शरीर के भीतर श्वास मार्ग को अनलॉक करने में यह योगासन प्रभावी है। इस आसन को करने से जब यह एयरवेज खुलते हैं। तो सूजन और अतिरिक्त बलगम से छुटकारा मिलता है। इसके कारण हमारे फेफड़े भी अच्छे से काम कर पाते हैं।
थकावट से छुटकारा
मरीच्यासन को करने से मांसपेशियां खींचती हैं, शरीर के अंदर के अंग उत्तेजित होते हैं। इस प्रकार से तनावग्रस्त क्षेत्र खुल जाते है और मनुष्य ऊर्जा से भरपूर और खुश महसूस करता है। यह आसन थकावट दूर करने में प्रभावी है। इसे करने पर मनुष्य चुस्त रहता है और खुद में नई ऊर्जा को महसूस करता है।
मासिक धर्म की समस्याओं से राहत
मरीच्यासन करने से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली दर्द और बेचैनी से मुक्ति मिलती है। इस आसन को करने से पेल्विक क्षेत्र तक खून का परवाह सही से होता है। यही नहीं, पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियां भी मजबूत होती है। जिससे महिलाओं को पीरियड के दौरान होने वाली समस्याओं से राहत मिलती है।
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एकाग्रता बढ़ती है
इस योगासन को करने से दिमाग शांत होता है। मरीच्यासन के अभ्यास के बाद आपकी पीठ का निचला हिस्सा लचीला बनता है। तो इसका प्रभाव हमारे पूरे नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। कुछ महीनों तक इस आसन को करने के बाद आप खुद में एक अलग बदलाव महसूस करेंगे। आपका काम में अधिक मन लेगा और अगर आप छात्र हैं तो अच्छे से पढ़ाई कर पाएंगे।
गर्दन और टांगे बने मजबूत
मरीच्यासन में गर्दन को मोड़ने और वापस लयबद्ध तरीके से घुमाने की आवश्यकता पड़ती है। विशेष रूप से, इस आसन में आगे झुकने से गले और कंधों के लचीलेपन में काफी सुधार करता है। इस आसन को करने से टांगे मजबूत और टोन होती हैं। शरीर के वजन को संतुलित करने में भी यह योगासन मददगार है। इसे करने से शरीर में चर्बी नहीं जमती, जिससे मोटापा कम होता है।
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