एचपीवी (Human papillomavirus infection) का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?
एचपीवी के ज्यादातर मामले अपने आप ही चले जाते हैं, इसलिए संक्रमण का कोई इलाज नहीं है। डॉक्टर आपको साल में कुछ जरूरी टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। जिन लोगों को जेनिटल वार्ट्स की समस्या होती है, उसे मेडिसिन की हेल्प से ठीक किया जाता है। लेकिन जेनिटल वार्ट्स को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। ये दोबारा वापस आ सकते हैं। एचपीवी के कारण होने वाले सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए डॉक्टर आपको तय समय पर बुला सकते हैं। एचपीवी संक्रमण का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों को दबाया जा सकता है। आपको इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
एचपीवी संक्रमण का जोखिम (Risk Factors) क्या है?
एचपीवी संक्रमण या ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (Human papillomavirus infection) के जोखिम कारक मुख्य रूप से यौन संबंध से संबंधित हैं। अगर कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में एक से अधिक व्यक्ति से यौन संबंध स्थापित करता है, तो इस संक्रमण के होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। अन्य रिस्क फैक्टर्स में यंगर एज, स्मोकिंग, अधिक संख्या में प्रेग्नेंसी, जेनेटिक फैक्टर आदि शामिल है। बेहतर होगा कि आप एचपीवी संक्रमण के रिस्क फैक्टर के बारे में डॉक्टर से जानकारी लें।
एचपीवी संक्रमण के लिए उपलब्ध वैक्सीन कौन-सी हैं?
गार्डासिल 9 वैक्सीन (Gardasil 9 vaccine) की हेल्प से एचपीवी के कारण उत्पन्न हुए जननांग के मस्सों से बचा जा सकता है। ये वैक्सीन नौ तरह के एचपीवी से बचाती है। ये जननांग के मस्सों से या कैंसर से संबंधित हो सकते हैं। सी डी सी की ओर से 11 से 12 साल के सभी लड़के और लड़कियों को वैक्सीन की दो डोज छह माह में दी जानी चाहिए। वहीं 15 से 26 साल के महिलाओं और पुरुषों को इसकी तीन डोज देनी चाहिए। वहीं 27 और 45 वर्ष की आयु के लोगों, जिन्हें अब तक वैक्सीन का डोज नहीं मिला है, वो भी ये डोज ले सकते हैं। एचपीवी से बचने के लिए रेग्युलर हेल्थचेकअप, स्क्रीनिंग, पैप स्मीयर और वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। आप वैक्सीन के फायदे और नुकसान के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
एचपीवी संक्रमण से बचने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करने चाहिए?