प्रेग्नेंसी वीक 12 या प्रेग्नेंसी के 12वां सप्ताह (Pregnancy week 12) में आपके शिशु की लंबाई 5 सेंटीमीटर हो जाती है और उसका वजन 15 ग्राम हो जाता है। 12 हफ्ते की गर्भवती के शिशु के पेट में आंतों का विकास हो चुका होता है। शिशु के पेट में पाचन प्रक्रिया शुरू हो चुकी होती है। शिशु के अधिकतर शारीरिक अंग विकसित हो चुके होते हैं, लेकिन उन्हें मैच्योर होने और पूरी तरह से कार्य करने में समय लगेगा। उंगलियों और पंजों के नाखून आकार लेने लगते हैं। प्रेग्नेंसी वीक 12 या प्रेग्नेंसी के 12वां सप्ताह (Pregnancy week 12) में शिशु के अंदर हाथ चलाने, चूसने या हिचकी जैसे रिफ्लैक्स आ सकते हैं, लेकिन अभी आपको यह सब महसूस नहीं होगा। क्योंकि, इन रिफ्लैक्स को महसूस करने के लिए आपको अभी कुछ हफ्ते और लगेंगे।
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प्रेग्नेंसी वीक 12 में शारीरिक और दैनिक जीवन में परिवर्तन
प्रेग्नेंसी वीक 12 या प्रेग्नेंसी के 12वां सप्ताह (Pregnancy week 12) में ब्लड फ्लो बढ़ने की वजह से चक्कर आने की समस्या ज्यादा हो सकती है। प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रेग्नेंसी हॉर्मोन की वजह से आपकी रक्त वाहिकाएं रिलैक्स और चौड़ी हो जाती हैं। जिसकी वजह से ब्लड फ्लो के जरिए शिशु को पर्याप्त पोषण मिलने लगता है। इस वजह से आपको मस्तिष्क तक पहुंचने वाले ब्लड फ्लो और ब्लड प्रेशर में कमी आ सकती है। प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12)में खड़े होने या तेज काम करने से चक्कर आ सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर प्रेग्नेंसी वीक 12 या प्रेग्नेंसी के 12वां सप्ताह (Pregnancy week 12) में आपको काम करते हुए ज्यादा सतर्क रहने के लिए कहते हैं।
चक्कर आने की एक और वजह लो ब्लड शुगर लेवल हो सकती है। सही समय पर न खाने या स्वस्थ आहार न लेने की वजह से ऐसा हो सकता है। घर से बाहर जाने पर भी अपने साथ कुछ स्वस्थ आहार जरूर लेकर निकले, क्योंकि आपको नहीं पता कि कब आपको इनकी जरूरत पड़ जाए। अगर आपको चक्कर आने लगें तो नीचे लेट जाएं या बैठकर अपने सिर को घुटनों के ऊपर टिका लें और गहरी सांस लें। आप पानी या ताजे फल के जूस का सेवन कर सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) में मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) में आपका वजन बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगा। लेकिन, जैसे ही आप प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में दाखिल होंगी तो आपका वजन तेजी से बढ़ने लगेगा। क्योंकि, आप उस समय अपने शिशु के विकास के लिए ज्यादा पोषण और ऊर्जा की जरूरत होती है।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में आपका वजन तेजी से बढ़ता है। आपके शिशु को ज्यादा आहार की नहीं, बल्कि ज्यादा पोषण की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) में आपको हाई कैलोरी, फैट और शुगर वाले फूड्स् की क्रेविंग हो सकती है, जिनका स्वाद तो अच्छा होता है, लेकिन वो पौष्टिक नहीं होते। अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए आपको एक मील प्लान बनाने की जरूरत है, जिससे आप सही टाइम पर सही खाना खा सकें। इससे आपको सही इंटरवल पर सही कैलोरी मिल सकेगी। इस दौरान डाइट प्लान में फल, सब्जियों, लो फैट, प्रोटीन, साबुत अनाज और हेल्दी फैट वाले फूड्स शामिल करें, वरना इसमें आप अपने डॉक्टर की मदद भी ले सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी वीक 12 में डॉक्टरी सलाह
प्रेग्नेंसी वीक 12 में मुझे अपने डॉक्टर को क्या बताना चाहिए?
अगर प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) में भी आपको अपने प्रेग्नेंसी वेट की चिंता है तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। क्योंकि, इस बारे में आपका डॉक्टर आपको सही सलाह दे पाएगा और आपकी चिंता खत्म कर पाएगा। इसके साथ ही अगर आपका वजन ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो आपका डॉक्टर वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद भी कर सकता है। अगर आपका वजन सही मात्रा में नहीं बढ़ रहा है, तो भी शिशु के लिए यह हानिकारक हो सकता है। क्योंकि, सही समय पर सही रेट में वजन बढ़ने से ही आपके शिशु के विकास के लिए उसको जरूरी और पर्याप्त पोषण मिलेगा। Pregnancy week 12 में अपने डॉक्टर से बात करें और अपने बीएमआई की जांच करवाएं। इससे आप पता कर सकेंगी कि प्रेग्नेंसी में आपने कितना वजन बढ़ाया है।
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प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) के दौरान मुझे किन टेस्ट्स के बारे में पता होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) से पहले सप्ताह में ही डॉक्टर ने किसी क्रोमोसोमल असामान्यताओं का पता लगाने के लिए ब्लड और अल्ट्रासाउंड का स्क्रीनिंग टेस्ट करवा लिया होगा। डाउन सिंड्रोम सबसे आम क्रोमोसोमल असामान्यता है। अल्ट्रासाउंड में शिशु की गर्दन की मोटाई की जांच की जाती है, जिसे nuchal translucency भी कहा जाता है। Pregnancy week 12 में आपको पिछले हफ्ते करवाए गए इस टेस्ट के नतीजे मिलेंगे। ध्यान रखें कि यह टेस्ट खतरे का अनुमान लगाता है। अगर आपके रिजल्ट पोजिटिव आते हैं तो आपको क्रोमोसोमल असामान्यता का खतरा हो सकता है, जिसका मतलब है कि आपको डायग्नोस्टिक टेस्ट करवाना पड़ेगा, जिसे साफ-साफ नतीजे प्राप्त होंगे। इस टेस्ट को करवाने का चुनाव आपका व्यक्तिगत हो सकता है, क्योंकि इससे गर्भपात होने की सिर्फ 1 प्रतिशत आशंका रहती है। आप इस टेस्ट के फायदे और नुकसान जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
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प्रेग्नेंसी वीक 12 में स्वास्थ्य और सुरक्षा
Pregnancy week 12 में मुझे स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) में आपकी और आपके शिशु की सुरक्षा के लिए आपका स्वास्थ्य बहुत जरूरी है। जिसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बेबी बंप- जैसे ही आप प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) के बाद गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में प्रवेश करेंगी तो आपका बेबी बंप आसानी से दिखना शुरू हो जाएगा। इसका मतलब है कि आपका शिशु विकास कर रहा है और इसकी वजह से आपकी निचली कमर में ज्यादा दर्द हो सकता है। जब आपका पेट फूलने लगता है तो आपका गुरुत्वाकर्षण बदलने लगता है। इसलिए अपने शरीर का ध्यान रखना और अपनी कमर का ध्यान रखना जरूरी है। Pregnancy week 12 में आप प्री-नेटल योगा क्लास लेना शुरू कर सकती हैं और सुबह-सुबह या सोने से ठीक पहले बॉडी स्ट्रेच करने के लिए समय निकालें। इससे आपकी कमर मजबूत भी रहेगी और बदलाव को अपनाने में मदद भी मिलेगी।
प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12)के आसपास बेबी बंप ग्रो होने का मतलब है कि आपका यूट्रस ग्रो कर रहा है। इससे आपकी सायटिक नर्व (Sciatic Nerve) दबने का खतरा बढ़ जाता है। सायटिक नर्व शरीर की सबसे बड़ी नर्व होती है, जो कि आपके निचली कमर से होते हुए कूल्हों, फिर पैरों के पीछे और उसके बाद एड़ी और तलवों से गुजरती है। इसके दबने से आपको कूल्हों या निचली कमर के आसपास तेज दर्द का सामना करना पड़ सकता है, जिसे सायटिका भी कहते हैं। हालांकि, सभी गर्भवती महिलाओं को इस दर्द का सामना करना नहीं पड़ता। यह दर्द आपकी गर्भावस्था के तीसरी तिमाही के दौरान आम हो सकता है, लेकिन कुछ गर्भवती महिलाओं को इसी दौरान इस दर्द का सामना करना पड़ सकता है। Pregnancy week 12 के आसपास इस दर्द से राहत पाने के लिए आपको आराम करना चाहिए। इसके साथ ही आप अपने डेली फिटनेस रूटीन में पेल्विक और कीगल एक्सरसाइज या स्विमिंग को शामिल कर सकती हैं।
एनीमिया- प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) के दौरान आपकी प्राथमिकता अपने शिशु को पर्याप्त पोषण देने की होनी चाहिए। फोलिक एसिड, विटामिन बी1 और आयरन के साथ अन्य विटामिन और पोषण रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए जरूरी होते हैं। अगर आप शाकाहारी हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इन विटामिन के सप्लीमेंट्स का सेवन कर रही हों। वरना आपको एनीमिया का खतरा हो सकता है। थकान, त्वचा का पीला पड़ना या कमजोरी एनीमिया के प्रमुख लक्षण होते हैं।
ध्यान दें
अगले आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी वीक 13 के बारे में बात करेंगे। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको प्रेग्नेंसी वीक 12 (Pregnancy week 12) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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