एक्टिव ट्यूबरक्यूलॉसिस का अगर अच्छे से उपचार न कराया जाए, तो यह जान के लिए जोखिम हो सकता है।
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लेटेंट ट्यूबरक्यूलॉसिस (Latent Tuberculosis)
इस ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) को लेटेंट टीबी कहा जाता है। अगर आपको लेटेंट टीबी इंफेक्शन है, इसका अर्थ है कि आपके शरीर में टीबी बैक्टीरिया तो हो सकता है, लेकिन यह इनएक्टिव होता है। यानी, आपको इसके कोई लक्षण महसूस नहीं होते। लेटेंट ट्यूबरक्यूलॉसिस एक्टिव ट्यूबरक्यूलॉसिस में बदल सकता है। यह जोखिम उन लोगों में अधिक होता है, जिन लोगों में किसी बीमारी या अंडरलाइंग कंडीशन के कारण इम्युनिटी कमजोर होती है। अब जानते हैं एक्टिव ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकारों के बारे में:
पल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस (Pulmonary Tuberculosis)
पल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस एक एक्टिव टीबी है, जो लंग से संबंधित है। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर हवा के माध्यम से आप इस टीबी का शिकार हो सकते हैं। क्योंकि इसके रोगाणु हवा में कई घंटों तक रहते हैं। इस टीबी से प्रभावित व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव भी कर सकता है:
- लगातार खांसी जो हफ्ते या इससे भी अधिक समय तक रह सकती है (Persistent Cough Lasting Three Weeks or Longer)
- खांसी में खून आना (Coughing up Blood)
- खांसी में बलगम (Coughing up Phlegm)
- छाती में दर्द (Chest Pain)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस (Extrapulmonary Tuberculosis)
एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस एक्टिव टीबी का ही दूसरा प्रकार है, जिसमे फेफड़ों के बाहर के हिस्से शामिल होते हैं जैसे बोन या ऑर्गन्स। कई बार इसके लक्षण शरीर के प्रभावित भाग पर निर्भर करते हैं। जानिए एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस कितनी तरह के होते हैं:
टीबी लिम्फैडेनाइटिस (TB lymphadenitis)
टीबी लिम्फैडेनाइटिस एक्स्ट्रापल्मोनरी के सबसे सामान्य प्रकार है और इसमें लिम्फ नॉड्स (Lymph Nodes) शामिल हैं। यह सर्वाइकल लिम्फ नोड्स (Cervical Lymph Node) को प्रभावित करता है, जो हमारी गर्दन की लिम्फ नोड्स हैं। लेकिन, इसके कारण कोई भी लिम्फ नोड प्रभावित हो सकती है। केवल लिम्फ नोड्स में सूजन ही है जिससे आप इस समस्या को नोटिस कर सकते है। लेकिन TB लिम्फैडेनाइटिस के कारण यह समस्याएं भी हो सकती हैं:
- बुखार (Fever)
- थकावट (Fatigue)
- अचानक वजन कम हों (Unexplained Weight Loss)
- रात को पसीना आना-(Night Sweats)
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स्केलेटल ट्यूबरक्यूलॉसिस (Skeletal Tuberculosis)
स्केलेटल टीबी को बोन टीबी भी कहा जाता है। यह वो टीबी है, जो फेफड़ों या लिम्फ नोड्स से हड्डियों तक फैलता है। इस ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) में कोई भी हड्डियां प्रभावित हो सकती हैं, जिसमें स्पाइनल और जोड़ भी शामिल हैं। स्केलेटल ट्यूबरक्यूलॉसिस दुर्लभ हैं। शुरुआत में स्केलेटल टीबी के कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं। लेकिन, समय के साथ इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- गंभीर पीठ में दर्द (Severe Back Pain)
- अकड़न (Stiffness)
- सूजन (Swelling)
- एब्सेस (Abscesses)
- बोन डिफोर्मिटीज (Bone Deformities)
मिलियरी ट्यूबरक्यूलॉसिस (Miliary Tuberculosis)
एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) में अगला है मिलियरी टीबी। यह टीबी का वो प्रकार है जो हमारे शरीर में फैलता है और एक या कई अंगों को प्रभावित करता है। इस तरह का टीबी फेफड़े, बोन मैरो और लिवर आदि पर अधिक असर डालता है। हालांकि, यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है, जिसमें स्पाइनल कॉर्ड, दिमाग और दिल भी शामिल हैं। मिलियरी टीबी जनरल एक्टिव टीबी के लक्षण का कारण बन सकता है और इसके लक्षण शरीर के अंगों पर निर्भर करते हैं। जैसे अगर आपकी बोन-मैरो प्रभावित है तो आपको लौ रेड ब्लड की समस्या हो सकती है।
जेनिटोयुरनयरी ट्यूबरक्यूलॉसिस (Genitourinary Tuberculosis)
यह टीबी एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी का दूसरा सबसे सामान्य प्रकार है। यह हमारे गुप्तांग (Genitals) या यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary Tract) को प्रभावित कर सकता है लेकिन यह अधिकतर किडनी पर असर डालता है यह आमतौर पर रक्त या लिम्फ नोड्स के माध्यम से फेफड़ों में फैलता है। ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) में यह टीबी इंटरकोर्स के माध्यम से भी फैल सकता है। इस टीबी से प्रभावित व्यक्ति को पीनस या जेनिटल ट्रैक्ट में ट्यूबरक्यूलॉसिस अल्सर हो सकता है। इसके अन्य लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि इससे शरीर का कौन सा अंग प्रभावित हुआ है। यह लक्षण इस प्रकार हैं :