen?)
फर्टिलाइजेशन उसे कहा जाता है जब पुरुष का स्पर्म महिला के एग से जुड़ जाता है और एक सिंगल कोशिका का निमार्ण करता है। यह प्रेग्नेंसी का पहला स्टेप होता है। अब बात करते हैं कि फर्टिलाइजेशन कहां पर होता है? कुछ लोग सोचते हैं कि फर्टिलाइजेशन यूटरस में होता है क्योंकि बेबी यहीं ग्रो करता है। बता दें कि फर्टिलाइजेशन फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian tubes) में होता है। चलित अब जान लेते हैं कि फर्टिलाइजेशन कैसे होता है?
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फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? (How Fertilization happens)
प्रत्येक स्पर्म का एक ही लक्ष्य होता एग से मिलना। इसके लिए वह वजायना से फैलोपियन ट्यूब तक की जर्नी करता है। यह वजायना, सर्विक्स से तैरते हुए यूटरस के द्वारा फैलोपियन ट्यूब में पहुंचता है। अगर यह एग को पेनिट्रेट (Penetrate) और फर्टिलाइज (Fertilize) कर देता है तो नया फर्टिलाइज एग जिसे जायगोट (Zygote) कहा जाता है फैलोपियन ट्यूब से यूटरस में आ जाएगा। यहां पर यह गर्भाशय की दीवार (Uterine wall) से चिपक जाएगा और बेबी के रूप में ग्रो करेगा। ज्यादातर समय में इम्प्लांटेशन यूटरस में होना चाहिए, लेकिन कई बार फर्टिलाइज्ड एग यूटरस जिसे हिंदी में गर्भाशय कहते हैं के बाहर ग्रो करता है। जिसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) कहा जाता है।
आमतौर पर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी फैलोपियन ट्यूब में होती है जिसे ट्यूब्ल प्रेग्नेंसी भी कहा जाता है, लेकिन यह ओवरी, सर्विक्स (Cervix) और यहां तक कि एब्डोमिन में भी हो सकती है। चूंकि इन अंगों में उचित जगह और टिशूज नहीं होते इसलिए इस प्रेग्नेंसी को हटाना पड़ता है। फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? (How Fertilization happens) ये तो आप समझ गए होगें अब ये प्रक्रिया कब होती है इसके बारे में भी जान लीजिए।
फर्टिलाइजेशन कब होता है? (When does fertilization occur?)
फर्टिलाइजेशन के लिए टाइम और दूसरी स्थितियां सही होना जरूरी है। फर्टिलाइजेशन प्रॉसेस केवल ओव्यूलेशन के कुछ दिनों के भीतर (ऑव्यूलेशन के कुछ दिन पहले और ऑव्यूलेट होने के एक दिन बाद) हो सकती है। यहां तक कि अगर स्पर्म फैलोपियन ट्यूब तक पहुंच जाता है तो यह जरूरी नहीं कि वह एग को फर्टिलाइज्ड कर दे। इसके अलावा कई दूसरी फर्टिलिटी रिलेटेड प्रॉब्लम्स इस प्रॉसेस को प्रभावित कर सकती हैं। हो सकता है कि टाइम मैच ना करें जैसे स्पर्म एग से जुड़ने के लिए बहुत जल्दी या देर से पहुंच जाए या स्पर्म गलत फैलोपियन ट्यूब में प्रवेश कर जाए (एग आमतौर पर एक फैलोपियन ट्यूब में रहता है)
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एग को फर्टिलाइज करने में स्पर्म को कितना समय लगता है? (How long does it take for a sperm to fertilize an egg?)
ऐसा कई लोग सोचते हैं लेकिन यह गलत है फर्टिलाइजेशन सेक्स के तुरंत बाद नहीं होता है। सबसे तेज स्पर्म एग तक एक घंटे में पहुंच सकता है, लेकिन पूरी फर्टिलाइजेशन प्रॉसेस को कंप्लीट होने में कई घंटे लग सकते हैं। इजैक्युलेशन (Ejaculation) के बाद स्पर्म को लंबी जर्नी तय करती होती है।
फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? स्टेप 1
सेक्स के आधे घंटे के बाद वजायना के अंदर सीमेन गाढ़ा हो जाता है। यह स्पर्म को गलत दिशा में जाने से रोकने के लिए फिजिकल बैरियर का निमार्ण करता है। यह प्रोटेक्शन आधे घंटे के बाद खत्म हो जाता है। कोई भी स्पर्म जो सर्विक्स से होकर नहीं गुजरता उसे दौड़ से बाहर कर दिया जाता है। वजायना एसिडिक होती है और किसी भी भटकी हुई कोशिका को जल्दी से जल्दी नष्ट कर देती है जिसमें स्पर्म भी शामिल है।
फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? स्टेप 2
इसके बाद स्पर्म अगले स्टेप की ओर बढ़ता है जो है सर्विकल केनाल (Cervical canal)। यहां समय बिताते हुए बायोकैमिकल चेंजेस से गुजरते हुए अपनी गति को बढ़ाते हुए (जो यूटरस और फैलोपियन ट्यूब से होते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जरूरी है) आगे बढ़ते हैं। सर्विकल केनाल में वेलकमिंग एनवायरमेंट रहता है। यहां महिला के सबसे ज्यादा फर्टाइल होने पर शुक्राणु को कुशलतापूर्वक परिवहन के लिए विशेष रूप तैयार म्यूकस रहता है।
फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? स्टेप 3
जैसे ही महिला ऑव्यूलेशन के करीब पहुंचती है, अचानक म्यूकस खिंचावदार, स्पष्ट और पतला हो जाता है (यही कारण है कि इसका अवलोकन करना ऑव्यूलेशन के समय को निर्धारित करने का प्रभावी तरीका है)। परिवर्तन सूक्ष्म स्तर पर भी होते हैं, क्योंकि मॉलेक्यूल्स की स्ट्रिंग्स ट्रेन की तरह लाइन अप हो जाती हैं ताकि स्पर्म अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सके। स्पर्म के एग तक पहुंचने के बाद भी प्रॉसेस बाकी रहती है। स्पर्म में एग की बाहरी परत तक पहुंची की रेस लगी रहती है। सैकड़ों स्पर्म एग के आसपास रहते हैं और एग की मेम्ब्रेन को पेनिट्रेट करने का प्रयास करते हैं ताकि साइटोप्लाज्म तक पहुंच सकें। यहां शुक्राणु तब अपना आनुवंशिक योगदान जारी करेंगे।
जैसे ही एक लकी स्पर्म एग को पेनिट्रेट कर देता है एग में तुरंत एक कैमिकल रिएक्शन होता जो दूसरे स्पर्म को रोकता है। इसके बाद एग और स्पर्म के क्रोमोसोम्स एक साथ आते हैं और एग फर्टिलाइज्ड हो जाता है। यहां पर फर्टिलाइजेशन कैसे होता है का जवाब मिल जाता है।
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फर्टिलाइजेशन प्रॉसेस का एहसास महिला को होता है? (Does the woman realize the fertilization process?)
नहीं, एग के फर्टिलाइज्ड होने पर कोई एहसास नहीं होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को इम्प्लाटेशन का अनुभव होता है। वह प्रॉसेस जिसमें फर्टिलाइज्ड एग फैलोपियन ट्यूब से गुजरते हैं और यूटेरस की वॉल से चिपक जाते हैं। ऐसा फर्टिलाइजेशन के 8 से 9 दिन के बाद होता है। यह इसके पहले और बाद में भी हो सकता है। इम्प्लाटेंशन के लक्षणों में पेट में मरोड़ और लाइट ब्लीडिंग शामिल है। भले ही आप कुछ महसूस करें या नहीं इम्प्लांटेशन प्रेग्नेंसी की शुरुआत है।
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गर्भवती होने के जरूरी लिए शुक्राणु आपके अंदर कितने समय तक जीवित रह सकते हैं? (How long can sperm live inside you to get pregnant)
शुक्राणु फीमेल रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट (Female reproductive tract) के अंदर लगभग 72 घंटे तक जीवित रह सकते हैं। और, कुछ मामलों में, शुक्राणु पांच दिनों तक जीवित रह सकते हैं, लेकिन अंडे की उम्र बहुत कम होती है। ऑव्यूलेशन के बाद अंडा केवल 12 से 24 घंटे तक जीवित रहता है। यदि शुक्राणु आसपास नहीं होते हैं, तो अंडा फैलोपियन ट्यूब तक पहुंच जाता है (या यदि वे अंडे के आने के तुरंत बाद गंतव्य तक नहीं पहुंचते हैं), तो शरीर अंडे को पुन: अवशोषित कर लेता है, और उस महीने गर्भाधान का अवसर खत्म हो जाता है।
इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि फर्टिलाइजेशन की प्रॉसेस कैसे होती है या फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? (How Fertilization happens) यह प्रॉसेस कई चरणों से गुजरती है और फर्टिलाइजेशन के लिए कई स्थितियां, टाइमिंग, ऑव्युलेशन आदि जरूरी है। सभी स्थितियों के मिलने के बाद पेरेंटहुड जर्नी की शुरुआत होती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको फर्टिलाइजेशन कैसे होता है? (How Fertilization happens) इस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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