गर्भावस्था में शिशु के स्वास्थ्य और उसकी मांसपेशियों की मजबूती के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। भ्रूण के विकास के लिए गर्भावस्था में कैल्शियम की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। किसी गर्भवती में कैल्शियम की कमी हो जाए तो गर्भ के अंदर भ्रूण की हड्डियों और मांसपेशियों का उचित विकास प्रभावित हो जा सकता है। भ्रूण के मस्तिष्क व नर्वस सिस्टम के विकास में भी कैल्शियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी होने पर नवजात शिशु में खून की कमी, पेट दर्द सहित इम्यून सिस्टम वीक हो सकता है।
गर्भ में शिशु मां की हड्डियों और दांतों से कैल्शियम प्राप्त करता है। इसलिए यदि आप चाहती हैं कि आपकी हड्डियां और दांत मजबूत रहें, तो अपने आहार में अतिरिक्त कैल्शियम की मात्रा को शामिल करने की जरूरत है। गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी का इलाज करने के लिए उचित और कैल्शियम युक्त आहार को अपनाना जरूरी होता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे इन आहारों के बारे में।
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गर्भावस्था में कैल्शियम की जरूरत क्यों होती है
प्रेग्नेंसी के दौरान आपका शरीर कैल्शियम नहीं बना पाता है, इसलिए आपको इसे भोजन या पूरक आहार (Pregnancy Calcium Diet) से प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। जब आप गर्भवती हों, तो हर दिन कम-से-कम 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। यदि आप 18 या उससे कम उम्र की हैं, तो दिन में कम-से-कम 1,300 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए।
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गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी का इलाज इन स्रोतों से पूरा करें (Calcium Deficiency Treatment)
1.विभिन्न प्रकार के बीज
कैल्शियम की कमी का इलाज कई प्रकार की बीजों के सेवन से किया जा सकता है। इनमें से सबसे प्रमुख है शीशम के बीज, अलसी के बीज, तरबूज के बीज। इनमें से सिर्फ शीशम के बीज में लगभग 975 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। यह गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम के बेहतरीन सोर्स (Pregnancy Calcium Diet) में एक है। गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी को पूपा करने के लिए अलग-अलग तरह के बीज का सेवन करना अच्छा विकल्प है।
2.संतरा
संतरा हर कहीं उपलब्ध होता है। इसमें कैल्शियम की लगभग 50 मिलीग्राम मात्रा पाई जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान कैल्शियम की कमी का इलाज करने के लिए संतरा इस्तेमाल करें। संतरा कैल्शियम की प्राप्ति का एक बेहतर विकल्प ही नहीं बल्कि जरूरत भी है। अगर आप संतरे का फल नहीं खाना चाहतीं तो इसके जूस का भी सेवन कर सकती हैं। गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी ना हो इसलिए गर्भवती को संतरा लेने की सलाह दी जाती है।
3.पालक
कैल्शियम की कमी का इलाज करना हो तो हर घर में पकने वाले पालक को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करें। इसमें 250 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इससे शरीर में कैल्शियम का स्तर संतुलित रखा जा सकता है। कई लोगों को पालक की सब्जी या साग पसंद नहीं होता, उन्हें पालक से बनी सलाद का सेवन करना चाहिए। गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी को पालक भी दूर करता है जिसको खाने से आयरन भी मिलता है।
4.शलजम
कई लोग नॉनवेज का सेवन नहीं करते। ऐसी गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम की कमी से बचने के लिए शलजम का सेवन करना चाहिए जो कि कैल्शियम से भरपूर है। 100 ग्राम शलजम में लगभग 190 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी को कम करने के लिए खाने के साथ सलाद में शलजम भी ले सकते हैं।
5.दूध-दही
दूध तथा दही दोनों में अलग-अलग 125 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। यह मात्रा शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत महत्वपूर्ण है। कम वसा वाले दही (योगर्ट) में कैल्शियम भरपूर मात्रा पाया जाता है। गर्भावस्था में कैल्शियम के लिए दूध-दही हमेशा सबसे आसान विकल्प है।
6.बादाम
बादाम का सेवन अमूमन हर कोई करता है, लेकिन शायद आपको यह जानकारी न हो कि कैल्शियम की कमी के इलाज के लिए बादाम बढ़िया विकल्प है। बादाम में 264 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। कई शोध में इस बात पर जोर दिया गया है कि बादाम ड्राई फ्रूट्स में सबसे अधिक कैल्शियम वाला ड्राई फ्रूट है। गर्भावस्था में कैल्शियम के सप्लीमेंट लेने के साथ ही बादाम का सेवन करना भी अच्छा विकल्प है। बादाम दिमाग को तेज करता है और साथ ही कैल्शियम की कमी भी पूरी करता है।
7.चीज
चीज में 721 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इस तरह चीज का सेवन करके हमें कैल्शियम प्राप्त हो सकता है। डेयरी प्रोडक्ट्स हमेशा गर्भावस्था में कैल्शियम की जरूरत को पूरा करता है।
8.सैल्मन मछली
सैल्मन एक प्रकार की मछली होती है। जिसमे कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यदि आप नॉनवेजेटेरियन हैं तो आप सैल्मन को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल कर सकती हैं। यह आपको 282 मिलीग्राम कैल्शियम दे सकता है जो शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त माना जाता है।
9.मसूर दाल
मसूर दाल में 19 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। प्रेग्नेंसी की कैल्शियम डायट में मसूर की दाल को शामिल करें।
प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसके इस्तेमाल करने से महिलाओं को किस तरह की परेशानियां हो सकती हैं, इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं है। ऐसे में इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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महिलाओं को कैल्शियम की जरूरत ज्यादा होती है
- पुरुषों की तुलना में लड़कियों और महिलाओं को कैल्शियम ज्यादा जरूरत होती है। यहां तक कि महिलाओं में कैल्शियम का अब्सॉर्प्शन भी पुरुषों से अधिक होता है।
- महिलाओं में पीरियड्स के दौरान कैल्शियम की एक बड़ी मात्रा शरीर से निकल जाती है। इसी तरह प्रसव के दौरान भी कैल्शियम शरीर से बाहर निकल जाता है। जिसके कारण उनमें कैल्शियम की कमी हो जाती है।
- लड़कियों को कैल्शियम की कमी होने से उनकी फर्टिलिटी सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी से ब्रेस्टफीडिंग पर असर
गर्भावस्था में कैल्शियम लेना बहुत जरूरी है क्योंकि वह ना केवल मां के लिए बल्कि बच्चे के लिए भी आगे आने वाले समय में काम आता है। स्तनपान के दौरान एक स्वस्थ आहार महत्वपूर्ण है क्योंकि मां की पोषक तत्वों की जरूरतें उसके द्वारा किए गए भोजन से पूरी होती है। गर्भावस्था में कैल्शियम ठीक तरह से लेने से मां को स्तनपान कराने या दूध के उत्पादन में आसानी होती है। प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन और तरल पदार्थों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सबसे अच्छी सलाह यह है कि हर दिन प्रमुख फूड ग्रुप्स में से खास तरह के खाद्य पदार्थ खाएं। अतिरिक्त भोजन की मात्रा भूख की जरूरतों और वजन घटाने के अनुसार अलग-अलग होगी। धीरे-धीरे वजन कम करना जब तक आप अपने पूर्व-गर्भवती वजन तक नहीं पहुंच गए।
गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं एनीमिक थीं, उन्हें आयरन युक्त खाद्य पदार्थों पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि उन्हें अपने आयरन स्टोर को बदलने की आवश्यकता होगी। अपने डॉक्टर से सलाह लें और जब तक जरूरत हो आयरन सप्लीमेंट की खुराक लेना जारी रखें।
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