मूल बातें जानिए
हायपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) क्या है?
हायपरथायरॉइडिज्म एक बीमारी है, जो थायरॉइड ग्रंथि के ज्यादा सक्रिय होने के कारण होती है। गर्दन में थायरॉइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन बनाती है, जो शरीर की कई गतिविधियों को नियंत्रित करता है। जैसे, ब्लड में कैल्शियम की रेट की जांच, मेटाबोलिज्म को मजबूत करना, हार्ट रेट, तंत्रिका तंत्र और शरीर के तापमान को नियंत्रित करना आदि। जब थायराइड हार्मोन अधिक बनता है, तो उस स्थिति को हायपरथाइरॉयडिज्म कहा जाता है।
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क्या हायपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) एक आम बीमारी है?
हायपरथायरॉइडिज्म एक आम बीमारी है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी तीन गुना अधिक देखने को मिलती है। आप इसके कारणों को कम करके हायपरथायरॉइडिज्म होने की संभावना को कम कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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जानें इसके लक्षण
हायपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) के क्या लक्षण हैं?
घबराहट, पसीना, थकान और दिल का तेज धड़कना, आंखों में जलन, वजन कम होना, गर्मी ज्यादा लगना और लगातार मल त्याग या दस्त होना आदि इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण हैं। हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हों। अगर आपको किसी भी लक्षण के बारे में कोई चिंता है, तो डॉक्टर से परामर्श करें।
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मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको नीचे बताए गए कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें :
यदि आप अचानक से वजन घटना, बढ़ी हुई दिल की धड़कन, असामान्य पसीना आना, अपनी गर्दन के नीचे सूजन या हायपरथायरॉयडिज्म से जुड़े अन्य लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो अपने डॉक्टर को तुरंत दिखाएं। डॉक्टर को अपने इन लक्षणों के बारे में विस्तार से बताएं क्योंकि, हायपरथाइरॉयडिज्म के कई संकेत और लक्षण किसी अन्य बीमारी से जुड़े हो सकते हैं।
यदि हाल ही में आपने हायपरथायरॉइडिज्म का इलाज कराया है या कोई इलाज कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को नियमित रूप से दिखाएं ताकि, वह आपकी स्थिति की निगरानी कर सके।
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हाइपरथायरायडिज्म के क्या कारण हैं?
हायपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) के क्या कारण हैं?
इस बीमारी का सबसे आम कारण ग्रेव्स डिजीज है। हायपरथायरॉइडिज्म में 80% से 90% मामलों का कारण यह बीमारी होती है।
अन्य सामान्य कारणों में थायरॉइडिस, विषाक्त एडेनोमा और बहुत अधिक थायरॉइड दवा का उपयोग करना शामिल है। थायरॉइडिस थायरॉइड की सूजन है। एडेनोमा एक थायरॉयड ट्यूमर है, जो थायरॉइड हार्मोन बनाता है। कभी-कभी इसका कारण पता नहीं होता है। यह बीमारी जेनेटिक है लेकिन, यह संक्रामक नहीं होती है।
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किन कारणों से हायपरथायरॉयडिज्म का खतरा बढ़ जाता है?
किन कारणों से हायपरथायरॉयडिज्म का खतरा बढ़ जाता है?
हायपरथायरॉयडिज्म (जिसका मुख्य कारण ग्रेव्स रोग) का कारण जेनेटिक यानी अनुवांशिक भी हो सकता है और यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाया जाता है। अगर आपको हायपरथायरॉयडिज्म के खतरे के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो बेहतर होगा कि आप एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर बात करें।
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निदान और उपचार को समझें
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
हायपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism)का निदान कैसे किया जाता है?
डॉक्टर ब्लड में थायरॉयड हार्मोन के लेवल की जांच करने के लिए शारीरिक परीक्षण और ब्लड टेस्ट ले सकते हैं। डॉक्टर थायरॉइड ग्रंथि के निरीक्षण के लिए थायरॉइड स्कैन या अल्ट्रासोनोग्राफी भी करवा सकते हैं। डॉक्टर आपको किसी थायरॉयड विशेषज्ञ को दिखाने का भी सुझाव दे सकते हैं।
हायपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) का इलाज कैसे किया जाता है?
- डॉक्टर आपके शरीर में थायरॉइड हार्मोन के स्तर को कम करके हायपरथायरॉइडिज्म का इलाज कर सकते हैं। हार्मोन के स्तर को दवाओं, रेडिएशन थेरिपी या सर्जरी के द्वारा कम किया जा सकता है।
- दवाओं की आवश्यकता कुछ महीनों, कुछ वर्षों या उससे अधिक भी हो सकती है। थायरॉइड हार्मोन को बनने से रोकने में प्रोपीलियोरैसिल (पीटीयू) और मेथिमाजोल दवाएं शामिल हैं। इनका उपयोग मुख्य चिकित्सा के रूप में या अन्य ट्रीटमेंट की तैयारी के लिए किया जा सकता है।
- रेडियोएक्टिव आयोडीन का उपयोग थायराइड को खत्म करने के लिए किया जाता है। यह चिकित्सा 21 साल की उम्र से ज्यादा के उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो दवाओं के साथ अपनी बीमारी को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं।
- ज्यादा बढ़ी हुई थायरॉइड ग्रंथि वाले लोगों के लिए सर्जरी है, जो लोग रेडियोएक्टिव आयोडीन का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, सर्जरी उनके लिए है। गर्भवती महिलाओं को भी सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
जीवनशैली में कौन-से बदलाव या घरेलू उपचार से मुझे हायपरथायरॉयडिज्म से निपटने में मदद मिलेगी?
नीचे बताई गई जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको हायपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- अगर आपको ग्रेव्स बीमारी की वजह से आंखों में कोई समस्या है, तो अपनी आंखों की रक्षा करें। धूप के चश्मे का उपयोग करें।
- याद रखें कि गर्भावस्था के दौरान रेडियोएक्टिव आयोडीन का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। यह बच्चे में थायरॉइड की स्थिति को निष्क्रिय कर सकता है।
- ध्यान रखें कि सफल उपचार का मतलब है कि आपको आजीवन देखभाल की आवश्यकता है। डॉक्टर को बीच-बीच में दिखाते रहें।
- यदि आपको उपचार के बाद भी घबराहट, वजन घटने, दस्त या कंपकंपी की समस्या महसूस हो, तो अपने चिकित्सक से फौरन संपर्क करें।
- जब तक आपकी बीमारी नियंत्रित न हो जाए, तब तक व्यायाम यानी एक्सरसाइज न करें।
- धूम्रपान न करें। धूम्रपान से आंखों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
- याद रखें कि सर्जरी की जटिलताओं में वोकल कॉर्ड्स, अंडरएक्टिव थायरॉइड (हायपोथायरायडिज्म) और कैल्शियम की समस्याएं हो सकती हैं। अगर पैराथायरॉइड ग्रंथियों को गलती से हटा दिया जाए, तो कैल्शियम की समस्या हो सकती है।
- याद रखें कि 10% से 15% लोगों में सर्जरी के बाद हायपरथायरॉयडिज्म बीमारी फिर से हो सकती है।
- अगर आप आठ घंटों से कम की नींद ले रहे हैं, तो ये हायपरथायरॉयडिज्म को बढ़ावा दे सकता है। ध्यान रखें कि आपकी नींद पूरी हो इसके लिए जरूरी है
- तनाव के कारण आपके इम्यून सिस्टम पर गलत प्रभाव डालता है इसलिए कोशिश करें कि तनाव कम करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाएं।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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