के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
सनबर्न सूर्य के प्रकाश के प्रति त्वचा की एक सामान्य प्रतिक्रिया है। सनबर्न को बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें सबसे पहले प्रकाश के संबंध में जानने की आवश्यकता है। पराबैंगनी प्रकाश (अल्ट्रावायलेट लाइट) (Ultraviolet light) एक प्रकार की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन है, जो ब्लैक-लाइट पोस्टर को ग्लो देता है। साथ ही यह गर्मियों में त्वचा के झुलस जाने और सनबर्न के लिए जिम्मेदार होता है। अल्ट्रावायलेट लाइट के अधिक संपर्क में आने पर जीवित ऊत्तकों को नुकसान पहुंचता है। अल्ट्रावायलेट लाइट को तीन ब्रांड्स में विभाजित किया जाता है। इनमें से दो यूवीए (UVA) और यूवीबी (UVB) होते हैं। इन दोनों की लंबाई इतनी होती है कि यह पृथ्वी पर पहुंच जाती हैं और कोशिकाओं प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। तीसरी यूवीसी (UVC) पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है, चूंकि इसे ओजोन परत द्वारा सोख लिया जाता है।
त्वरचा तक पहुंचने वाले प्रकाश की मात्रा को एरथेमा डोज (erythema) कहा जाता है। साथ ही इसका एक स्तर होता है, जिसे त्वचा बिना जले सहन कर सकती है। इसे मिनिमल एरथेमा डोज (Minimal Erythema Dose) कहा जाता है। जब आप अधिक समय तक सूर्य की रौशनी में रहते हैं या रक्षात्मक कपड़े नहीं पहनते हैं तो एरथेमा डोज में इजाफा होता है। यह मिनिमल एरथेमा डोज (MED) को पार कर जाता है, जिससे सनबर्न होता है।
यह एक सामान्य समस्या है। आपको सिर्फ सूर्य की रौशनी से ही सनबर्न नहीं होता, बल्कि यह टेनिंग्स बेड्स या अल्ट्रावायलेट लाइट के स्रोत के संपर्क में आने से भी होता है। सनबर्न किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। बादल छाये रहने के दौरान भी लोगों को सनबर्न हो जाता है, क्योंकि यूवी लाइट बादलों से भी आ सकती है। सनबर्न के जोखिम के कारकों को कम करके इस समस्या का प्रबंधंन किया जा सकता है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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प्रकाश के संपर्क में आने के छह घंटे बाद स्पष्ट रूप से सामने आता है और यह 12-24 घंटों के बीच बदतर हो जाता है। जितना ज्यादा आप सूर्य के प्रकाश में रहेंगे उतनी ही जल्दी सनबर्न के लक्षण नजर आते हैं। सनबर्न दिखने में लाल और इसमें खुजली हो सकती है। यह फफोलों के रूप में सामने आ सकता है, जिससे पीढ़ित को दर्द हो सकता है।
यूवी लाइट के संपर्क में रहने से आप हीट स्ट्रोक के कुछ अन्य लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। यह लक्षण निम्नलिखित हैं:
यह लक्षण लंबी अवधि तक रह सकते हैं या गंभीर मामलों में यह दो हफ्तों तक बने रह सकते हैं।
सनबर्न के एक हफ्ते बाद त्वचा की एक स्केली और फ्लेकी परत निकलने लगती है। यहां तक कि ऐसा त्वचा के उस हिस्से में भी होता है, जहां पर आपको फफोले नहीं पड़े हों।
उपरोक्त लक्षणों के अलावा सनबर्न के कुछ अन्य लक्षण हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप सनबर्न के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
सनबर्न के गंभीर मामलों में आपको तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह स्पष्ट है कि बार-बार सूर्य के संपर्क में आने से आपको स्किन कैंसर हो सकता है। सनबर्न से पड़ने वाला एक फफोला स्किन कैंसर के रूप में विकसित हो सकता है। साथ ही यह आपके केटरैक्ट को खत्म कर सकता है, जिससे आपमें अंधापन आ सकता है।
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लंबे वक्त तक अल्ट्रावायलेट रौशनी के संपर्क में रहने से सनबर्न होता है। यूवी लाइट के संपर्क में आने के बाद स्किन पिगमेंट में दो बदलाव आते हैं, जिससे त्वचा काली पड़ जाती है।
हालांकि, यूवीए (UVA) और यूवीबी (UVB) त्वचा को प्रभावित कर सकती है। इन दोनों का प्रवेश करने का अलग-अलग स्तर होता है। यूवीबी त्वचा की सतह में प्रवेश कर सकती है, जबकि यूवीए त्वचा की मध्य परत (dermis) की गहराई में प्रवेश कर सकती है। इससे त्वचा के ढांजे में बदलाव आता है और त्वचा की समस्याएं जैसे झुर्रियां, काले धब्बे आदि होते हैं। यह सनबर्न के साथ होते हैं।
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ऐसे अनेकों कारक हैं, जिनसे सनबर्न का खतरा बढ़ता है। इनसे आपकी त्वचा के सूर्य के प्रकाश में आने पर झुलसने या सनबर्न होने की संभावना बढ़ जाती है। यह कारक निम्नलिखित हैं:
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
लक्षणों के आधार पर आसानी से सनबर्न का पता लगाया जा सकता है और इसका इलाज घर पर भी किया जा सकता है। इसमें त्वचा का लालिमा पड़ना, खुजली और फफोले लक्षणों के रूप में सामने आते हैं।
हल्का सनबर्न होने पर आप इसका इलाज खुद कर सकते हैं:
निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको सनबर्न में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
डिस्क्लेमर
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