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अब सिर्फ डॉक्टर ही नहीं नर्स भी दे सकती हैं दवाई! प्रस्ताव पर मांगी गई लोगों की राय

अब सिर्फ डॉक्टर ही नहीं नर्स भी दे सकती हैं दवाई! प्रस्ताव पर मांगी गई लोगों की राय

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने दवाओं और कॉस्मेटिक नियमों 1945 (Drugs and Cosmetic rules 1945) में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के अंतर्गत यह दूसरे स्वास्थ्य कर्मचारियों को डॉक्टरों की तर्ज पर रोगियों को दवा देने की अनुमति देगा। जानिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का नया फैसला क्या है?

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का नया फैसला:  क्या है नया प्रपोजल

6 नवंबर को सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, नर्स, सहायक नर्स,दाइयों और महिला हेल्थ विजिटर के साथ स्वास्थ्य पदाधिकारियों को मरीजों को दवा देने की परमिशन का प्रस्ताव दिया है। वर्तमान में केवल डॉक्टरों और फार्मासिस्ट को रोगियों को दवा देने की परमिशन है।

फार्मेसी एसोसिएशन के डॉक्टर्स ने इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है। 10 नवंबर को जारी आधिकारिक बयान में, एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.एसएआई कुमार कटम ने दावा किया है कि डॉक्टरों सहित किसी भी चिकित्सा पेशेवर को फार्मासिस्ट को दरकिनार करके सीधे दवा की आपूर्ति करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने डी एंड सी अधिनियम में अनुसूची K (5) को रद्द करने की भी मांग की है, जो डॉक्टरों को अपने क्लीनिक या अस्पतालों में आने वाले अपने रोगियों को दवाओं की स्टॉक और आपूर्ति करने के लिए बाध्य करता है।

डॉ कटम ने कहा,’प्रस्तावित संशोधन सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है, “फार्मासिस्ट को छोड़कर किसी भी श्रेणी के प्रोफेशनलों को दवाइयां रखने, बेचने और दवाइयों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा रोगियों को दवाओं की सीधी बिक्री से दवाओं का गंभीर दुरुपयोग हो सकता है।

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वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस फैसले के कारण फार्मासिस्टों को दरकिनार नहीं किया गया है “ड्रग्स और कॉस्टेमिक्स नियम की अनुसूची K छूट के बारे में है। डॉक्टर और कुछ दूसरे स्वास्थ्य पेशेवर सामान्य उपयोग के लिए कुछ दवाएं रख सकते हैं और उन्हें अपने रोगियों को दे सकते हैं। नई स्वास्थ्य नीतियों के साथ, सरकार ने सिस्टम में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों जैसे पदों को जोड़ा है। जैसा कि ये अधिकारी मरीजों का इलाज करेंगे, उन्हें डॉक्टरों की तर्ज पर छूट मिलनी चाहिए।’सरकार ने अभी भी प्रस्तावित परिवर्तनों पर लोगों की राय मांगी हैं। फार्मेसी एसोसिएशन के डॉक्टर के अलावा, कई अन्य फार्मा समूहों ने इस मुद्दे पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने का फैसला किया है।

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नर्स की सलाह से दवा का सेवन

डॉ कैलास टंडले, एमआरपीए के अध्यक्ष ने कहा कि शेड्यूल K डॉक्टरों को अपने रोगियों को दवाइयां रखने और आपूर्ति करने की अनुमति देता है। आज स्थिति बदल गई है और हमारे पास सात लाख से अधिक मेडिकल स्टोर और योग्य फार्मासिस्ट है। डॉक्टर ऑफ फ़ार्मेसी एसोसिएशन की राज्य इकाई के अध्यक्ष विनायक घयाल ने कहा, “यहां तक ​​कि एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को भी दवाइयां वितरित करने की अनुमति है। कुछ फ़ार्मास्यूटिकल कंपनियां अपने उत्पादों को बेचने के लिए अपने क्लीनिक को दूसरे चैनल के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। यह परिवर्तन अस्वीकार्य है। “

फार्मेसिस्ट का मामला

वर्तमान कानून के अनुसार, डॉक्टरों को आपातकालीन स्थितियों में अपने स्टॉक से सीधे दवाएं देने की अनुमति है,लेकिन डॉक्टर जरूरी दवाओं से अधिक स्टॉक नहीं कर सकते हैं। अब, सरकार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं को कुछ चयनित दवाओं की स्टॉक और आपूर्ति करने की अनुमति देने जा रही है।इस प्रस्ताव को लेकर फार्मासिस्ट में रोष है। वे अब मांग कर रहे हैं कि डॉक्टरों को भी दवाओं की आपूर्ति की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि पर्याप्त संख्या में योग्य फार्मासिस्ट उपलब्ध हैं।

इस आर्टिकल के माध्यम से आपको स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नए फैसले के बारे में जानकारी मिली। नर्स की सलाह से दवा लेना अब आसान हो गया है।उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या है तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से सलाह ले और फिर दवाइयों का सेवन करें। बिना किसी एक्पर्ट की सलाह के दवा का सेवन करें।

 

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डिस्क्लेमर

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Nurses   https://www.ihs.gov/nursing/ Accessed on 6/12/2019

 

 

 

 

Current Version

18/08/2020

Lucky Singh द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/08/2020

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