के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
एनाफिलेक्सिस एक गंभीर प्रकार की एलर्जी है। यह उन चीज़ों के संपर्क में आने से तेजी से बढ़ती है, जिनसे आपको एलर्जी होती है। यह एलर्जी कुछ मिनटों में तेजी से फैलती है। किसी कीड़े के काटने से भी यह एलर्जी फैलती है। एनाफिलेक्सिस आपके इम्यून सिस्टम से रसायनों के निकलने का कारण बनता है जिससे आप सदमे में भी जा सकते हैं। आपका ब्लड प्रेशर तेजी से गिरने लगता है और वायुमार्ग संकीर्ण हो जाता है। इससे आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
इसके लक्षणों की बात करें तो आपके शरीर पर चकत्ते पड़ सकते हैं। उल्टी भी आ सकती है। कुछ भोजन, दवाई और कीड़े के काटने से इसके लक्षण बढ़ सकते हैं। एनाफिलेक्सिस के इलाज के लिए एपिनेफ्रीन के इंजेक्शन दिए जाते हैं। अगर आपके पास एपिनेफ्रीन दवाई नहीं है, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाना चाहिए। अगर एनाफिलेक्सिस का ठीक से इलाज नहीं हुआ तो यह घातक हो सकती है।
AAFA की रिपोर्ट में पाया गया है कि अमेरिका में हर साल 50 मिलियन से ज्यादा लोगों को यह बीमारी होती है। एनाफिलेक्टिक एलर्जी होने पर आपको एंटीहिस्टामाइन नहीं लेना चाहिए। अगर आपके परिवार में किसी को अस्थमा की समस्या है, तो भी आपको एनाफिलेक्सिस की समस्या हो सकती है।
एनाफिलेक्सिस स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है। कुछ दवाओं, खाद्य पदार्थ और किसी कीड़े के काटने से तेजी से बढ़ता है। कोई भी पदार्थ जो एलर्जी की प्रतिक्रिया का कारण बनता है, उसे एलर्जीन कहा जाता है। उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानते हैं, जिनसे एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) की समस्या हो सकती है।
एलर्जी (Allergy) होने पर शरीर में बड़ी मात्रा में हिस्टामाइन (Histamine) का उत्पादन होता है। एनाफिलेक्सिस होने के ये कारण हो सकते हैं:
जिसे एनाफिलेक्सिस होता है, उनका वायुमार्ग अक्सर संकीर्ण हो जाते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, रक्त वाहिकाओं से तरल पदार्थ निकलने लगता है, जिससे एडिमा की बीमारी हो सकती है। एडीमा एक प्रकार की सूजन होती है। एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) की प्रतिक्रिया कुछ ही घंटों में या बहुत दिनों बाद हो सकती है।
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एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) के लक्षण इस प्रकार हैं:
इन लक्षणों के अलावा मरीज को खुजली, लालिमा, आंखों में पानी आना, सिरदर्द और गर्भाशय में ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है।
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एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) होने पर अगर आपको ये लक्षण दिखते हैं, तो आपको तुरंत परीक्षण करवाना चाहिए। परीक्षण करने के लिए डॉक्टर सीने में घरघराहट की आवाज सुनने के लिए स्टेथोस्कोप का इस्तेमाल करते हैं। कर्कश आवाज से फेफड़ों में तरल पदार्थ होने का पता चलता है। पूरी जांच के लिए डॉक्टर आपसे कुछ सवाल भी पूछ सकते हैं।
यदि आप या आपके आस-पास कोई व्यक्ति एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) से पीड़ित है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यदि व्यक्ति को किसी कीड़े ने काटा है, तो प्लास्टिक कार्ड से त्वचा पर दबाव डालें। अगर एलर्जी (Allergy) की कोई दवा मौजूद है, तो वो भी उसे दे सकते हैं। अगर व्यक्ति को सांस लेने में समस्या (Breathing problem) हो रही हो तो उसे मौखिक दवा देने की कोशिश न करें। अगर व्यक्ति ने सांस लेना बंद कर दिया है या उसके दिल ने धड़कना बंद कर दिया है, तो सीपीआर की जरूरत पड़ेगी।
अस्पताल में, एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) वाले मरीजों को एड्रेनालाईन दिया जाता है, जो एपिनेफ्रीन का सामान्य नाम है। यह दवा प्रतिक्रिया को कम करने के लिए होती है। डॉक्टर से पूछे बिना कोई दवा नहीं देनी चाहिए। इसके अलावा, आपको ऑक्सिजन (Oxygen), कोर्टिसोन (Corticoson), एक एंटीहिस्टामाइन (Antihistamine) या एक बीटा-एगोनिस्ट इनहेलर भी दिया जा सकता है। बच्चों को भी यह बीमारी हो सकती है।
अगर किसी बच्चे को दवा की जरूरत है, तो उन्हें पहले शांत करें और सुनिश्चित करें कि वे बिल्कुल ठीक हैं। यह डिवाइस को संचालित करने के लिए दोनों हाथों को स्वतंत्र छोड़ देगा। डॉक्टर बच्चे को एपीपीन इंजेक्टर (APPN Injector) भी दे सकते हैं। इंजेक्टर के कई प्रकार होते हैं। हालांकि वे आम तौर पर एक ही तरह से काम करते हैं।
दवाइयों के अलावा डॉक्टर यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मरीज को सांस लेने में तकलीफ न हो। सांस (Breathing) लेने को आसान बनाने के लिए व्यक्ति को थोड़ा आगे की ओर झुककर बैठना चाहिए। अगर वे बेहोशी महसूस करते हैं, तो उन्हें अपने पैरों को ऊपर उठाना चाहिए। अगर मरीज बेहोश हो जाता है, तो उनका सिर झुका दें जिससे वे सांस ले सकें।
अगर मरीज ने सांस लेना बंद कर दिया है, तो कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) का प्रबंध करें। डॉक्टर की मदद मिलने तक छाती को संकुचित करना जारी रखना चाहिए।
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एनाफिलेक्सिस जीवन के लिए खतरा बन सकती है। किसी को भी यह एलर्जी हो सकती है। डॉक्टर के पास तब भी जाना चाहिए जब एलर्जी ज्यादा गंभीर न लग रही हो। किसी भी एलर्जी (Allergy) से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उसकी जानकारी रखें।
हालांकि सभी एलर्जी से बचना हमेशा संभव नहीं होता है। डॉक्टर से बिना पूछे कोई दवाई न लें। साथ ही ऐसे खाद्य पदार्थों का भी सेवन न करें जिससे एलर्जी का खतरा हो। अगर आपको पहले भी एलर्जी की समस्या हो चुकी है, तो दोस्तों, परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों को इसके बारे में बताकर रखें, जिससे सही समय पर आपका इलाज हो सके।
अगर आपका एलर्जी का इलाज (Allergy treatment) चल रहा हो, तो समय-समय पर डॉक्टर को अपने लक्षणों के बारे में बताएं। कुछ दुर्लभ मामलों में देखा गया है कि अगर आप कुछ खाने के 2 से 4 घंटे के अंदर व्यायाम (Workout) करने लगते हैं, तो आपको एनाफिलेक्सिस की समस्या हो सकती
एनाफिलेक्टिक एलर्जी (Anaphylaxis Allergy) आमतौर पर किसी बाहरी पदार्थ के रिएक्शन से मिनटों शुरू हो जाती है। कुछ मामलों में देखा गया है कि इसका रिएक्शन एक घंटे बाद या कुछ दिनों बाद भी हो सकता है। कुछ लोगों मे एलर्जी (Allergy) होने का कारण कभी पता नहीं लग पाता है।
एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) की समस्या होने पर इस परेशानी को इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्टेशन जरूरी है। अगर आप एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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