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जानिए जॉइंट फैमिली के फायदे, संयुक्त परिवार में ऐसे करें एडजस्ट

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/09/2020

    जानिए जॉइंट फैमिली के फायदे, संयुक्त परिवार में ऐसे करें एडजस्ट

    क्या आप बता सकते हैं एक छोटे परिवार या जॉइंट फैमिली के फायदे या नुकसान क्या हैं? या आपकी मम्मी घर के सदस्यों का ख्याल कैसे रखती हैं? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब कुछ लोगों के पास हो सकते हैं, तो कुछ को सोचने पर मजबूर कर सकते हैं। लेकिन, जरा सोचिए अगर कोई लड़की छोटे परिवार का हिस्सा है लेकिन, उसकी शादी एक संयुक्त परिवार यानी जॉइंट फैमिली में होती है, तो वह इस बड़े बदलाव का सामना कैसे करेगी? कैसे वह जॉइंट फैमिली के फायदे समझ सकती है?

    इसके अलावा, बहू बनते ही कई तरह जिम्मेदारियां भी कंधों पर आ जाती हैं। अब सबका सामना कैसे करना है यह किसी भी नई-नवेली बहू के लिए बहुत बड़ी समस्या हो सकती है। क्योंकि, ये बदलाव उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से सीधे जुड़ी हो सकती हैं। तो कैसे बहू अपने संयुक्त परिवार की जिम्मेदारियां संभाल सकती हैं और कैसे वह जॉइंट फैमिली के फायदे भी समझ सकती है, इसके बारे में जानने के लिए पढ़िए हैलो स्वास्थ्य का ये आर्टिकल।

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    कैसे संभालें जॉइंट फैमिली की जिम्मेदारियां और जॉइंट फैमिली के फायदे?

    1.खुले दिल से सबका सत्कार करना सीखें

    अब जितना बड़ा परिवार होगा, रिश्तेदारों की संख्या भी उनती ही ज्यादा होगी। साथ ही, जॉइंट फैमिली के फायदे और नुकसान भी उतने ही ज्यादा हो सकते हैं। ससुराल वालों के साथ-साथ सभी रिश्तेदारों का भी दिल से सत्कार करें। अगर आप उनका सम्मान करेंगी, तो वह भी आपको सम्मान देंगे। किसी के बारे में भी कही सुनी बातों पर यकीन न करें। हर सदस्य को खुद से जानने के बाद ही उसके बारे में अपनी राय बनाएं, जो भी आपसे बड़े हों, उनका आदर करें और घर में छोटे बच्चों का ख्याल रखें उन्हें प्यार दें।

    2.सबकी मदद कर उठाएं जॉइंट फैमिली के फायदे

    जॉइंट फैमिली के फायदे हैं कि किसी भी काम को बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। क्योंकि, हर कोई एक-दूसरे की मदद के लिए उपलब्ध रहते हैं। इसलिए, जब भी किसी को आपके मदद की जरूरत पड़े, तो उसकी मदद जरूर करें। जब आप सबकी मदद करेंगे, तो आपकी परेशानी में भी वो आपकी मदद करेंगे।

    3.किसी के बारे में गॉसिप न बनाएं

    जितने सदस्य उनते किस्से और यही है जॉइंट फैमिली के फायदे। इसलिए आप जल्दी किसी गॉसिप का हिस्सा न बनें। अगर आपसे कोई किसी के बारे में गॉसिप करता भी है, तो उस बात को सिर्फ अपने तक ही रखें। किसी तीसरे को उसके बारे में न बताएं। क्योंकि, ऐसा करने से आपके व्यक्तित्व का गलत प्रभाव पड़ सकता है। धीरे-धीरे आप लोगों का भरोसा भी खो सकती हैं।

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    4.बहस को बढ़ाएं नहीं

    लड़ाई-झगड़े हर परिवार में होते हैं। फिर वो चाहे छोटा परिवार हो या संयुक्त परिवार। अगर कभी किसी से झगड़ा होता है तो उसे लेकर कई दिनों तक मलाल न रखें। जितना हो सके जल्द से जल्द झगड़े को सुलझाएं और फिर सबसे पहले की ही तरह मुस्कुराते हुए बात करें और जॉइंट फैमिली के फायदे उठाएं।

    5.सोच-समझ कर करें शब्दों का चुनाव

    जॉइंट फैमिली में कुछ आपकी उम्र के होंगे, तो कुछ आपसे बड़े और छोटे भी होंगे। हर किसी से उन्हीं के हिसाब से बात करें। जिन शब्दों का चयन आप अपने हम उम्र सदस्यों के सामने करते हैं, बड़ों व छोटे के सामने वैसे शब्द न बोलें। हो सकता है कि उन्हें आपके शब्द से किसी तरह की तकलीफ हो जाए, तो बस इन बातों का ध्यान रख कर भी आप जॉइंट फैमिली के फायदे पा सकते हैं।

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    6.जिम्मेदारियों के समझने से ही मिलता है जॉइंट फैमिली के फायदे

    आपकी जिम्मेारियां सिर्फ पति और अपने सास-ससुर तक की नहीं हो सकती हैं। अगर आप एक संयुक्त परिवार की बहू हैं, तो परिवार के प्रत्येक सदस्य के प्रति आपकी बराबर की जिम्मेदारी होती है। इसलिए, किसी भी सदस्य को सगे या चचेरे के नजरिए से न देखें।

    7.जॉइंट फैमिली के फायदे कहते हैं सबके फैसले का सम्मान करें

    घर के सभी छोटे-बड़े लोगों के फैसलों का सम्मान करें। अगर आपको किसी सदस्य के किसी बात से कोई परहेज है, तो सही समय पर उनसे इस बारे में सीधे बात करें। अपनी समस्याओं को किसी अन्य व्यक्ति के जरिए किसी तक न पहुंचने दें। अगर किसी से मनमुटाव होता है, तो उसमें भी किसी तीसरे को शामिल न होने दें।

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    “भारत में पारंपरिक रूप से एक मजबूत ज्वॉइंट फैमिली प्रणाली है’- एम. वेंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति, भारत

    ज्वॉइंट फैमिली के फायदे के बारे में उल्लेख करते हुए देश के उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि “भारत ने पारंपरिक रूप से एक मजबूत संयुक्त परिवार प्रणाली और तेजी से बदलती सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के भण्डार का आनंद लिया है।’ उपराष्ट्रपति ने यह बातें हैदराबाद में अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक परिसंघ (AISCCON) द्वारा आयोजित वरिष्ठ नागरिकों के 18वें राष्ट्रीय सम्मेलन में सभा को संबोधित करते हुए कहा था।

    उपराष्ट्रपति ने सभा को आगे संबोधित करते हुए कहा “हमारी संयुक्त परिवार प्रणाली में एक अंतर्निहित सामाजिक सुरक्षा थी क्योंकि यह बुजुर्गों का बहुत ध्यान रखती थी। लेकिन एकल परिवार के बढ़ते विस्तार के साथ, बुजुर्ग तेजी से उपेक्षित हो रहे हैं और उनकी गरिमा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जब भी परिवार की व्यवस्था बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए अपने कर्तव्य में विफल होती है, तो समुदाय, नागरिक समाज और सरकार इनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाती है।

    इसके अलावा, उपराष्ट्रपति ने बच्चों को उनके माता-पिता को छोड़ने के उदाहरणों पर भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “बुजुर्गों की उपेक्षा और दुर्व्यवहार करना घिनौना और पूरी तरह से अस्वीकार्य माना जाएगा।’

    बता दें कि, साल 2007 में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम 2007 भी शुरू किया गया है। हालांकि, इसके बाद भी देश में बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ने वाले बच्चों के मामलों की संख्या में इजाफा देखा गया है। वर्तमान में, भारत में अनुमानित 10.5 करोड़ बुजुर्ग थे और साल 2050 तक यह आंकड़ा 32.4 करोड़ तक पहुंच जाएगा। वहीं, दुनिया भर में, साल 2050 तक हर पांचवां व्यक्ति एक बुजुर्ग होगा जो अपने परिवार से अलग रहने के लिए मजबूर भी होगा। बता दें कि देश की कुल आबादी का 70 फीसदी बुजुर्ग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं। जिनमें से लगभग 8 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं। हालांकि, सरकार द्वारा शुरू किए गए अभियानों से इनके आंकड़ों को कम करने की पहल की जा रही है, लेकिन अभी तक इसमे कोई सफलता नहीं मिली है।

    अगर आप भी किसी जॉइंट फैमिली से संबंध रखती हैं, तो आप भी अपनी राय और जॉइंट फैमिली के फायदे हमें शेयर कर सकती हैं। कैसे आप संयुक्त परिवार का ध्यान रखती हैं या कैसे किसी झगड़े को सुलझाती हैं, इसके बारे में हैलो स्वास्थ्य से जरूर बातें साझा करें।

    डिस्क्लेमर

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