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बॉडी फैट होता है 6 प्रकार का, शायद नहीं होगा पता

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/09/2020

    बॉडी फैट होता है 6 प्रकार का, शायद नहीं होगा पता

    क्या आप जानते हैं? कि हर एक व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग तरह का फैट (Fat) होता है? फैट बॉडी के लिए बहुत जरूरी होता है और यह शरीर के अलग-अलग कार्यों में मदद करता है। मानव शरीर में 6 अलग-अलग तरह के फैट होते हैं। जानते हैं बॉडी फैट टाइप के बारे में।

    बॉडी फैट टाइप कितने तरह के होते हैं?

  • व्हाइट फैट (White Fat)
  • ब्राउन फैट (Brown Fat)
  • बेज या पीला फैट (Beige Fat)
  • इसेंशियल फैट (Essential fat)
  • सब्क्यूटेनीअस फैट (Subcutaneous Fat)
  • विसेरल फैट  (Visceral Fat)
  • और पढ़ें : फैट चेक करने के लिए कितना सही है स्ट्रिंग मेथड?

    इन 6 अलग-अलग तरह के फैट में आज समझेंगे व्हाइट फैट और ब्राउन फैट क्यों है जरूरी?

    रिसर्च के अनुसार पेट (stomach),  कमर का निचला हिस्सा (hips), और जांघ (thighs) में व्हाइट फैट (white fat) होता है। वहीं नर्वस सिस्टम (nervous system), स्पाइन (spine), थ्रोट (throat) और किडनी के आसपास ब्राउन फैट (brown fat) होता है। ब्राउन फैट की वजह से शरीर में हीट (गर्माहट) बनी रहती है।

    व्हाइट फैट से जुड़ी कई सारे रिसर्च यह बताती हैं कि इससे शारीरिक लाभ मिलने के साथ-साथ बीमारियों का खतरा भी कम होता है। हालांकि रिसर्च के अनुसार ब्राउन फैट शरीर के लिए बहुत जरूरी है। अगर सामान्य भाषा में इसे समझा जाए तो ब्राउन फैट की मदद से ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा खर्च की जा सकती है।

    व्हाइट फैट और ब्राउन फैट से प्रोटीन सिक्रीट होता है, जिससे शरीर को सिग्नल मिलता है। कोपेनहेगन विश्वविद्यालय ने उन सभी प्रोटीनों की मैपिंग की है, जो वयस्क लोगों में व्हाइट फैट और ब्राउन फैट कोशिकाओं से सिक्रीट होते हैं।

    वाइट फैट और ब्राउन फैट (सफेद वसा और भूरा वसा) की मदद से शरीर के हर-एक हिस्से को सिग्नल मिलने में मदद मिलती है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब फैट पर इस तरह से रिसर्च की गई है। नोवो नॉर्डिस्क फाउंडेशन सेंटर फॉर बेसिक मेटाबॉलिक रिसर्च (CBMR) के एसोसिएट प्रोफेसर कैमिला शील के अनुसार शरीर में मौजूद फैट अलग-अलग तरह के होते हैं। 

    ब्राउन फैट, व्हाइट फैट की तुलना में 100 से भी ज्यादा प्रोटीन सिक्रीट करता है। ब्राउन फैट इम्यून सिस्टम को ठीक रखने में मदद करता है, तो वहीं व्हाइट फैट टिशू पर सकारात्मक प्रभाव डालने में मददगार होता है। 

    हालांकि ब्राउन फैट शरीर में कैसे बनता है ये अभी भी रहस्य है लेकिन, जिस प्रोटीन से ब्राउन फैट सीक्रिट होता है वही ब्राउन फैट सेल्स बनाने में मदद करता है। इससे शरीर को सही मात्रा में हीट और एनर्जी मिलती है। 

    व्हाइट फैट और ब्राउन फैट से जुड़ी इन जानकारियों के बाद यह जरूर ध्यान रखें कि शरीर में किसी भी तरह के फैट का बढ़ना नुकसानदायक हो सकता है। व्हाइट फैट अगर जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगे तो, तो इससे निम्नलिखित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है-

    अपनी शारीरिक रचना के साथ-साथ बॉडी फैट टाइप को भी समझना जरूरी है। इससे हेल्दी रहना आसान हो सकता है। किसी भी शारीरिक परेशानी को नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Dr. Shruthi Shridhar


    Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/09/2020

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