स्किन राइटिंग की समस्या इन ऊपर बताये कारणों की वजह से हो सकती है। वहीं स्किन राइटिंग की समस्या रात के वक्त और ज्यादा बढ़ जाती है।
और पढ़ें : Blind Pimple: ब्लाइंड पिंपल से छुटकारा पाने के लिए 7 घरेलू उपाय एवं 9 टिप्स कर सकते हैं फॉलो!
स्किन राइटिंग के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Skin Writing)
मायो फाउंडेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Mayo Foundation for Medical Education and Research) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डर्मेटोग्राफिया के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार डर्मेटोग्राफिया के लक्षण (Dermatographia symptoms) अपने आप ठीक हो जाते हैं ,लेकिन कुछ केसेस में इस स्किन डिजीज को अपने आप ठीक होने में एक साल का भी वक्त लग सकता है। इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
और पढ़ें : हाइड्रोजन पेरोक्साइड और स्किन कंडिशन: क्यों स्किन के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?
स्किन राइटिंग का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Skin Writing)
स्किन राइटिंग के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट के स्किन को मॉनिटर करते हैं और उनसे लक्षणों को समझने की कोशिश करते हैं। इसके बाद टंग डिप्रेसर (Tongue depressor) की सहायता से स्किन टेस्ट (Skin test) करते हैं। इस स्किन टेस्ट की वजह से मरीज को कोई परेशानी नहीं होती है और डॉक्टर द्वारा टेस्ट किये जाने के बाद स्किन राइटिंग के लक्षण कुछ ही मिनटों में स्किन पर आ जाते हैं। डर्मेटोग्राफिया के लक्षण (Dermatographia symptoms) को ध्यान में रखकर इलाज शुरू किया जाता है।
और पढ़ें : Purpura: परप्यूरा क्या है? जानिए परप्यूरा के कारण, लक्षण और इलाज!