जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही के दौरान सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है। वहीं प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान पेट बढ़ने लगता है और साथ ही महिलाओं की नींद में भी कमी आ जाती है। इसके साथ ही शरीर में थकावट भी बढ़ जाती है। ऐसा होने से सेक्स ड्राइव में भी कमी आ जाती है। कुछ महिलाओं में संकुचन शुरू हो सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि सेक्शुअल इंटरेस्ट फ्रिकवेंसी सामान्य मानी जाती है। अगर आपको लग रहा है कि आपके साथ कुछ असामान्य हो रहा है या फिर आपकी सेक्स के प्रति कोई भी इच्छा नहीं है, तो आप हो डॉक्टर से इस बारे में जानकारी लेनी चाहिए। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान सेक्स को सुरक्षित माना जाता है लेकिन जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी से संबंधित कॉम्प्लीकेशन होते हैं, उन्हें सेक्स से बचना चाहिए। आप इस बारे में डॉक्टर से पूछे कि आपके लिए प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स सुरक्षित है या फिर नहीं।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना क्या होता है मिसकैरिज का लक्षण!
प्रेग्नेंसी का मतलब बीमार होना नहीं होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान यह सच है कि शरीर में बहुत से हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण महिलाओं को 9 महीने के दौरान विभिन्न प्रकार के लक्षण महसूस हो सकते हैं। कुछ बदलाव समस्याओं का कारण बनते हैं वहीं कुछ बदलाव महिलाओं को बहुत पसंद आते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में ज्यादा न सोचें और प्रेग्नेंसी में होने वाले बदलाव को इंजॉय करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव चेंज (Sex Drive Changes During Pregnancy) से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।