एंटिफंगल शैंपू वॉश, साबुन और क्रीम आदि के इस्तेमाल से इस समस्या का उपचार हो जाता है। आप ओवर-द-काउंटर आसानी से ऑनलाइन भी ले सकते हैं। ज्यादातर एंटिफंगल दवाओं में सेलेनियम सल्फाइड, पाइरिथियोन जिंक या केटोकोनाजोल होता है।एक बार लक्षण दूर हो जाने के बाद गर्मी के मौसम में दोबारा ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है। कुछ समय बाद स्किन का रंग सामान्य हो जाता है।
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क्या स्किन में वाइट पैच हो सकते हैं खतरनाक?
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि ज्यादातर मामलों में स्किन में सफेद दाग होने पर उन्हें ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है। कुछ दाग अपने आप ही ठीक हो जाते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसा नहीं होता है। अगर आपकी स्किन में कहीं पर भी सफेद दाग आ जाते हैं, तो बेहतर होगा कि आप स्किन स्पेशलिस्ट से जांच जरूर कराएं। अगर ट्रीटमेंट के कुछ समय बाद तक भी सफेद दाग रहते हैं या फिर यह दोबारा ट्रीटमेंट के बाद आ जाते हैं, यह शरीर के अन्य भागों में फैल रहे हो या फिर उनमें बहुत ज्यादा दर्द या जलन पैदा हो रही हो, तो ऐसे में आपको डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए। कई बार चीजें भले ही नॉर्मल लगती है लेकिन वह बड़ा रूप ले सकती हैं। बेहतर होगा कि ऐसे में डॉक्टर की सलाह समय-समय पर जरूरी लें।
इस आर्टिकल में हमने आपको स्किन में सफेद दाग (White spots on skin) या वाइट स्पॉट लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।