गर्मी के दिनों में नाक से खून आने को नकसीर कहा जाता है। डॉक्टरी भाषा में इसे एपिस्टेक्सेस कहा जाता है। नाक के अंदर काफी छोटी-छोटी नसें होती हैं। नाक शरीर का काफी संवेदनशील हिस्सा होता है। गर्मी के दिनों में जब नाक की नसें रूखी हो जाती है या फट जाती है। तब नाक से खून निकलने लगता है। हालांकि, नाक से खून आने कई कारण हो सकते हैं, जैसे ज्यादा गर्मी में सूखी हवा की वजह से नाक की झिल्ली का सूखना, केमिकल से एलर्जी होना, नाक पर चोट लगना, बार-बार छींक आना, जोर से नाक को कुरेदना, शराब पीना, एस्पिरिन की ज्यादा डोज लेना आदि। अगर आपको भी अक्सर नाक से खून आने की समस्या रहती है, तो आप नीचे बताए गए घरेलू उपाय अपना सकते हैं।
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नकसीर के लिए घरेलू उपाय:
अकसर भारतीय घरों में छोटी-मोटी परेशानी के लिए घरेलू उपायों को अपनाया जाता है, जो कि असरकार भी साबित होते हैं। आइए जान लेते हैं नकसीर के घरेलू उपाय। जिन्हें बेहद आसानी से अपनाया जा सकता है।
1.नकसीर के लिए कर सकते हैं कोल्ड कंप्रेस का यूज
कोल्ड कंप्रेस से नाक से खून आना बंद हो जाता है। ठंडा करने पर नाक की नसें टाइट हो जाती है और नाक से खून आना बंद हो जाता है। कोल्ड कंप्रेस करने के लिए सबसे पहले पतला तौलिया लें। अब कुर्सी या सोफे पर बैठ जाएं और अपना सिर पीछे की तरफ कर लें। अब बर्फ के कपड़े को नाक की हड्डी के दोनों तरफ लगाएं। इस प्रक्रिया को तब तक करें, जब तक नाक से खून निकलना बंद नहीं हो जाता।
2.नकसीर होने पर काम आ सकता है सेब का सिरका
सेब का सिरका नकसीर के लिए अचूक उपाय है। नकसीर में सेब के सिरके का इस्तेमाल करने से नाक की नसें कुछ समय के लिए ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे खून निकलना बंद हो जाता है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले सेब के सिरके में रूई को डालें और फिर नाक में उसे आराम से रखें। इस रूई को नाक में 10 मिनट तक रहने दें। तब तक नाक से खून निकलना बंद हो सकता है।
आप इस प्रक्रिया से अलग एक और प्रक्रिया कर सकते हैं। आप दो चम्मच सेब के सिरके को एक ग्लास गर्म पानी में मिलाकर पूरे दिन में तीन बार इस मिश्रण को पी सकते हैं। इससे बार-बार नाक से खून आने वाली समस्या से आपको छुटकारा मिल सकता है।
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3.प्याज से करें नकसीर का इलाज
प्याज के कुछ तत्व खून का थक्का जमाने में मदद करते हैं। अगर कुछ ही दिनों पर नाक से खून का बहना लगा रहता है। तब इस बीमारी को प्याज के जरिए ठीक किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले प्याज को मोटे टुकड़ों में काट लें। अब इस मोटे टुकड़े को नाक के छिद्रों के नीचे रख लें। इससे नाक से खून आना तत्काल बंद हो सकता है।
4.नमक का पानी भी है नकसीर का इलाज
इस प्रक्रिया में आधा कप पानी में एक चुटकी नमक डालें। अब इस मिश्रण के कुछ बूंदों को नाक में डालें, जिससे अंदर की झिल्ली को नमी मिले। इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार करें।
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5.धनिया का उपयोग करें और नकसीर से राहत पाएं
धनिया तासीर में काफी ठंडी होती है। आयुर्वेद में धनिए को नाक से खून आने पर इलाज के लिए एक औषधि के रूप में जाना जाता है। धनिए में प्राकृतिक एंटीहिस्टमीन गुण होता है, जो एलर्जी को रोकने में मदद करता है।
नकसीर को रोकने के लिए धनिया के रस या धनिया के तेल की कुछ बूंदे अपनी नाक में डालें। नाक से खून आना बंद हो जाएगा। इस प्रक्रिया के अलावा धनिया का पेस्ट भी बनाया जा सकता है। नाक से खून आने पर धनिया का पेस्ट माथे पर लगाने से खून आना बंद हो सकता है।
नकसीर से बचा सकती हैं ये तीन चीजें
- शरीर में पानी की कमी होने से म्यूकस मेम्ब्रेन्स ड्राय हो जाती हैं, जिससे नाक से खून आने लगता है। इससे बचने के लिए दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- विटामिन के रिच फूड्स जैसे कि, पालक, ब्रोकली, गोभी कोलेजन प्रोड्यूस करने में मदद करते हैं, जो नाक के अंदर नमी बनाए रखने में मददगार है। जिनकी वजह से ब्लड वैसल्स रप्चर नहीं होती है। जिससे नोज ब्लीडिंग को रोकने में मदद मिलती है।
- इसी तरह विटामिन सी से युक्त फूड्स ब्लड वैसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाते हैं। जिससे वे रप्चर नहीं होती और नकसीर की समस्या से निजात मिलती है। अंगूर, संतरा, नींबू आदि विटामिन सी के अच्छे सोर्स हैं।
नकसीर का सामना किन लोगों को ज्यादा करना पड़ता है?
किसी को भी कभी भी नकसीर का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोगों को ये परेशानी ज्यादा होती है। वे निम्न हैं।
- 2 से 10 साल तक के बच्चों को इस परेशानी से ज्यादा पीड़ित होते हैं। शुष्क वातावरण, कोल्ड्स, एलर्जी, उंगली या किसी ऑब्जेक्ट को नाक में डालने की आदत के चलते बच्चों को अकसर नकसीर का सामना करना पड़ता है।
- 45 साल से लेकर 65 साल तक व्यस्कों को भी इस समस्या से दो चार होना पड़ सकता है।
- उम्र बढ़ने पर ब्लड क्लॉट बनने में ज्यादा समय लगने लगता है।
- वहीं बुजुर्ग लोग खून को पतला करने वाली दवाओं का उपयोग करते हैं। जिससे भी नकसीर की समस्या हो सकती है।
- वहीं कई लोग हाय ब्लड प्रेशर और ब्लीडिंग डिसऑर्डर भी इस समस्या को बढ़ाने का काम करते हैं।
- प्रेग्नेंसी के समय भी नोज ब्लीडिंग की संभावना बढ़ जाती है।
- हीमोफीलिया और ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर का सामना कर रहे लोगों को भी नकसीर होने की संभावना ज्यादा होती है।
नोज ब्लीड (Nosebleeds) होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- अगर अकसर नकसीर की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- अगर आपको एनीमिया के लक्षण जैसे कि थकान, सांस लेने में तकलीफ, बेहोश जाना आदि दिखाई दे रहे हैं।
- अगर बच्चा दो साल से छोटा है और उसे लगातार इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- किसी दवा का उपयोग करने के बाद नकसीर की समस्या शुरू हुई है।
- नाक से खून आने के साथ ही बॉडी में किसी प्रकार के कोई बदलाव नजर आ रहे हैं।
- पंद्रह से बीस मिनट तक लगातार खून आ रहा है
- खून की मात्रा बहुत अधिक है
- अगर आपको सांस लेने में समस्या हो रही है
आपको बता दें कि ये घरेलू उपचार सामान्य तरीके से नाक से खून आने की समस्या के लिए हैं। अगर आपको लगे कि समस्या बढ़ रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करें। इसके अलावा, इन उपायों को भी अपनाने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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