पोस्टपार्टम बेली बाइंडिंग (Postpartum belly binding) एक नए चिकित्सीय विकल्प के रूप में लोकप्रिय हुई है, लेकिन यह प्राचीन समय से की जाने वाली तकनीक है। जिसमें अक्सर डिलिवरी के बाद महिलाओं के एब्डोमिन पर कपड़े को बांध दिया जाता था। यह एब्डोमिन को सपोर्ट देने के साथ ही उसकी पॉजिशन को सही रखता है। पोस्टपार्टम बेली बाइंडिंग मददगार हो सकती है क्योंकि शरीर जन्म देने के बाद भी बदलावों का अनुभव करता है, और यह सपोर्ट शरीर को ठीक से हील करने में मदद कर सकता है। जहां पहले बेली बाइंडिंग के लिए एक सादे कपड़े का यूज किया जाता था। वहीं अब कई प्रकार के ऑप्शन उपलब्ध हैं। इस आर्टिकल में बेली बाइंडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
बेली बाइंडिंग के फायदे (Belly binding benefits)
बेली बाइंडिंग को बेली रैप भी कहा जाता है। डॉक्टर्स मेजर एब्डोमिनल सर्जरी के बाद बाइंडिंग सजेस्ट करते हैं। जिसमें सी सेक्शन शामिल है। पोस्टपार्टम बेली बाइंडिंग के फायदे निम्न हैं।
- दर्द से राहत प्रदान करने में मददगार
- मूव करने में मददगार
- ब्लड फ्लो को बढ़ाने में मददगार
- घाव और मसल्स को हील करने में मददगार
- सर्जरी से आने वाली सूजन को कम करने में मददगार
- पॉश्चर को ठीक रखने में मददगार
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पोस्टपार्टम बेली बाइंडिंग (Postpartum belly binding) से पेल्विक फ्लोर को मिलता है सपोर्ट
प्रेग्नेंसी के दौरान बेबी के विकास के लिए ऑर्गन मूव करते हैं और उनमें बदलाव भी होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान हॉर्मोन्स पेल्विक फ्लोर मसल्स को रिलैक्स करते हैं। इसकी वजह से बेबी के बर्थ के बाद यूरिन लीकेज की समस्या होती है। पोस्टपार्टम बेली बाइंडिंग मसल्स को जेंटली होल्ड करके रखती है जिससे बॉडी को हील होने में मदद मिलती है।
डायसटेटिस रेक्टी (Diastasis recti)
गर्भावस्था के दौरान पेट के दोनों ओर नीचे की ओर जाने वाली दो बड़ी मांसपेशियां गर्भाशय के विस्तार के लिए अलग हो जाती हैं। इसे डायस्टेसिस रेक्टी कहते हैं। आमतौर पर, पेट की अलग हुई मांसपेशियां आठ सप्ताह के प्रसव के बाद अपने आप वापस अपनी जगह पर आ जाएंगी।
बेली बाइंडिंग का उपयोग करने से मांसपेशियां सिकुड़ सकती हैं और उन्हें सहारा मिल सकता है और वे वापस अपनी जगह पर आ जाती हैं। हालांकि, पोस्टपार्टम बेली बाइंडिंग डायस्टेसिस रेक्टी का इलाज नहीं है। यदि आठ सप्ताह के बाद भी आपकी मांसपेशियों के बीच स्पष्ट अंतर है, तो आपको डायस्टेसिस रेक्टी नामक स्थिति हो सकती है।
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बेली बाइंडिंग और सी सेक्शन (Belly binding and C-sections)
खासतौर पर अगर महिला की सिजेरियन डिलिवरी हुई है तो बेली बाइंडिंग एक उपयोगी टूल हो सकता है पोस्टपार्टम रिकवरी के लिए। क्योंकि सी सेक्शन डिलिवरी के लिए मसल्स और टिशूज में होने वाले घाव गहरे होते हैं। ऐसे में बेली बाइंडिंग घाव को भरने में मदद करती है। रिकवरी की अवधि जिनकी वजायनल डिलिवरी हुई है उनकी तुलना में धीमी और अधिक असहज हो सकती है।
एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने सी-सेक्शन द्वारा प्रसव कराया और रिकवरी के दौरान बेली बाइंडिंग का उपयोग किया है, उन्हें उन महिलाओं की तुलना में कम दर्द, रक्तस्राव और परेशानी का अनुभव हुआ, जिनका सी-सेक्शन हुआ था और उन्होंने वे बेली बाइंडिंग का उपयोग नहीं किया था।
बेबी बाइंडिंग के रिस्क क्या हो सकते हैं? (Risks of Postpartum Belly binding)
पोस्टपार्टम बेबी बाइंडिंग का उपयोग सी सेक्शन या सिजेरियन सेक्शन के बाद ज्यादातर किया जाता है। जहां इसके कुछ फायदे हैं तो कुछ रिस्क भी हो सकते हैं:
- दर्द
- बहुत ज्यादा प्रेशर महसूस होना
- पेल्विक फ्लोर प्रोलैप्स
- खुजली और रैशेज
इनमें से ज्यादातर रिस्क गलत प्रकार के बेली रैप टाइट बांधने के कारण होते हैं। बेली बाइंडिंग का काम रिकवर कर रही बॉडी को सपोर्ट प्रदान करना है। इसको बहुत टाइट या गलत तरीके से बांधने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि बेली बाइंडिंग पोस्टपार्टम रिकवरी में ही मदद करती है, लेकिन यह कोई मेजिक पिल नहीं है। साथ ही यह वेस्ट को पतला कम करने वाला कोई उपकरण नहीं है ना ही वजन कम करने में मदद करता है। इसे सर्पोटिव डिवाइस के रूप में डिजाइन किया जाता है।
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बेली बाइंडिंग के कितने प्रकार होते हैं? (Belly binding types)
कई अलग-अलग प्रकार के बेली रैप उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें से सभी आपके बच्चे के जन्म के बाद उपयोग करने के लिए सबसे अच्छे प्रकार नहीं हैं।
इलास्टिक रैप (Elastic wraps)
पोस्टपार्टम रैप का सबसे अच्छा प्रकार सॉफ्ट और इलास्टिक फेब्रिक से बनी होती है। इसे फ्लैग्जिबल होना चाहिए ताकि आप आसानी से सांस ले सके, एक जगह से दूसरी जगह पर आसानी से आ जा सके। यह पर्याप्त लंबा होना चाहिए ताकि हिप्स और एब्डोमिन पर अच्छी तरह से रैप हो सके। इलास्टिक रैप को खरीद सकते हैं या किसी लंबे कपड़े का यूज कर सकते हैं।
सपोर्ट बेल्ट (Support belt)
आप एडजस्टेबल सपोर्ट बेल्ट खरीद सकते हैं। ये हिप्स और बैक को अच्छा सपोर्ट और पॉश्चर प्रदान कर सकते हैं। साथ ही सोर मसल्स को भी सपोर्ट प्रदान करते हैं। अच्छा पॉश्चर और हिप सपोर्ट पेल्विक फ्लोर को स्ट्रेंथ देने में मदद करते हैं।
शेपवियर (Shapewear)
कुछ शेपवियर कंपनियां केवल गर्भावस्था और पोस्टपार्टम के लिए शेपवियर बनाती हैं। ये लोचदार होते हैं लेकिन कंप्रेस करने के लिए पर्याप्त तंग होते हैं। अपने लिए बेली बाइंडिंग सावधानी से चुनें। कुछ फुल बॉडी सूट या हाई-वेस्ट अंडरवियर स्टाइल पोस्टपार्टम पीरियड के दौरान सैनिटरी पैड पहनने और बदलने के लिए कंफर्टेबल नहीं होते हैं। शेपवियर भी बहुत टाइट हो सकते हैं। इसलिए अपने कंफर्ट का ध्यान जरूर रखें।
बेली बाइंडिंग (Belly binding) कब और कैसे करें?
बेली बाइंडिंग आपने बच्चे को जन्म कब दिया और किस प्रकार दिया इस पर निर्भर करता है। वजायनल डिलिवरी के बाद आप कुछ दिनों के बाद बेली बाइंडिंग का उपयोग कर सकते हैं वहीं सी सेक्शन के बाद जब तक घाव सूख नहीं जाते तब तक बाइंडिंग नहीं की जा सकती।
आप जो भी विकल्प चुनते हैं, आप आराम महसूस करने के लिए हर दिन जितनी देर चाहें उतनी देर तक रैप पहन सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आप उन्हें केवल 2 से 12 सप्ताह तक ही पहनें, क्योंकि लंबे समय तक पहनने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अपने लिए सही बेली बाइंडिंग का चुनाव करने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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बेली बाइंडिंग करने से पहले इन बातों का भी ध्यान रखें (Keep these things in mind before doing belly binding)
पोस्टपार्टम पीरियड में बेली रैप पहनना हर किसी को सूट नहीं करता। जबकि वे सर्जरी से दर्द कम कर सकते हैं और रिकवरिंग बॉडी को सपोर्ट कर सकते हैं। फिर भी इनका उपयोग सावधानी से करना चाहिए।
पोस्टपार्टम बेली रैप पहनने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक इलास्टिक रैप का उपयोग करें और हिप्स से शुरू करें और लपेटें। गलत तरीके से लपेटने से आपके पेल्विक फ्लोर पर नीचे की ओर दबाव पड़ सकता है और यह आगे प्रोलेप्स का कारण बन सकता है। टाइट, हार्ड मटेरियल पहनने के लिए सेफ नहीं है।
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