के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
डर्मेटोमायोसाइटिस एक गंभीर इंफ्लमेट्री डिजीज है। डर्मेटोमायोसाइटिस में त्वचा पर लाल चकते, मांसपेशियां कमजोर और मायोपैथी (मांसपेशियों में दर्द) आदि समस्याएं होती हैं। यह तीन मायोपैथियों में से एक मायोपैथी है।
डर्मेटोमायोसाइटिस बड़े और बच्चे दोनों को प्रभावित करती है और यह महिला और पुरुष दोनों में ही होने वाली परेशानी है। बड़ों में ये समस्या 40 से 60 साल के उम्र के बीच होती है। वहीं, डर्मेटोमायोसाइटिस 5 से 15 साल के बच्चों में देखने को मिलती है। डर्मेटोमायोसाइटिस पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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डर्मेटोमायोसाइटिस के सामान्य लक्षण निम्न हैं :
इसके अलावा डर्मेटोमायोसाइटिस के ज्यादा लक्षणों की जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
आपको अपने डॉक्टर से निम्न समस्याएं सामने आने पर मिलना चाहिए :
इसके साथ ही स्किन से जुड़ी किसी तरह की परेशानी होने पर इसे नजअंदाज न करें और जल्द-से-जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
डर्मेटोमायोसाइटिस होने का मुख्य करण क्या है इसपर रिसर्च जारी है लेकिन, डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षणों के आधार पर इसे ऑटोइम्यून डिजीज माना जाता है। ऑटोइम्यून डिजीज में बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडीज स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण शुरू कर देती हैं। जिसके चलते संबंधित व्यक्ति के शरीर में संक्रामक रोग हो जाते हैं, जैसे- वायरल इंफेक्शन या कैंसर। इसी तरह से डर्मेटोमायोसाइटिस भी होता है।
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डर्मेटोमायोसाइटिस किसी को भी हो सकता है। ये बड़े और बच्चे दोनों को समान रूप से प्रभावित करता है। बड़ों को 40 से 60 साल के उम्र के बीच और बच्चों को 5 से 15 साल के उम्र के बीच डर्मेटोमायोसाइटिस होता है। डर्मेटोमायोसाइटिस पुरुषों की तुलना में महिलाओं को होता है।
निम्नलिखित बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। जैसे-
इन परेशानियों के साथ-साथ अन्य परेशानी हो सकती है। इसलिए डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण नजर आने पर लापरवाह न रहें और स्वस्थ रहने के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
डर्मेटोमायोसाइटिस का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर कई टेस्ट कराते हैं :
डर्मेटोमायोसाइटिस का कोई सटीक इलाज नहीं है। ट्रीटमेंट से डर्मेटोमायोसाइटिस की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। जिसमें दवाओं के साथ फिजिकल थेरिपी और सर्जरी की जाती है। दवाओं में कॉर्टिकोइस्टेरॉइड दिया जाता है। जिसे त्वचा पर लगाया और मुंह से सेवन किया जाता है। डर्मेटोमायोसाइटिस के लिए जिम्मेदार एंटीबॉडीज को ठीक करता है।
डर्मेटोमायोसाइटिस में ऐसी एंटीबॉडीज बन जाते हैं जो आपकी त्वचा और मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं। इंट्रावेनस इम्यूनोग्लोब्यूलिन (IVIG) के द्वारा हेल्दी एंटीबॉडीज डाली जाती है जो डर्मेटोमायोसाइटिस की एंटीबॉडीज को ब्लॉक कर देता है।
डर्मेटोमायोसाइटिस में डॉक्टर अन्य इलाज भी बताते हैं :
डर्मेटोमायोसाइटिस को जीवनशैली में बदलाव और कुछ घरेलू उपाय अपना कर ठीक किया जा सकता है :
इसके अलावा इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
डिस्क्लेमर
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