रोगी का अपने डॉक्टर को यह सही जानकारी देना जरूरी है। ताकि इलाज सही से हो सके। इसके बाद डॉक्टर आपके बिहेवियर में बदलाव के कारण को जानेंगे। थायरॉइड हॉर्मोन (Thyroid Hormones) या पोस्टपार्टम इंफेक्शन, वाइट ब्लड सेल काउंट आदि के लिए ब्लड टेस्टिंग के लिए भी आपको कहा जा सकता है। डॉक्टर रोगी को डिप्रेशन स्क्रीनिंग टूल (Depression Screening Tool) को पूरा करने के लिए भी कह सकते हैं। यह सवाल डॉक्टर को इस स्थिति को पहचानने में मदद कर सकते हैं।
नेशनल इंस्टीटूट्स ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) के अनुसार पोस्टपार्टम साइकोसिस (Postpartum Psychosis) का तेजी से और सही निदान, उचित उपचार और पूरी रिकवरी के साथ ही भविष्य में इससे बचने के लिए आवश्यक है। अगर आप इस समस्या से बचना चाहती हैं तो पहले ही अपने डॉक्टर से इस विषय में जान लें। आइए जानते हैं कैसे होता है इस परेशानी का इलाज।
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कैसे संभव है पोस्टपार्टम साइकोसिस का इलाज? (Treatment of Postpartum Psychosis)
साइकोसिस एक मेडिकल इमरजेंसी है। अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकती है। लेकिन ,इसका इलाज संभव है। इसके निदान के बाद इसका इलाज कुछ दवाईयों से किया जाता है ताकि रोगी के डिप्रेशन कम हो, मूड में सुधार हो और मनोविकृति में भी कमी आए।
यह दवाइयां इस प्रकार हैं:
- एंटीसाइकोटिक दवाएं (Antipsychotic Medications) : यह दवाइयां मतिभ्रम को कम करती हैं। इनका उदहारण है रिसपेरीडोन (Risperidone), ओलैंजपिन(Olanzapine), जिपरासीडन (Ziprasidone) आदि।
- मूड स्टैब्लायजर्स (Mood Stabilizers) : यह दवाइयां मैनिक एपिसोड्स को कम करती हैं। इनका उदाहरण हैं लिथियम (Lithium), आइसोनािएज्ड (Isoniazid) आदि।
हालांकि, इस समस्या के उपचार के लिए कोई भी दवाईयों का कॉम्बिनेशन मौजूद नहीं है। हर महिला अलग है और कई महिलाएं ऊपर बतायी दवाईयों के मुकाबले एंटीडिप्रेसेंटऔर एंटीएंग्जायटी दवाईयों को लेने से ही बेहतर महसूस करती हैं। अगर किसी महिला को इन दवाईयों से कोई फर्क नहीं पड़ता है तो अन्य उपचार के तरीके अपनाएं जा सकते हैं, जैसे:
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पोस्टपार्टम साइकोसिस की रिकवरी के बारे में जानें (Recovering from Postpartum Psychosis)
पोस्टपार्टम साइकोसिस (Postpartum Psychosis) के अधिक गंभीर लक्षण दो से बारह हफ्तों तक रह सकते हैं और इस स्थिति से पूरी तरह से रिकवर होने में रोगी को 6 से 12 महीने या इससे भी अधिक समय लग सकता है। लेकिन सही उपचार और सपोर्ट से इससे पीड़ित महिलाएं पूरी तरह से ठीक ही जाती हैं। पोस्टपार्टम साइकोसिस (Postpartum Psychosis) के कारण महिलाएं डिप्रेशन, एंग्जायटी और लो कॉन्फिडेंस महसूस कर सकती हैं। कई महिलाओं को इस बीमारी के बाद अपने बच्चे के साथ कनेक्ट होने में भी समस्या होती है। ऐसे में पार्टनर और परिवार का साथ और देखभाल उन्हें जल्दी रिकवर करने में मदद कर सकता है।
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