आपने सोच लिया है कि बालों पर बरगंडी कलर कराना है लेकिन, कन्फ्यूज्ड हैं कि यह अच्छा लगेगा या नहीं? फिर आपका मन बदल जाता है कि कौन-सी हेयर कलर टेक्निक कराएं? लो-लाइट्स, ग्लोबल, टेक्सचरड हाईलाइट्स (textured highlights), बैलेज जैसी ढेरों हेयर कलर टेक्निक हैं, जिनको ट्राय करके आप अपने लुक को एकदम बदल सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में जानते हैं हेयर कलर टेक्निक के बारे में। लैक्मे सलून, लखनऊ की हेयर एक्सपर्ट मनमीत कौर यहां पर ऐसी 5 हेयर कलर टेक्निक बता रही हैं, जिन्हें आप अपने पसंद के हिसाब से चुन सकते हैं-
5 हेयर कलर टेक्निक (hair color techniques)
बालों को रंगना है, यह तो आपने सोच ही लिया है। लेकिन, हेयर कलर टेक्निक को जानने के बाद ही बालों को रंगा जाना चाहिए। आइए जानते हैं ऐसी हेयर कलर टेक्निक जो हैं इस समय ट्रेंड में-
ऑल-ओवर हेयर कलर (global/all over hair color)
ऑल-ओवर हेयर कलर को “सिंगल-प्रोसेस’ हेयर कलर भी कहा जाता है क्योंकि इसमें पूरे बालों में एक ही शेड लगाया जाता है। इस तरह का हेयर कलर उन लोगों के लिए सही रहता है जिनके पूरे ही बाल सफेद होते हैं। इस हेयर कलर टेक्निक के तीन प्रकार हैं-
- परमानेंट हेयर कलर (permanent hair color)
इस हेयर कलर टाइप में पहले बालों के मौजूदा रंग को हटाया जाता है फिर उन पर नया रंग चढ़ाते हैं। परमानेंट हेयर डाई में अमोनिया और पेरॉक्साइड होते हैं। इसलिए, परमानेंट हेयर कलर से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
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- डेमी परमानेंट हेयर कलर (demi-permanent hair color)
बालों को कलर कराने का यह तरीका परमानेंट हेयर कलर की तुलना में कम केमिकल युक्त होता है। इनमें अमोनिया नहीं होता है और हाइड्रोजन पेरॉक्साइड की मात्रा भी कम होती है।
- सेमि परमानेंट हेयर कलर (semi-permanent hair color)
इस तरह के हेयर कलर में न तो अमोनिया होता है और ना ही हाइड्रोजन पेरॉक्साइड। इसको बाल की ऊपरी परत पर ही चढ़ाया जाता है। ये सिंथेटिक या नेचुरल दोनों तरह के हो सकते हैं। यह हेयर कलर टाइप 10 से 12 बार शैम्पू करने से चला जाता है।
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टू-टोन हेयर कलरिंग (two-tone hair color)
अगर आपको एक बोल्ड लुक चाहिए तो इस हेयर कलर टाइप (hair color type) को अपनाया जा सकता है। इसमें हेयर कलर के दो शेड्स शामिल किए जाते हैं – एक बेस हेयर शेड और एक स्ट्रैंड्स को लाइट या डार्क करने के लिए। हालांकि, बैलेज (balayage) में आप डबल हेयर कलर करा रहें हैं तो यह बालों में कम हाईलाइट होता है। लैक्मे सलून, लखनऊ की हेयर एक्सपर्ट मनमीत कौर कहती हैं ‘ इस तरह की हेयर कलर तकनीक से बालों को रंग कराने के लिए तीन शेड्स चुनें। रंग तभी उभरकर दिखाई देते हैं।’
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हाईलाइट्स (hair highlights)
बालों को हाईलाइट्स करने का मतलब है कि बालों के प्राकृतिक रंग से कुछ शेड हल्के कलर करना। वहीं, अगर आप डार्क कलर चाहते हैं तो उसे लोलाइट्स कहते हैं। हाईलाइट्स रंग में स्ट्रैंड साइज में अलग-अलग होते हैं। इसमें ओंब्रे इफेक्ट, लो लाइट्स (low lights), टेक्सचरड हाईलाइट्स (textured highlights) जैसे ऑप्शंस हैं। अपनी स्टाइल के हिसाब से आप इनको चुन सकते हैं। हाइलाइटिंग लंबे और छोटे दोनों ही बालों पर बहुत अच्छी लगती है। साथ ही यह डार्क और फेयर दोनों ही स्किन टाइप की महिलाओं पर खूब जंचते हैं।
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फ्रॉस्टिंग (frosting)
यह हेयर कलर टेक्निक छोटे बालों पर खूब जमती है। इसमें बालों के टिप्स को सिर्फ ब्लीच किया जाता है। अमूमन, बालों के मौजूदा रंग से दो तीन शेड हल्का रंग बालों को दिया जाता है। वहीं, कुछ डिफरेंट लुक के लिए आप सिर्फ बालों के बेस पर भी फ्रॉस्टिंग कर सकते हैं।
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हेयर कंटूरिंग (hair contouring)
यह हेयर कलर टेक्निक बिल्कुल नई है। जिस तरह मेकअप कंटोरिंग किया जाता है उसी तरह से इस हेयर स्टाइल में चेहरे के आसपास बालों को हल्के और डार्क टोन के साथ कलर किया जाता है। ये आपके चेहरे के मेकअप के साथ मिलकर उसकी रंगत को दोगुना कर देता है। आप इसके साथ हल्के हाईलाइट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यह टेक्निक ग्लैमरस लुक के लिए आप ट्राय कर सकते हैं।
बालों को कलर करवाने से पहले याद रखें ये टिप्स
हेयर कलर टेक्निक जानने के बाद जरूरी है आप कुछ बातों का ध्यान दें। जैसे-
- बालों को रंग करवाने से पहले एलर्जी टेस्ट (allergy test) जरूर करें। इसके लिए अपने हेयर एक्सपर्ट से परामर्श लें।
- हेयर कलर टेक्निक का चुनाव करने के बाद हेयर कलर का चयन भी सोच समझकर करें। रंग का चयन करते समय अपनी स्किन टोन को ध्यान में रखें। इसके लिए आप हेयर विग पर कलर चेक भी कर सकते हैं।
- हेयर कलर के दुष्प्रभाव से बचने के लिए किसी एक्सपर्ट से ही बाल कलर करवाएं।
- घर पर बालों को रंग करने से पहले पैक पर लिखें सारे दिशा-निर्देश ध्यान से पढ़ें।
- हेयर कलर के 72 घंटों के बाद तक शैम्पू न करें।
- यदि आप बालों की पर्मिग या कर्ली बालों को सीधा करवाना चाहती हैं, तो बालों को रंग करवाने के 15-20 दिनों के बाद ही कोई भी हेयर ट्रीटमेंट लें।
- हेयर कलर करवाने के बाद बालों को तेज धूप से बचाएं।
- बालों की डीप कंडीशनिंग के लिए अच्छे कंडीशनर का उपयोग करें और हेयर स्पा ट्रीटमेंट (hair spa treatment) लें।
- बालों को अच्छी तरह से हाइड्रेट करने के लिए हेयर हायड्रेटिंग मास्क (hydrating mask) का उपयोग एक्सपर्ट की सलाह से करें।
- एक्सपर्ट द्वारा बताया गया शैम्पू और कंडीशनर का ही इस्तेमाल करें।
हेयर कलर टेक्निक पर आधारित यह लेख आपको कैसा लगा? हमें जरूर बताएं साथ ही इस विषय से संबंधित किसी भी सवाल और सुझाव के लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। साथ ही अगर आप बालों को रंगना चाहते हैं लेकिन, यह भी चाहते हैं कि बालों को नुकसान न हो तो हेयर कलर के घरेलु उपाय भी आप आजमा सकते हैं।