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लाइटनिंग पेन : प्रेग्नेंसी की ये समस्या बन सकती है परेशानी का सबब!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    लाइटनिंग पेन : प्रेग्नेंसी की ये समस्या बन सकती है परेशानी का सबब!

    प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान हर महिला को अलग-अलग तकलीफ से गुजरना पड़ता है। कभी शरीर में बदलते हॉर्मोन से जूझना, तो कभी बच्चे की वजह से बढ़ते वजन को लेकर समस्या होना। ना महिला को नींद आती है, ना ही वह चैन से बैठ सकती है। गर्भावस्था हर महिला के लिए एक चैलेंजिंग समय हो सकता है। वहीं जब डिलीवरी का समय नजदीक आता है, तो महिला को एक ऐसी समस्या से जूझना पड़ता है, जिसे लाइटनिंग पेन के नाम से जाना जाता है। यह लाइटनिंग पेन (Lightning pain) महिला को पेल्विक एरिया (Pelvic area) के पास हो सकता है, जो काफी दर्द भरा और अनकंफरटेबल हो सकता है। यह प्रेग्नेंसी की फिजिकल डिमांड के नाम पर भी जाना जाता है। बच्चे के बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या हर मां को झेलनी पड़ती है, इसलिए लाइटनिंग पेन के बारे में हर मां को जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं हर महिला को प्रेग्नेंसी के आखिरी समय में लाइटनिंग पेन का सामना क्यों करना पड़ता है।

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    क्या है लाइटनिंग पेन? (Lightning pain)

    यह पेन महिला के पेल्विक एरिया में अचानक और बहुत तेजी से होता है। कई बार यह पर असहनीय भी हो सकता है और अचानक होने की वजह से यह आपके काम में बाधा बन सकता है। इसलिए लाइटनिंग पेन को पहचानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं लाइटनिंग पेन (Lightning pain) के क्या लक्षण आपको दिखाई दे सकते हैं।

    लाइटनिंग पेन : क्या हैं इसके लक्षण? (Symptoms of Lightning pain)

    जब महिला को लाइटनिंग पेन की समस्या होती है, तो अचानक होने वाले दर्द को लेकर गर्भवती महिला घबरा सकती है। इस डर का कारण है अचानक शरीर में बदलाव।  लाइटनिंग पेन (Lightning pain) को ये नाम इसीलिए दिया गया है, क्योंकि यह डिलीवरी (Delivery) के पहले कड़कने वाली बिजली की तरह अचानक होता है और यह तेज दर्द आपके पेल्विक एरिया में कभी भी कहीं भी हो सकता है। यह आपको तब होता है, जब बच्चा आपके पेट में अपनी जगह बदलता है। जब-जब बच्चा अपनी जगह बदलता है या पेट में हिलता है, उस दौरान आपको लाइटनिंग पेन महसूस हो सकता है। लेकिन इसका क्या कारण है, आइए जानते हैं।

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    ये हो सकते हैं लाइटनिंग पेन के कारण (Causes of Lightning pain)

    लाइटनिंग पेन बच्चे की वजह से पेट में पैदा हुए प्रेशर और बच्चे के पोजीशन बदलने के कारण होता है। जब बच्चा बर्थ कैनाल (Birth canal) की ओर डिलीवरी के पहले बढ़ता है, तो लाइटनिंग पेन की समस्या होती है। जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है, वैसे-वैसे लाइटनिंग पेन (Lightning pain) की फ्रीक्वेंसी बढ़ती चली जाती है। इसके दो कारण बताए जा सकते हैं –

    • सर्विक्स (Cervix) की ओर बच्चे का सिर घूमने की वजह से
    • पेल्विस (Pelvis) की ओर बच्चे द्वारा प्रेशर बढ़ाने की वजह से

    लेकिन क्या लाइटनिंग पेन (Lightning pain) सिरियस कंडीशन है, आइए जानते हैं।

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    क्या लाइटनिंग पेन (Lightning pain) को गंभीर समस्या माना जाना चाहिए?

    लाइटनिंग पेन (Lightning pain)

    आमतौर पर लाइटनिंग पेन सीरियस कंडिशन नहीं मानी जाती। यह आपके डेली रूटीन में खलल नहीं डालती। साथ ही पेल्विक एरिया में दर्द के अलावा इसके कोई और लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन यदि आपको पेल्विक एरिया में दर्द के अलावा बुखार, अबनॉर्मल डिस्चार्ज, ब्लीडिंग (Fever, abnormal discharge, bleeding) और फ्लूइड लीक जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। खास तौर पर तब, जब आपकी प्रेग्नेंसी (Pregnancy) 37 वीक की हो चुकी है। तब आपको इसका ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत पड़ सकती है। आइए अब जानते हैं ऐसी टिप्स के बारे में, जो लाइटनिंग पेन (Lightning pain) की समस्या में आपको आराम दे सकती है।

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    लाइटनिंग पेन की समस्या में अपनाएं ये टिप्स, मिल सकता है आराम!

    लाइटनिंग पेंट की समस्या आपको तकलीफ में डाल सकती है, लेकिन इस स्थिति में आराम पाने के कुछ उपाय हैं, जिन्हें अपनाने से आप लाइटनिंग पेन (Lightning pain) की समस्या में बेहतर महसूस कर सकते हैं। यह इस प्रकार हैं –

    एक्टिव रहें

    हालांकि कुछ महिलाओं को डिलीवरी से पहले ज्यादा काम करने में दिक्कतें हो सकती हैं। लेकिन कहा जाता है कि यदि आप एक्टिव रहती हैं, तो यह आपके शरीर के जॉइंट को फ्लैक्सिबल बनाता है और जिसकी वजह से आप बच्चे के वजन को आसानी से उठा सकती हैं। इस दौरान कार्डियो, वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेचिंग (Cardio, weight training and stretching) जैसी एक्सरसाइज की मदद आप डॉक्टर की सलाह के बाद ले सकती हैं। खास तौर पर आपके हिप एरिया (Hip area) से जुड़ी एक्सरसाइज आप डॉक्टर से बात करने के बाद कर सकती हैं।

    अपने वर्क लोड पर ध्यान दें

    गर्भावस्था (Pregnancy) के आखिरी दौर में आपको खुद पर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। जो महिलाएं लंबे समय तक ऐसे काम करती हैं, जिसमें हैंड टू हैंड लेबर या कई घंटों तक लगातार काम करने की जरूरत हो, तो आपको काम से ब्रेक लेने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे काम जिसमें झुकने और चीजें उठाने की ज्यादा जरूरत पड़ती है, ऐसी स्थिति में आप को आराम करने की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं। वर्क लोड (Work load) कम करके और अपनी मौजूदा स्थिति को बदलकर लाइटनिंग पेन (Lightning pain) में आप आराम पा सकती हैं।

    प्रेग्नेंसी (Pregnancy) मसाज है अच्छा ऑप्शन

    प्रेग्नेंसी के आखिरी दौर में महिला के शरीर में कई बदलाव तेजी से होते हैं, ऐसी स्थिति में लाइटनिंग पेन एक आम समस्या मानी जाती है। इसलिए आप प्रेग्नेंसी (Pregnancy) मसाज का सहारा ले सकती हैं। अपने थेरेपिस्ट से काउंटर प्रेशर (Counter pressure) के जरिए मसाज लेकर लाइटनिंग पेन की समस्या में आराम पाया जा सकता है। यह प्रेशर आमतौर पर बैक और हिप एरिया में दिया जा सकता है, जिससे इस एरिया की मसल्स रिलैक्स होती है और आपको लाइटनिंग पेन (Lightning pain) में आराम मिलता है।

    सपोर्ट ब्रेस का इस्तेमाल

    गर्भावस्था के लिए आमतौर पर मार्केट में कई सपोर्ट गारमेंट (Support garment) मौजूद होते हैं, इनमें ब्रेसेस भी प्रेग्नेंट महिला के लिए एक अच्छा उपाय माना जाता है। यह आपके पेट को सपोर्ट देते हैं, जिससे सारा प्रेशर आपके हिप और पेल्विक एरिया में ना आए। इस तरह आप लाइटनिंग पेन की समस्या में आराम पा सकती हैं।

    क्या लाइटनिंग पेन लेबर का एक साइन है? (Lightning pain and labor pain)

    कई महिलाओं में लाइटनिंग पर लेबर का पहला लक्षण हो सकता है। कुछ महिलाओं में यह पेन तब महसूस होता है, जब सर्विक्स (Cervix) पर प्रेशर बढ़ता है। यदि आपको लाइटनिंग पेन के अलावा कॉन्ट्रेक्शन, पीठ दर्द और वजाइनल डिस्चार्ज जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो हो सकता है कि आप लेबर की ओर बढ़ रही हैं. खासतौर पर तब जब यह सारे लक्षण आपको प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के 37 वें सप्ताह में दिखाई दें। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत पड़ सकती है।

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    लाइटनिंग पेन (Lightning pain) किसी भी महिला के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है, लेकिन इसमें आराम पाने के कई तरीके हो सकते हैं। डॉक्टर से बात करके और उनकी सलाह के बाद आप ऊपर दिए कुछ उपायों का सहारा ले सकती हैं। ध्यान रहे कि आपको इस दौरान ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है, इसलिए अपने लक्षणों को नजरअंदाज ना करें और खुद का बेहतर ध्यान रखें।

    डिस्क्लेमर

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