प्रेग्नेंसी में रेडिएशन और एक्स-रे का इफेक्ट
एक्स-रे एक्जामिनेशन के दौरान हाथ, पैर, सिर, दांत या सीने और प्रजनन अंग को एक्स-रे बीम के संपर्क में नहीं आने दिया जाता है। इस तरह से मां के पेट में पल रहे बच्चे को एक्स-रे से किसी भी प्रकार का खतरा नहीं रहता है। हालांकि मां के निचले धड़ का एक्स-रे जैसे, पेट, पेल्विक, लोअर बैक या किडनी के एक्स रे के दौरान बीम का कुछ हिस्सा अजन्मे बच्चे तक पहुंच सकता है। इस बारे में चिंता की जा सकती है।
विकिरण की कम मात्रा अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है। बच्चे विकिरण, कुछ मेडिसिन, एल्कोहॉल, या इंफेक्शन वाली चीजों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। अजन्मे बच्चे का गर्भ में तेजी से विकास हो रहा होता है। साथ ही कोशिकाओं में भी तेजी से विभाजन हो रहा होता है। ऐसे में विकिरण कोशिका विभाजन के समय ऊतकों में परिवर्तन का काम कर सकता है। इससे कुछ जन्मदोष या ल्यूकेमिया जैसी बीमारी हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि बच्चे के डेवलपमेंट प्रॉसेस में हैरिडिटी और अचानक से आए परिवर्तन समस्या का कारण बन सकते हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
- हमेशा लेड एप्रिन पहनें अगर यह एक्स-रे वाली जगह के साथ कोई भी हस्तक्षेप न करें। यहां तक कि अगर आप गर्भवती नहीं हैं, तो लेड एप्रिन पहनने से आपके प्रजनन अंगों को आनुवांशिक क्षति के जोखिम से बचने में मदद मिलेगी।
- अगर बच्चे या पालतू पशु का एक्स-रे किया जा रहा है तो उसके साथ न खड़ी हो। ऐसे समय में लेड एप्निन पहनना सही रहेगा।
- अगर आप ऐसी जगह पर काम करते हैं जहां विकिरण का खतरा रहता है तो ऐसे समय में फिल्म बैज पहनें। बच्चे के सेफ्टी के लिए ये बहुत जरूरी है। बैज को ऐनालाइज करके बच्चे की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है।
- आप इस संबंध में अपने काम वाली जगह में बात कर सकते हैं। विकिरण के स्त्रोत से खुद को बचाने के लिए संभव प्रयास करें।